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कवर्धा के पुलिस कप्तान उमेद सिंह ने सुनी जनता की समस्या...मौके पर ही कई मामलों का निराकरण

कवर्धा. पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा के निर्देशन तथा पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज दुर्ग ओपी पाल के मार्गदर्शन में रेंज के समस्त जिलों में आमजनता से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुनने एवं उसका उचित निराकरण करने के लिए पुलिस जनदर्शन कार्यक्रम का आयोजन करने निर्देशित किया गया है. इसके तहत 18 फरवरी शुक्रवार को कबीरधाम जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ लाल उमेद सिंह के कुशल नेतृत्व में जिले के चारों अनुविभाग, कवर्धा, लोहारा, पंडरिया, बोड़ला, में जनदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

इस कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह ने स्वयं पंडरिया अनुविभाग के जनदर्शन पंडरिया थाने पहुंचकर आम जनता की समस्याओं का निराकरण किया गया.इसके साथ ही कुछ प्रकरण अन्य विभागों से संबंधित होने से उक्त शिकायत पत्रों को संबंधित विभाग तक तत्काल निराकरण हेतु भेजने के लिए आश्वासन दिया गया.

थाना परिसर में ही कोटवार सम्मान समारोह एवं बचपन बचाओ बच्चे पढ़ाओ अभियान का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया. इसमें पंडरिया क्षेत्र के ग्राम कोटवारों को नेम प्लेट, डायरी पेन तथा सफेद गमछा व श्रीफल प्रदान कर सम्मानित कर ग्राम कोटवारों को क्षेत्र को पूर्णता अपराध मुक्त बनाने पुलिस का हरसंभव मदद करने तथा समय-समय पर थाना आकर उपस्थिति देने निर्देशित किया गया. क्षेत्र के घुमंतू बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से कॉपी, किताब, स्कूल बैग, पेन एवं अन्य उपयोगी वस्तुओं का वितरण कर मन लगाकर पढ़ाई करने तथा अपना एवं परिवार जनों का नाम रोशन करने कहा गया. इस कार्यक्रम में पंडरिया अनुविभागीय अधिकारी नरेंद्र कुमार बेंताल, निरीक्षक मुकेश यादव, थाना पांडातराई निरीक्षक सुशील मलिक, थाना प्रभारी कुकदुर निरीक्षक मुकेश सोम, थाना प्रभारी कुंण्डा निरीक्षक श्री बीपी तिवारी, स्टेनो युवराजा असटकर, पुलिस चौकी दमापुर प्रभारी सहायक उपनिरीक्षक रघुवंश पाटिल, महिला सेल तथा चाइल्डलाइन टीम एवं क्षेत्र के सम्माननीय नागरिक, एवं क्षेत्रवासी तथा ग्राम कोटवार एवं छोटे बच्चे उपस्थित थे.

 

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अमित शाह ने योगी को निपटा दिया अब मोदी निपटाएंगे...मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की टिप्पणी चर्चा में

रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अभी थोड़ी देर पहले फेसबुक पेज पर एक जोरदार टिप्पणी लिखी है. बघेल ने लिखा है- अमित शाह ने यूपी चुनाव के पहले और दूसरे चरण में योगी को निपटा दिया है. छठें और सातवें चरण में नरेंद्र मोदी निपटाएंगे. देखना यह है कि दोनों को योगी निपटाते हैं या दोनों मिलकर योगी को.

बघेल की इस टिप्पणी की सार्वजनिक होते ही फेसबुक पर कमेंट करने वालों की बाढ़ आ गई है. हालांकि मुख्यमंत्री ने जो टिप्पणी की है वह यथार्थ के करीब है. पिछले कुछ समय राजनीतिक धुंरधर यह बात कहते आए हैं कि इस बार योगी की नैय्या पार लगना कठिन है. एक वजह तो सरकार की जनविरोधी नीतियां है तो दूसरी वजह योगी का प्रधानमंत्री पद तक पहुंचने का ख्वाब भी है. सब जानते हैं कि योगी हिन्दुत्व का कट्टर चेहरा बनकर संघ के एकदम करीब जा पहुंचे हैं. कहा जाता है कि संघ भी योगी को पीएम के रुप में देखना चाहता है. जब योगी पीएम पद की दौड़ में शामिल हो जाएंगे तो फिर मोदी और शाह को कुछ तो करना ही होगा. गोदी मीडिया को छोड़कर यूपी की खाक छानने वाले वैकल्पिक मीडिया और विश्लेषकों का भी दावा है है कि इस बार यूपी में भाजपा बुरी तरह से परास्त होने वाली है. कुछ विश्लेषकों का कहना है कि इस बार चुनाव में भाजपा सौ का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी.पहले और दूसरे चरण के चुनाव में भाजपा बुरी तरह से पिछड़ गई है.

 

यूपी के पहले चरण में जिन 58 सीटों पर चुनाव हुआ वहां 2017 में भाजपा की लहर थीं. भाजपा ने यहां 53 सीटें जीतकर सपा, बसपा और राष्ट्रीय लोकदल को मुकाबले से बाहर कर दिया था, लेकिन इस बार भाजपा ने हार के डर से अपने कई लोगों की टिकट काट दी थीं. पहले चरण के चुनाव में नौ मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हैं. जो रिपोर्ट आ रही है उसमें कहा जा रहा है कि जनता ने मंत्रियों को भी सबक सीखा दिया है. किसान आंदोलन के बाद भाजपा के खिलाफ बगावती सुर और सपा-रालोद का गठबंधन मंत्रियों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है. कांग्रेस की दस्तक भी जबरदस्त है. जातीय समीकरणों से लेकर क्षेत्र में जनता के साथ व्यवहार दोनों ही मुद्दों पर योगी के खिलाफ नाराजगी देखने को मिली है.

इधर 14 फरवरी को नौ जिलों की जिन 55 सीटों पर चुनाव हुआ है उनमें से अधिकांश जिले मुस्लिम बाहुल्य है. पिछली बार भाजपा को 55 में से 38 सीटें मिली थीं, लेकिन विश्लेषक कहते हैं कि इस बार दूसरे चरम में चार-पांच सीटें मिल जाय तो बहुत ज्यादा है.

 

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जोन क्रमांक छह के अधिकारियों के संरक्षण में फल-फूल रहा है अवैध कब्जे का कारोबार

जोन क्रमांक छह के अधिकारियों के संरक्षण में फल-फूल रहा है अवैध कब्जे का कारोबार

खाली जमीन पर वृक्षारोपण नहीं कर सकते... लेकिन जितना चाहे अवैध कब्जा कर लीजिए

लोकप्रिय महापौर की इमेज को बट्टा लगाने पर तुले हुए अधिकारी

रायपुर. कुछ अधिकारी तो अपनी कर्तव्यनिष्ठा के चलते रायपुर नगर निगम को ऊंचाईयों पर ले जाने का काम कर रहे हैं, लेकिन कुछ अधिकारी ऐसे भी हैं जो प्रदेश के सबसे लोकप्रिय महापौर एजाज ढेबर के नाम को बट्टा लगाने पर तुले हुए हैं. बट्टा लगाने वाले अधिकारियों में जोन क्रमांक छह के कई अधिकारियों का नाम शामिल है. वैसे तो यहां जितने भी अधिकारी पदस्थ है वे सब ऐन-केन-प्रकारेण अपनी अवैधानिक गतिविधियों के चलते सुर्खियों में रहे हैं, लेकिन हाल-फिलहाल यहां पदस्थ अधिकारियों की वजह से अवैध कब्जे का कारोबार जमकर फल-फूल रहा है.

वार्ड क्रमांक 61 जो जोन क्रमांक छह के अंतर्गत आता है वहां के भाठागांव इलाके में शीतला मंदिर चौक से महादेव घाट जाने वाली सड़क के किनारे भू-माफियाओं द्वारा धड़ल्ले से बेजा कब्जा किया जा रहा है. कोई होटल बना रहा है तो कोई चाय-नाश्ते की पक्की गुमटी खोलकर अवैध कब्जा कर रहा है. इसी इलाके में एक अखबार समाचार लोक का प्रकाशन दफ्तर भी है. इस अखबार के संचालक ने बेजा अवैध कब्जे को लेकर कई मर्तबा नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों के पास शिकायत भी की है. उनकी शिकायत का मजमून यहीं था कि खाली जमीन पर धड़ल्ले से कब्जा हो रहा है. निगम को इसे रोकना चाहिए. जब निगम ने उनकी इस मांग पर ध्यान नहीं दिया तो संचालक ने बीते शनिवार यह तय किया कि कब्जे से बचने के लिए खाली जमीन पर वृक्षारोपण ही कर दिया जाय. लेकिन उनके द्वारा वृक्षारोपण की कार्रवाई प्रारंभ करते ही जोन क्रमांक छह के अधिकारी दलबल के साथ पहुंच गए और उन्होंने बांस-बल्ली, कुदाल-गैती-रापा सबको जप्त कर लिया. अमले ने वहां मौजूद सीमेंट के खंबों को भी गिरा दिया. जब इसका कारण पूछा गया तो एक अधिकारी ने बड़ी बे-अदबी से कहा- यहां सब कुछ हो सकता है... बस वृक्षारोपण नहीं कर सकते. जब वहां मौजूद अधिकारियों को अवैध कब्जों के बारे में जानकारी दी गई तो उन्होंने कहा कि जिनको आप अवैध कब्जा बता रहे हैं वे सब लोग समय-समय पर हमारी सेवा करते हैं. अगर वृक्षारोपण करना है तो महापौर से अनुमति लीजिए. बाकी किसी बात के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं है... हम लोग बैठे हैं.

यहां बताना जरूरी है कि इस इलाके में जितनी भी जगह खाली पड़ी है वहां धडल्ले से कब्जे का खेल चल रहा है. पूरे इलाके में अवैध कब्जाधारियों की बाढ़ आई हुई है. बेजा कब्जे की वजह से आवागमन में काफी बाधा उत्पन्न हो रही है. यहां कई बड़ी दुर्घटना भी हो चुकी है. आए दिन एक्सीडेंट देखने को मिलता है. अवैध कब्जे की वजह से यह इलाका असामाजिक तत्वों का अड्डा भी बन गया है. यह इलाका गांजा-शराब पीकर लड़ने-झगड़ने वालों के एक प्रमुख  केंद्र के रुप में तब्दील हो गया है.

स्थानीय लोगों में है भारी नाराजगी 

बेजा कब्जे के चलते स्थानीय नागरिकों में बेहद नाराजगी भी देखी जा रही है. लोग अपनी पीड़ा से अधिकारियों को अवगत कराते रहे  हैं, लेकिन अधिकारियों के कान में जूं नहीं रेंगती है. स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अवैध निर्माण की नींव डाले जाने के साथ ही निगम का अमला किसी खोल में घुस जाता है.

महापौर से अनुमति ले लीजिए

जिस जगह से खंबा हटाया गया है वहां कोई दूसरा काम होना है. अगर वृक्षारोपण करना है तो महापौर से अनुमति ले लीजिए.

नेतराम चंद्राकर / जोन कमिश्नर जोन छह-भाठागांव


अभी उत्तर प्रदेश में हूं

मुझे अभी कुछ भी पता नहीं है. अभी यूपी में हूं. जोन कमिश्नर से जानकारी लेकर ही आपको बता पाऊंगा. एजाज ढेबर महापौर / रायपुर नगर निगम

वृक्षारोपण का पक्षधर हूं

मैं वृक्षारोपण का पक्षधर हूं. वृक्षारोपण तो होना ही चाहिए. वृक्षारोपण की वजह से शहर हरा-भरा रहता है. जो लोग अवैध कब्जे को अंजाम दे रहे हैं वह गलत है. मैं जल्द ही जोन कमिश्नर से बात करूंगा. प्रमोद दुबे, सभापति नगर पालिका निगम

 

 

 

 

 

 

 

 

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थप्पड़ की कपोल घटना के जरिए मंत्री शिव डहरिया और सरकार को बदनाम करने की साजिश

रायपुर. पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया और कुछ तथाकथित मुख्यधारा के समाचार पत्रों में यह खबर प्रचारित और प्रसारित हो रही थीं कि छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री शिव कुमार डहरिया ने पानी की मांग करने वाले एक युवक को थप्पड़ जड़ दिया है. इस बारे में मंत्री डहरिया का कहना है कि एक पुराने वीडियो को वायरल कर जन सामान्य के बीच झूठी खबर प्रचारित करने की साजिश रची गई है. मंत्री ने एक पत्रकारवार्ता में साफ किया कि दिनांक 9 जनवरी 2022 को ग्राम रीवां में आयोजित भूमिपूजन कार्यक्रम था. इस कार्यक्रम में साहू समाज के प्रमुखजनों के अलावा कई महत्वपूर्ण जनप्रतिनिधि उपस्थित थे. इस दौरान मंच पर ही स्थानीय ग्रामीण महिलाओं से गांव में पानी पहुंचाने को लेकर सौहाद्रपूर्ण चर्चा हो रही थीं कि तभी अचानक असामाजिक तत्वों द्वारा व्यवधान उत्पन्न किया गया. वीडियो में यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि मंच से उतरने के बाद मंत्री जी पर अपशब्द कहे जाने पर उन्हीं असामाजिक तत्वों को सुरक्षाकर्मी द्वारा हटाया जा रहा है. इसी वीडियो में संलिप्त असामाजिक तत्वों पर स्थानीय पुलिस द्वारा उसी रात तत्काल कार्रवाही की गई थी.

सरकार की छवि धूमिल करने की साजिश

इस वीडियो का उपयोग सामाजिक सौहाद्र को बिगाड़ने के लिए भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा व्हाट्सअप ग्रुप के माध्यम से आरंग विधानसभा क्षेत्र में “जिला साहू समाज के अध्यक्ष देवनाथ साहू का अपमान“ करके प्रसारित किया गया. इस घटना की जानकारी होने पर तुरंत ही स्वयं जिला साहू समाज के अध्यक्ष देवनाथ साहू द्वारा इस समाचार का खंडन भी कर दिया गया. सरकार की छवि को धूमिल करने में एक दैनिक समाचार पत्र की भी अहम भूमिका रही है. इस समाचार पत्र ने बगैर किसी आधार के “मांगा पानी, डहरिया ने मारा झापड़“ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर दी. जबकि वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि सुरक्षा कर्मियों द्वारा असामाजिक तत्वों को पीछे हटाया जा रहा है. इस आधारहीन समाचार को ही आधार मानकर भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री और मंत्री एवं कार्यकर्ताओं द्वारा षड़यंत्र रचकर सरकार की छवि को धूमिल करने का घिनौना प्रयास किया जा रहा है. ये निंदनीय है. इस घटना को भारतीय जनता पार्टी के नेता विशेषकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, अजय चंद्राकर सहित अन्य नेताओं ने जिस प्रकार से टिव्टर पर प्रचारित किया  उससे स्पष्ट हो रहा है कि भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने इसे जानबूझकर कारित करवाया है ताकि मंत्री की छवि को खराब किया जा सके. जो लोग समस्या लेकर आये थे वे चले गये तथा जो लोग हल्ला मचा रहे थे वे दूसरे थे. पुलिस जांच कर रही है वस्तुस्थिति सामने आयेगी.

प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री संगठन चंद्रशेखर शुक्ला ने कहा कि भाजपा राज्य सरकार की छवि धूमिल करने मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया के ऊपर मनगढ़त झूठे आरोप लगा रही है. भाजपा का चरित्र अफवाह फैलाकर राजनीति करना है. इसके पहले भी इस प्रकार षड़यंत्र कूटरचना भाजपा के द्वारा की गयी थीं.

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह एक वीडियो के तथ्यों को गलत ढंग से प्रस्तुत कर मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. रमन सिंह को याद रखना चाहिए कि प्रशासनिक आतंक का दौर उनकी सरकार के साथ ही चला गया है. आज आम आदमी बिना खौफ के अपनी बात मुख्यमंत्री, मंत्रियों के सामने कर सकता है. जब रमन सिंह मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के किसान सम्मेलन में अपनी बात रखने वाले युवा को बुरी तरह पिटवाकर जेल भिजवाया था. विकास यात्रा के दौरान स्कूल के लिए शिक्षक और सुविधायें मांगने वाले बच्चियों के ऊपर लाठीचार्ज करवाया था. जब धमतरी के किसान पानी मांग रहे थे तब रमन सिंह ने उन पर लाठियां चलवाई थी. इस घटना में एक किसान की मौत भी हो गयी थीं. बिलासपुर के कांग्रेस भवन में रमन सरकार की गुण्डागर्दी को पूरे प्रदेश ने देखा था. शिक्षाकर्मियों, नर्सों एवं छात्रों के ऊपर चलवाई गई लाठी को कोई भूला नहीं है. हाल ही में उनके पूर्वमंत्री भैयालाल रजवाड़े ने एक गरीब ठेले वाले को इसलिये धमकाया कि उसने उसके समर्थकों से उधार का पैसा मांग लिया था. भैय्यालाल ने सीधे-सीधे धमकाते हुए कहा-यहां कैसे धंधा करोगे देखता हूं. गुंडागिरी राजनैतिक, आतंकवाद भाजपा का चरित्र है, कांग्रेस का नही. पत्रकारवार्ता में अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेन्द्र छाबड़ा, प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, घनश्याम राजू तिवारी, सुरेन्द्र वर्मा, नितिन भंसाली, अजय गंगवानी, विकास विजय बजाज उपस्थित थे.

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उसका नाम है खरगोश... चुराता था बकरियां और पकड़ाया अंडा थाने में

रायपुर. दुर्ग जिले के अंडा थाने की पुलिस ने खरगोश नाम के एक नामी बकरी चोर को पकड़ा है.भगवान दास जोशी उर्फ खरगोश वैसे तो भिलाई का रहने वाला है,लेकिन वह पाटन, कवर्धा, राजनांदगांव सहित कई इलाकों में घूम-घूमकर बकरियां चोरी करता था. अंडा थाने के आसपास के इलाके में पिछले कुछ दिनों कई बकरियां गायब हुई थीं.एक शिकायत के बाद पुलिस जब सक्रिय हुई तो कुछ बकरियों के साथ खरगोश हत्थे चढ़ गया.पुलिस के मुताबिक खरगोश आदतन अपराधी है. उसके ऊपर मारपीट-झगड़ा-लड़ाई के केस भी दर्ज हैं. पुलिस ने बताया कि आरोपी को जेल भेज दिया गया है.एक अनुमान है कि खरगोश ने अब दो हजार से ज्यादा बकरियां चुराई होगी.
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एक पत्रकार को फंसाने के लिए फर्जी डायरी में 60-60 लाख दो इंट्री दर्ज की थीं चंद्राकर ने

रायपुर. स्कूल शिक्षा विभाग की कथित डायरी का सच सामने आने के बाद कुछ नए तथ्य भी सामने आ रहे हैं. बताया जाता है कि पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी जीआर चंद्राकर ने अपने दो गुर्गों के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ के एक पत्रकार संदीप तिवारी को फंसाने का उपक्रम भी रचा था. संदीप एक अखबार में कार्यरत है और पिछले कई सालों से शिक्षा विभाग से जुड़ी खबरों को ही देखते हैं. उन्होंने कुछ समय पहले अपनी एक खबर में इस बात का भंडाफोड़ किया था कि कैसे जीआर चंद्राकर ने अपनी सेवानिवृत्ति के आखिरी दिन राइट टू एजुकेशन का पैसा कुछ ऐसे स्कूलों को ट्रांसफर कर दिया था जो अस्तित्व में ही नहीं थे.

उनकी इस खबर पर जब बवाल कटा तब चंद्राकर ने फर्जी डायरी में 60-60 लाख की दो इंट्री पत्रकार के नाम के साथ जोड़ दी थीं. जो लोग भी संदीप तिवारी के आचार-व्यवहार और कामकाज से वाकिफ है वे जानते थे कि हकीकत क्या है ? संदीप तिवारी के नाम पर इतनी भारी रकम की इंट्री देखकर सबने इसे पहली नज़र में ही फेंक मान लिया था.संदीप पिछले कुछ समय से अपनी मां की बीमारी को लेकर परेशान चल रहे थे. कथित डायरी के सामने आने के कुछ दिन पहले ही उन्होंने जैसे-तैसे ( उधार लेकर ) मां की दवाईयों के 10 हजार रुपए का इंतज़ाम किया था. ऐसे में यह खबर उन्हें परेशान करने वाली तो थीं ही.अगर पुलिस इस मामले को जल्द ही उजागर नहीं करती तो बहुत संभव था पत्रकार को नौकरी से हाथ धोना पड़ता.

इधर कथित डायरी का सच सामने आने के बाद जीआर चंद्राकर की कारगुजारियों को लेकर कई और बातें भी सामने आ रही हैं. सूत्रों का कहना है कि चंद्राकर जब बलौदाबाजार में पदस्थ थे तब उन्होंने प्रधान पाठकों को प्रमोशन देने के नाम पर अच्छी-खासी धनराशि बटोर ली थीं. वे ही प्रधान पाठक प्रमोशन हासिल कर पाए जिन्होंने चढ़ावा दिया था. फिलहाल जीआर चंद्राकर जेल में हैं. उनके साथ-साथ होम्योपैथी कॉलेज के सचिव संजय सिंह ठाकुर और एक टाइपिस्ट कपिल कुमार देवदास को भी जेल भेज दिया गया है.सूत्रों का कहना है कि इस मामले एक शहरी स्त्रोत समन्वयक, एक प्रधान पाठक और लोक शिक्षण संचालानालय के दो तीन लिपिकों की भूमिका भी संदेह के दायरे में है. फिलहाल पुलिस पुख्ता सबूत जुटाने में लगी है. यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो कुछ और लोग भी हिरासत में लिए जा सकते हैं. वैसे इस घटनाक्रम का दीएंड करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी बधाई देनी होगी. शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह ने जैसे ही उन्हें अवगत कराया कि एक कथित डायरी के कुछ पन्नों को सर्कुलेट कर यह बताया जा रहा है कि पदस्थापना और तबादले के नाम पर छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग में करोड़ों रुपए की उगाही हुई है... वैसे ही मुख्यमंत्री ने मामले में तेजी से जांच के आदेश दे दिए. मुख्यमंत्री बार-बार यहीं कहते हैं कि कानून से बड़ा कोई नहीं है. यह बात वे सच कहते हैं....क्योंकि कथित डायरी कांड में गिरफ्तार एक आरोपी संजय सिंह ठाकुर कांग्रेस से जुड़े हुए हैं.

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सरकार को बदनाम करने वाली कथित डायरी का मास्टर माइंड चढ़ा पुलिस के हत्थे... अभी कुछ और लोग संदेह के घेरे में.

रायपुर.स्कूल शिक्षा विभाग की 366 करोड़ की कथित डायरी के मामले में पुलिस ने सेवानिवृत्त शिक्षा अधिकारी जीआर चंद्राकर, होम्योपैथी कॉलेज के सचिव संजय कुमार ठाकुर और एक टाइपिस्ट कपिल कुमार देवदास को गिरफ्तार कर लिया है. सूत्रों का कहना है कि इस मामले एक शहरी स्त्रोत समन्वयक, एक प्रधान पाठक और लोक शिक्षण संचालानालय के दो तीन लिपिकों की भूमिका भी संदेह के दायरे में है. फिलहाल पुलिस पुख्ता सबूत जुटाने में लगी है. यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो कुछ और लोग भी हिरासत में लिए जा सकते हैं.

बताते चलें कि जीआर चंद्राकर वहीं हैं जिनकी कभी शिक्षा विभाग में तूती बोला करती थीं. वे लंबे समय तक रायपुर में जिला शिक्षा अधिकारी के तौर पर तैनात थे. जनवरी 2021 में सेवानिवृत्त हो जाने के पश्चात वे उसी पद पर संविदा नियुक्ति चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. उनकी जगह एएन बंजारा को जिला शिक्षाधिकारी बना दिया. उन्हें यह लगने लगा था कि वर्तमान शिक्षा अधिकारी एएन बंजारा, आर एन सिंह, संयुक्त संचालक केसी काबरा, एबीईओ प्रदीप शर्मा और मंत्री के निज सचिव अजय सोनी उसकी नियुक्ति के मार्ग में रोड़ा अटका रहे हैं. उक्त लोगों से बदला लेने और सरकार को बदनाम करने के लिए उसने एक कथित डायरी तैयार की और उसके पन्नों को सकुर्लेट किया.

इन पन्नों के जरिए यह बताने की कवायद चल रही थीं कि सरकार के शिक्षा विभाग में तबादले के नाम पर करोड़ों का लेन-देन चल रहा है. जिस आशुतोष चावरे के नाम से इधर-उधर शिकायत भेजी गई थी जब पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उन्होंने किसी भी तरह की शिकायत से इंकार किया. लोक शिक्षण संचालानालय में उपसंचालक की हैसियत से कार्यरत चावरे ने इस झूठी शिकायत पर नवा रायपुर के राखी थाने में भादवि के धारा 419 तथा 469 के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला पंजीबद्ध भी करवाया. आरोपितों ने पुलिस की पूछताछ में कबूल कर लिया है कि डायरी पूरी तरह फर्जी है और यह सब कुछ अफसरों और सरकार को बदनाम करने के लिए किया गया था. उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेम साय सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलकर मामले की जांच करने की मांग की थी.मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस ने जांच तेज की और देर शाम तक तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया.

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अंतरराज्यीय बस टर्मिनल में गुंडे-मवाली-शराबी, जुआरी और सटोरियों का जमावड़ा

रायपुर. छत्तीसगढ़ में रायपुर के भाठागांव क्षेत्र में अंतरराज्यीय बस टर्मिनल खुल तो गया है, लेकिन इस टर्मिनल और उसके आसपास गुंडे-मवाली-शराबी, सटोरियों और जुआरियों का जमावड़ा देखा जा सकता हैं. भाठागांव से पहले बस स्टैंड पंडरी में स्थित था तब वहां असमाजिक तत्वों की तूती बोलती थीं. यात्रियों के साथ हर दिन मारपीट व हील-हुज्जत की घटनाएं आम बात थीं. इलाके में डेरा जमाकर बैठे गंजेड़ी और नशेड़ी परेशान अलग करते थे. उम्मीद की जा रही थीं कि अंतरराज्यीय बस टर्मिनल खुलने से कुछ राहत मिलेगी, लेकिन यहां से भी अपना सफ़र शुरू और खत्म करने वाले यात्रियों को खराब अनुभव से गुजरना पड़ रहा है. यहां मौजूद एक पार्किंग स्थल के आसपास गुंडे और मवालियों का जमघट कायम रहता है. बताते हैं कि जबसे पार्किंग स्थल खुला है तब से यहां सटोरियों और जुआरियों की मौज हो गई हैं. पार्किंग के नाम पर यात्रियों से बदसलूकी भी आम हो गई हैं. वैसे तो यह इलाका टिकरापारा थाना क्षेत्र के अधीन है. इस थाने के अधीन श्रमिकों की बस्तियां भी आती है. खबर है कि संजय नगर और उसके आसपास के इलाकों में रहने वाले कम उम्र के बच्चे नशे के आदी हो रहे हैं और नशे की लत को पूरा करने के लिए बस टर्मिनल की तरफ ही दौड़ लगाते हैं. जानकारों का कहना है कि अगर समय रहते पुलिस प्रशासन ने सख्ती नहीं बरती तो यह टर्मिनल अपराध के एक बड़े अड्डे में तब्दील हो जाएगा.
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आरटीआई अध्यक्ष के खिलाफ एनजीओ संचालिका ने की मुख्यमंत्री से शिकायत

रायपुर. एक राजनीतिक दल के आरटीआई अध्यक्ष पर एक महिला ने गंभीर आरोपों की झड़ी लगा दी है. जगदलपुर से अर्शिल शिक्षण व प्रशिक्षण वेलफेयर सोसायटी संचालित करने वाली शमीम सिद्धकी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भेजी गई शिकायत में आरटीआई अध्यक्ष को आड़े हाथों लिया है. महिला ने आरटीआई अध्यक्ष के एक निज सहायक के फोन को रिकार्ड करने का दावा भी किया है. महिला का कहना है कि निज सहायक उससे सीधे-सीधे पचास फीसदी हिस्सेदारी की बात करते हुए कह रहे हैं कि अगर पैसा नहीं दिया गया तो जैव विविधता बोर्ड की तरफ से सौंपा गया काम निरस्त करवा दिया जाएगा. शमीम का कहना है कि पूर्व में भी आरटीआई अध्यक्ष और उनसे जुड़े लोगों ने चार से पांच लाख रुपए उनसे वसूल लिए हैं.

शमीम ने पत्र में लिखा है कि उनकी संस्था वर्ष 2005 से ही छत्तीसगढ़ की सरकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कार्य कर रही है. संस्था मुख्य रुप से घरेलू हिंसा में महिलाओं के संरक्षण, एचआईवी की रोकथाम, महिला उत्थान, बंधवा मजदूर, कौशल उन्नयन, विधिक सेवा, मानव तस्करी की रोकथाम और लोक जैव विविधता पंजी निर्माण का काम करती है.

महिला ने बताया कि आरटीआई अध्यक्ष और उनके साथ जुड़े हुए दो अन्य लोग आए दिन उनकी छवि खराब करने का काम कर रहे हैं. बड़े राजनेताओं के साथ निजी संबंधों का हवाला देते हुए गत एक साल से उनके ऊपर मानसिक दबाव डाला जा रहा है. आरटीआई अध्यक्ष कहते हैं कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वे छत्तीसगढ़ में काम नहीं करने देंगे. आरटीआई अध्यक्ष का कहना है कि छत्तीसगढ़ के हर शासकीय काम में उनकी भूमिका रहती है. वे जो बोलेंगे वहीं होगा क्योंकि कई मंत्री और अधिकारी उनके आफीस में बैठकर चाय पीते हैं.

एनजीओ संचालिका ने पत्र में जानकारी दी है कि वह फिलहाल जैव विविधता बोर्ड की ओर से सौंपे गए काम को बेहतर ढंग से कर रही है, लेकिन आरटीआई अध्यक्ष इस बात की धौंस दे रहे हैं कि अगर परियोजना राशि का 50 फीसदी उन्हें नहीं दिया गया तो वे जैव  विविधता कार्यादेश निरस्त करवा कर उनकी संस्था को काली सूची में डलवा देंगे.

 

शमीम सिद्धकी ने आगे लिखा है- मैंने आरटीआई अध्यक्ष की अनुचित मांगों के संबंध में संगठन के प्रभारी महामंत्री को भी मौखिक तौर पर जानकारी दी है. आरटीआई अध्यक्ष ने एक शख्स को निज सहायक बना रखा है. यह शख्स आए दिन कहता है कि अभी भी वक्त है पचास प्रतिशत दे दो नहीं दो कार्यादेश निरस्त करवा दिया जाएगा. शमीम का कहना है कि हर एनजीओ शासन से अच्छा और बेहतर काम हासिल हो जाए इसकी उम्मीद करता है. आरटीआई अध्यक्ष, उसके सहायक और उनके साथ जुड़े एक शख्स ने उन्हें कभी यह बताया था कि वन-धन योजना के अंर्तगत बड़ा काम दिया जाएगा. इस बाबत उन्होंने एक हजार रुपए के स्टांप पेपर पर एग्रीमेंट भी करवाया था. शमीम ने अपने पत्र के साथ एग्रीमेंट की प्रति भी मुख्यमंत्री के पास भेजी है. महिला ने आरटीआई अध्यक्ष पर कार्रवाई की मांग की है. महिला का कहना है कि आरटीआई अध्यक्ष और उनके साथ जुड़े हुए लोग धमकी-चमकी और दबाव बनाने के खेल में संलिप्त रहकर लोकप्रिय और जनप्रिय सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे हैं. महिला ने आरटीआई अध्यक्ष और उनके साथ जुड़े हुए लोगों की शिकायत कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, प्रभारी महामंत्री रवि घोष और पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी को भी भेजी है.

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गांधी को अपशब्द कहने वाला कथित संत चढ़ा पुलिस के हत्थे... मध्यप्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार

रायपुर. महात्मा गांधी पर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले कथित संत कालीचरण को छत्तीसगढ़ पुलिस ने अल-सुबह चार बजे मध्यप्रदेश के खजुराहो से 25 किलोमीटर दूर बागेश्वर धाम में एक किराए के मकान से गिरफ्तार कर लिया है. खबर हैं कि पुलिस उन्हें अपने साथ लेकर गुरुवार की शाम तक रायपुर पहुंच जाएगी. जो सूचनाएं मिल रही हैं उसके मुताबिक कालीचरण ने पुलिस को चकमा देने के लिए एक घटिया किस्म के लॉज को किराए पर ले रखा था. इसके अलावा उसके समर्थकों ने एक कॉटेज में भी उसके ठहरने का इंतज़ाम कर रखा था. कथित संत को भरोसा था कि पुलिस उसे ज्यादा से ज्यादा लक्जरी होटल में तलाश करेगी. पुलिस से बचने के लिए वह बार-बार लोकेशन भी बदल रहा था. उसके पीए का मोबाइल कभी बंद कभी चालू बता रहा था. छत्तीसगढ़ पुलिस ने जब उसे गिरफ्तार किया तो उसने कहा- तुमको सबको श्राप लगेगा. सब भस्म हो जाओगे...तुम जानते नहीं किस पर हाथ डाल रहे हो.एक पुलिसकर्मी ने बेहद विनम्रतापूर्वक कहा- चलिए...महाराज जी...आपके चलने का टाइम आ गया है.

कालीचरण की गिरफ्तारी के साथ ही उनके समर्थक जमानत आदि के लिए सक्रिय हो गए हैं. समर्थक उनकी गिरफ्तारी को साधु-संत और हिन्दुत्व का अपमान बताने के खेल में भी जुट गए हैं. समर्थकों में कुछ कथित किस्म के राष्ट्रवादी पत्रकार भी शामिल हैं. इन पत्रकारों ने कुछेक साइट पर खबर चलाई हैं कि महाराज ने बेहद बहादुरी के साथ पुलिस का सामना किया और स्वयं थाने जाकर सरेंडर कर दिया. जबकि हकीकत यह है कि कथित संत पुलिस को लगातार चकमा देकर बचने के फिराक में था. मूलतः महाराष्ट्र के रहने वाले कालीचरण ने अपने छिपने के लिए मध्यप्रदेश के खजुराहो का चुनाव भी इसलिए किया था क्योंकि उसे यकीन था कि वहां भाजपा की सरकार से जुड़े नामचीन राजनेता उसकी मदद करेंगे और उसे बचा लेंगे.

वैसे छत्तीसगढ़ की बघेल सरकार को मानना पड़ेगा कि उसने वैमनस्यता और सांप्रदायिकता फैलाने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटने के लिए खुद को पूरी तरह से तैयार कर रखा है. जब कथित संत ने यहां की धर्म संसद में गांधी को लेकर जहर उगला था तभी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साफ कर दिया था कि ऐसे विषाक्त लोगों को समाज स्वीकृति नहीं देगा और कानून अपना काम करेगा. गांधी पर अमर्यादित टिप्पणी सामने आने के बाद नफरती चिंटूओं ने यह अफवाह भी फैलाई थीं कि कोई भी महाराज का कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा...लेकिन महाराज की चालबाजी उलटी पड़ गई. कालीचरण की गिरफ्तारी के बाद देश की एक बड़ी आबादी सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों में खुशी जाहिर कर रही हैं.नफरत से दूर रहकर अमन-चैन पर यकीन करने वाले लोग लिख रहे हैं कि किसी भी सूरत में महाराज पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो क्या गाड़ी वैसे ही पलट सकती हैं जैसे यूपी में विकास दुबे को लेकर पलटी थीं ? खबर है कि इस कथित संत को पुलिस छत्तीसगढ़ लेकर आ रही है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस कथित संत के लिए पैरवी कौन करेगा ? समरसता पर यकीन रखने वाले लोगों का मानना है कि कालीचरण की हिमायत वहीं लोग करने वाले हैं जो देश को गृहयुद्ध की तरफ धकेलना चाहते हैं.

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गांधी को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले बाबा पर एफआईआर दर्ज

रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में धर्म संसद का आयोजन किया गया था. इस आयोजन के अंतिम दिन 26 दिसम्बर को महात्मा गांधी पर की गई अपमानजनक टिप्पणी के बाद एक बाबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई हैं. जिस बाबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई हैं वे महाराष्ट्र के हैं और उनका नाम कालीचरण बताया गया है. हालांकि बाबा का सोशल एकाउंट खंगालने पर पता चलता है कि उन्हें सनातन धर्म की खूब चिंता हैं, लेकिन देश के एक समुदाय विशेष से खासी नफरत भी हैं. उनकी अधिकांश पोस्ट वैमनस्यता और नफरत को बढ़ावा देने वाली बातों से अटी पड़ी हैं. वैसे सांप्रदायिकता के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं का एकाउंट बंद करने वाले टिव्हटर और फेसबुक की नज़र अब तक बाबा पर क्यों नहीं पड़ी...यह भी आश्चर्य और शोध का विषय है ? बाबा ने धर्म संसद में अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए देश के विभाजन के लिए गांधी जी को जिम्मेदार बताते हुए नाथूराम गोडसे के कृत्य को जायज ठहराया था.उनकी इस टिप्पणी के बाद देर रात बवाल मचा और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने सिविल लाइन थाने पहुंचकर बाबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई. पूर्व महापौर प्रमोद दुबे ने भी बाबा के वकतव्य को घोर अपमानजनक बताते हुए शिकायत दर्ज करवाई है. फिलहाल बाबा काली चरण के खिलाफ धारा 502 ( 2 ) और 294 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है. गौरतलब है कि धर्म संसद का आयोजन नीलकंठ सेवा संस्थान की तरफ से किया गया था.इस आयोजन में भाजपा से जुड़े राजनेता तो आमंत्रित थे ही...कांग्रेस से जुड़े लोग भी बड़ी संख्या में मौजूद थे. आयोजन के मुख्य संरक्षक राज्य गौ-सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास भी विशेष रुप से उपस्थित थे. उन्होंने कालीचरण के बयान पर अपनी गंभीर असहमति जताई और खुद को धर्म संसद से अलग कर मंच छोड़ दिया. महात्मा गांधी पर अपमानजनक टिप्पणी के बाद बाबा को गिरफ्तार करने की मांग भी उठने लगी हैं.

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रायगढ़ में महिला से अनाचार करने वाला युवक चढ़ा पुलिस के हत्थे

रायपुर. छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में एक महिला से लंबे समय तक अनाचार करने वाला पुरूषोत्तम पटेल पुलिस के हत्थे चढ़ गया है. रायगढ़ थाने के  प्रभारी मनीष नागर ने बताया कि युवक फरारी काट रहा था, लेकिन आज उसे गिरफ्त में ले लिया गया.

गौरतलब है कि रायगढ़ के एमजी रोड़ में निवास करने वाली एक युवती ने ग्राम देवल सुरा के रहने वाले पुरूषोत्तम पटेल पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था. युवती की शिकायत के बाद पुलिस ने 26 नवम्बर शुक्रवार को आरोपी के खिलाफ मामला पंजीबद्ध कर लिया था. युवती का आरोप था कि जिस रोज अपराध पंजीबद्ध किया गया था आरोपी को थाने लाया गया था, लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया गया. इधर थाना प्रभारी मनीष नागर ने बताया कि युवती लंबे समय से युवक के साथ लिव-इन-रिलेशनशिप में रह रही थीं. दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ तो वह थाने चली आई. मैंने अपने उच्चाधिकारियों को पूरी बात बताई और फिर अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया था. नागर ने जानकारी दी कि वे एक आवश्यक काम के सिलसिले में मुंबई महाराष्ट्र गए हुए थे. वहां से लौटकर उन्होंने युवक को गिरफ्तार कर लिया है.

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स्वाधीनता सेनानी की 92 वर्षीय बूढ़ी पत्नी को बागबाहरा पुलिस ने घंटों बिठाया थाने में

रायपुर. छत्तीसगढ़ के बागबाहरा में एक शर्मनाक वाक्या घटित हुआ है. बागबाहरा नगरपालिका परिषद के कुछ अफसर एक इलाके में कब्जा हटाने गए थे. वहां कुछ विवाद की स्थिति बनी तो अफसरों ने अभद्र व्यवहार से आहत होकर एक शिकायत थाने में जमा कर दी. शिकायत मिलने के तुरन्त बाद पुलिस ऐसी सक्रिय हुई जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो गया हो. पुलिस ने वार्ड क्रमांक पांच गणेशपारा पहुंचकर सबसे पहले उस बुर्जुग महिला को उठाया जो 92 साल की है और स्वाधीनता संग्राम सेनानी सुखदेव प्रसाद गुप्ता की पत्नी है.वयोवृद्ध महिला के परिजन चिल्लाते रह गए कि महिला ठीक से चल-फिर नहीं सकती है. उन्हें समय-समय पर दवा लेनी पड़ती है, लेकिन पुलिस के जाबांज सिपाहियों ने किसी की नहीं सुनी. महिला को गाड़ी में लाकर थाने में बिठा दिया गया. इस मामले की जानकारी होने पर बागबाहरा के भोजपुरी समाज ने प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और जिले के कलक्टर को शिकायत भेजी है. भोजपुरी समाज ने कहा है कि नगरपालिका परिषद के अफसरों की सोच उनकी असंवेदनशीलता और घटिया मानसिकता को दर्शाती है. एक अत्यंत ही बुर्जुग महिला के साथ जो कुछ हुआ वह न केवल निदंनीय है बल्कि बेहद शर्मनाक है.

भोजपुरी समाज के अध्यक्ष अर्जुन प्रसाद ने अपनी शिकायत में लिखा है कि नगरपालिका परिषद के अफसरों ने 92 वर्षीय श्रीमती मंतो देवी गुप्ता के खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाई है. भला एक वयोवृद्ध महिला हट्टे-कट्टे जवान अफसरों के साथ हाथापाई करेगी ? जिस मंतो देवी के खिलाफ अफसरों ने मामला दर्ज करवाया है वह महिला पूरी तरह से कमजोर है. इस मामले की निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए और दोषी अफसरों और पुलिस वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए. भोजपुरी समाज ने थाने में खींचा गया वह चित्र भी जारी किया है जिसमें एक पुलिसकर्मी...बूढ़ी महिला से पूछताछ करता हुआ दिखाई दे रहा है. जो लोग भी इस खबर को पढ़ रहे हैं...वे अगर बूढ़ी महिला की जगह अपनी बूढ़ी मां को रखकर देखेंगे तो शायद उनका खून खौल उठेगा.छत्तीसगढ़ की पुलिस कब सुधरेगी...कहना मुश्किल हैं.

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अनाचार करने वाले युवक से समझौते के लिए बोल रहा है थानेदार.युवती ने लगाई मुख्यमंत्री से गुहार

रायपुर. छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में एक थानेदार पदस्थ हैं. उनका नाम हैं- मनीष नागर. वे जिस थाने में पदस्थ हैं वहां पिछले दिनों एक युवती अपने साथ हुए अनाचार की रिपोर्ट लिखाने गई. काफी मशक्कत के बाद युवती की रिपोर्ट तो लिख ली गई, लेकिन अब थानेदार युवती पर इस बात के लिए दबाव डाल रहा है कि वह अनाचार करने वाले युवक से समझौता कर लें. थक-हारकर युवती ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से गुहार लगाई है.

रायगढ़ के एमजी रोड़ में निवास करने वाली युवती ने मुख्यमंत्री को भेजे एक पत्र में लिखा है कि ग्राम देवल सुरा के रहने वाले पुरूषोत्तम पटेल ने मेरी अस्मिता लूट ली है. मैंने उसके खिलाफ थाना सिटी कोतवाली में शिकायत दी थीं. मेरी शिकायत के बाद पुलिस ने 26 नवम्बर शुक्रवार को आरोपी के खिलाफ मामला पंजीबद्ध कर लिया गया है. जिस रोज अपराध पंजीबद्ध किया गया उसी रोज थानेदार साहब आरोपी पुरूषोत्तम पटेल को थाने लेकर आ गए. थानेदार ने मुझसे कहा कि अब मैं इसे सोमवार को कोर्ट में पेश करूंगा. जब मैं दूसरे दिन थाने पहुंची तो थानेदार ने कहा- फिलहाल मैंने आरोपी को छोड़ दिया है.अब मैं इसे सोमवार को गिरफ्तार करूंगा.

इधर आरोपी खुलेआम घूम रहा है और उसे अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है बल्कि मुझसे कहा जा रहा है कि आरोपी से राजीनामा कर लो.उसको  जेल भिजवाने से तुमको क्या मिलेगा? युवती ने आगे लिखा है- जिस थानेदार ने गिरफ्तार किए गए आरोपी को ही थाने से भगा दिया है... और मुझे समझौता करने की सलाह दी जा रही है वहां मुझे न्याय मिलना असंभव दिखाई देता है. युवती ने थाना प्रभारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और आरोपी पुरूषोत्तम पटेल को गिरफ्तार करने की मांग की है. इधर थाना प्रभारी मनीष नागर ने युवती के आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद और झूठा बताया है. थाना प्रभारी का कहना है कि युवती लंबे समय से युवक के साथ लिव-इन-रिलेशनशिप में रहती थीं. युवक...युवती से शादी भी करना चाहता हैं, लेकिन युवती तैयार नहीं है. दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ तो वह थाने चली आई. मैंने अपने उच्चाधिकारियों को पूरी बात बताई और फिर अपराध पंजीबद्ध कर लिया है. फिलहाल मैं मुंबई महाराष्ट्र में हूं. जैसे ही लौटूंगा... आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

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मनेंद्रगढ़ में डाक्टरों की सांठगांठ से चल रहा है मरीजों से लूट का कारोबार

मनेंद्रगढ़ के स्वास्थ्य अधिकारी सुरेश तिवारी और विकास पोद्दार आरोपों के घेरे में

रायपुर. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनेंद्रगढ़ में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी सुरेश तिवारी और विकास पोद्दार पर जीवन दीप समिति के सदस्य रामनरेश पटेल ने गंभीर आरोप लगाया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भेजी गई एक लिखित शिकायत में पटेल ने कहा है कि दोनों अधिकारी पैसा कमाने के फेर में मरीजों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं.

पटेल का कहना है कि विकास पोद्दार को सुरेश तिवारी की शह मिली हुई है सो अधिकांश मरीजों की खून की जांच विकास पोद्दार की पत्नी मधु पोद्दार के द्वारा संचालित केयर एवं डायग्नोस्टिक सेंटर में ही होती है. इस काम के लिए डाक्टर पोद्दार ने एक व्यक्ति को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ही तैनात कर रखा है. वह व्यक्ति मरीज के ब्लड का सैंपल लेकर जाता है और रिपोर्ट पहुंचाता है. पटेल ने बताया कि मनेंद्रगढ़ के स्वास्थ्य केंद्र में एक मरीज दिलभजन भर्ती था. इस मरीज के डेंगु, सीआरपी, सीबीसी व डी डाइमर जांच मधु पोद्दार के लैब में की गई और दिलभजन के पुत्र से 33 सौ रुपए ले लिए गए. जबकि यह जांच मनेंद्रगढ़ के स्वास्थ्य केंद्र लैब में भी हो सकती थीं. ऐसा अधिकांश मरीजों के साथ किया जा रहा है.

एक खास मेडिकल स्टोर से दवा खरीदी

पटेल का यह भी आरोप है कि सुरेश तिवारी आपातकालीन दवाओं की खरीदी एक खास मेडिकल स्टोर से ही करवाते हैं. अगर सरकार के अमले ने गहन जांच-पड़ताल की तो यह भी साफ हो जाएगा कि मेडिकल स्टोर के संचालक और डाक्टर सुरेश तिवारी का आपस में क्या रिश्ता है. पटेल ने आगे लिखा है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में निर्मित आईसीयू कक्ष और कोविड सेंटर के निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ है. जांच किट व मेडिकल  से संबंधित अन्य सामानों की खरीदी भी मनमाने दर पर की गई है. अस्पताल में कई डाक्टरों की डयूटी लगी रहती हैं, लेकिन एक भी डाक्टर समय पर उपलब्ध नहीं रहता है. शाम के समय तो वरिष्ठ चिकित्सक कभी कभार ही पहुंचते हैं. एक्सरे मशीन केवल सुबह के समय चलाई जाती है. अस्पताल में कई सालों से सोनोग्राफी मशीन बंद है जिसका प्रारंभ होना अनिवार्य है.

1-आरोप बेबुनियाद और निराधार

रामनरेश पटेल जीवन दीप समिति के सदस्य जरूर है, लेकिन उन्हें यह समझ नहीं हैं कि कौन सी जांच कहां पर हो सकती है. उन्होंने जीवन दीप समिति की बैठक में भी यह मुद्दा उठाया था, लेकिन उन्हें पता नहीं है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाएं नगण्य है. मनेंद्रगढ़ में बहुत से लैब हैं, लेकिन उन लैबों को विशेषज्ञ नहीं तकनीशियन चलाते हैं. पटेल के आरोप बेबुनियाद और निराधार है.

सुरेश तिवारी / खंड चिकित्सा अधिकारी मनेंद्रगढ़

2- आरोपों में दम नहीं

मेरी पत्नी मधु पोद्दार पहले एम्स में कार्यरत थीं. उन्होंने वहां से इस्तीफा देकर अपना लैब खोला है. मनेंद्रगढ़ में एक उनका ही लैब है जिसमें सब तरह की जांच विशेषज्ञों की देखरेख में होती है. अब दो-चार दिन पहले एक और लैब खुल गई है. हम मरीजों को कभी नहीं कहते हैं कि उन्हें खून या अन्य जांच कहां करवानी चाहिए. राम नरेश पटेल के आरोपों में दम नहीं है.

विकास पोद्दार / चिकित्सक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनेंद्रगढ़

 

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बिजली सामानों की सप्लाई करने वालों की आपसी प्रतिस्पर्धा और खींचतान के चलते बिजौरा विवादों में

ओम ट्रेडर्स, आर्या ट्रेडर्स और टेक्निकल टूल्स सेल्स पर मेहरबानी को लेकर शिकायत

रायपुर. बिजली घरों में बिजली सामानों की सप्लाई करने वालों की आपसी प्रतिस्पर्धा और खींचतान ने छत्तीसगढ़ राज्य बिजली उत्पादन कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक निर्मल कुमार बिजौरा को लपेटे में ले लिया है. छत्तीसगढ़ राज्य पावर कम्पनीज बचाव संघर्ष समिति ने उनके खिलाफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लिखित में शिकायत भेजी है.

कोरबा में स्थापित कोरबा पूर्व, कोरबा पश्चिम, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप बिजली घरों सहित जल बिजली घरों के संचालन  में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बिजौरा ने जनवरी 2020 में राजेश वर्मा के इस्तीफे के बाद प्रबंध निदेशक का कार्यभार संभाला था. इनहेंसमेंट आफ मैनेजमेंट स्किल पर नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन से प्रशिक्षण प्राप्त बिजौरा को दो बार पावर कंपनी प्रबंधन द्वारा मेरिटोरियस अवार्ड से अलंकृत किया चुका है, लेकिन इधर उन पर कोरबा के बिजली सामानों के सप्लायरों पर विशेष रुप से मेहरबान रहने का आरोप लगा है.

शिकायत में कहा गया है कि हसदेव ताप बिजली घर कोरबा पश्चिम में तैनात मुख्य अभियंता पंकज कोले और बीडी बघेल पूरी तरह से बिजौरा के चहेते हैं. उन्हें मलाईदार जगह पर टिके रहने के लिए ओम ट्रेडर्स के एसबी सिंह और आर्या ट्रेडर्स के विनय श्रीवास्तव ने आर्थिक मदद दी है. शिकायत में लिखा है कि बिजौरा के प्रबंध निदेशक बनने के बाद बहुत अधिक सामान सिंगल टेण्डर और अधिक रेट पर खरीदा जा रहा है. जबकि जिन सामानों की  खरीदी हो रही है उसकी खरीदी खुली निविदा में सस्ते दर पर हो सकती है. खरीदी का ज्यादा से ज्यादा आर्डर ओम ट्रेडर्स, आर्या ट्रेडर्स और मेसर्स टेक्निकल टूल्स सेल्स को दिया जा रहा है. शिकायत में सामान खरीदी के आदेश की कई प्रतियां संलग्न की गई है. शिकायत में एक अफसर कुलकर्णी की भूमिका को लेकर भी सवाल उठाया गया है. कहा गया है कि कभी एक आर्डर में महीनों लग जाते थे, लेकिन ओम, आर्या और टेक्निकल टूल्स वालों को दस-बारह दिन में ही सामानों की सप्लाई का आर्डर थमा दिया जाता है. शिकायत में कोरबा पश्चिम के एक अक्षीक्षण अभियंता के तबादले और फिर नई पदस्थापना को लेकर भी जानकारी दी गई है. कहा गया है कि मार्च 2021 में अधीक्षण अभियंता कोरम को स्थानांतरित कर दिया गया था, लेकिन अगस्त 2021 में उसे फिर उसी जगह वापस भेज दिया गया. यह चमत्कार कैसे हुआ.

खरीदी कमेटी तय करती है

जो भी शिकायत हुई है वह सप्लायरों की आपसी प्रतिस्पर्धा और खींचतान का नतीजा है. अब जिस किसी को भी आर्डर नहीं मिला होगा तो उसने शिकायत कर दी होगी. कौन सा सामान खरीदा जाएगा और कौन सा नहीं... इसका निर्धारण कमेटी करती है. जो भी शिकायत हुई है वह पूरी तरह से निराधार है. 

-निर्मल कुमार बिजौरा प्रबंध निदेशक सीएसपीजीसीएल

 

सप्लाई नियमानुसार

यह सही है कि ओम ट्रेडर्स को बिजली सामानों की सप्लाई का काम मिलता है. मैं छह-सात कंपनियों के द्वारा निर्मित सामानों की सप्लाई करता हूं. मैं अधिकृत डीलर हूं. जैसा आदेश मिलता है वैसा काम होता है. सारा कुछ नियमानुसार होता है.

एसबी सिंह, ओम ट्रेडर्स कोरबा

 

कोई गड़बड़ी नहीं

हम नियमानुसार काम हासिल करते हैं. कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है. अब किसी ने शिकायत कर दी है तो जांच हो जानी चाहिए.

विनय श्रीवास्तव, आर्या ट्रेडर्स कोरबा

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