अंदरखाने की बात

छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन कंपनी में क्या दोबारा ताजपोशी हो पाएंगी संजीव कटियार की ?

छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन कंपनी में क्या दोबारा ताजपोशी हो पाएंगी संजीव कटियार की ?

क्या संजीव कटियार दोबारा प्रबंध संचालक बन पाएंगे ?

कौन है वे लोग जो कर रहे हैं जोड़-जुगाड़

रायपुर. छत्तीसगढ़ राज्य बिजली उत्पादन कंपनी में प्रबंध संचालक की हैसियत से कार्यरत संजीव कटियार का इसी साल 30 नवम्बर को कार्यकाल समाप्त हो जाएगा. वैसे तो वे 30 सितम्बर को सेवानिवृत हो गए हैं...लेकिन बिजली उत्पादन कंपनी में उनके कार्यकाल के खत्म होने की निर्धारित तारीख 30 नवम्बर है. इसी तिथि को वे बिजली उत्पादन कंपनी को टाटा-बाय-बाय कर देंगे. अब सवाल उठ रहा है कि उनकी जगह कौन लेगा? वैसे रेस में तो बहुत से लोग शामिल है, लेकिन प्रशासनिक गलियारों में यह चर्चा भी कायम है कि खुद संजीव कटियार के लिए जोड़-तोड़ करने में राजनीतिक लोगों के अलावा बिजली सामानों की सप्लाई करने वाले सप्लायर जुटे हुए हैं.

गौरतलब है कि संजीव कटियार की नियुक्ति वर्ष 2022 में तात्कालिक प्रबंध संचालक एनके बिजौरा के स्थान पर की गई थीं. कांग्रेस शासन में बिजौरा को गुणवत्ता विहीन समानों की सप्लाई करने वाले सप्लायरों ने  घेर रखा था. उम्मीद की जा रही थीं कि संजीव कटियार परिवारजनों के नाम पर कई-कई तरह के “टेक्निनल टूल्स” और इंटरप्राइजेस चलाने वाले सप्लायरों से स्वयं को दूर रखेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. उनके कार्यकाल में ही मुख्यमंत्री से एक बड़ी शिकायत की गई थीं. इस शिकायत में यह कहा गया कि कोरबा वेस्ट,कोरबा ईस्ट और मढ़वा-जांजगीर के मुख्य अभियंता कार्यालय के अंर्तगत कार्यरत बायलर, टरबाइन, स्टोर डिवीजन, इलेक्ट्रिक मेंटेनेंस डिवीजन, सीएंडआई, टेस्टिंग, फ्यूल मैनेजमेंट,कोयला हैंडलिंग प्लांट, फायर एंड सेफ्टी आपरेशन, कम्युनिकेशन जैसे सभी विभागों में बिजली सामानों की सप्लाई करने वाले सप्लायरों और अधिकारियों की मिली-भगत से भारी घपला और भ्रष्टाचार किया जा रहा है. यानी संजीव कटियार का कार्यकाल भी बेदाग नहीं माना जा सकता.

रेस में कई लोग शामिल

बताया जाता है कि प्रबंध संचालक बनने की दौड़ में सबसे प्रमुख नाम एसके बंजारा का था, लेकिन उन्हें बड़ी चालाकी से पीछे धकेल दिया गया है. बंजारा अटल बिहारी ताप बिजली संयंत्र में बतौर कार्यपालक निदेशक की हैसियत से पदस्थ थे और सीनियर भी थे...लेकिन उनके कार्य करने की शैली को आधार बनाकर उन्हें ट्रेनिंग सेल कोरबा में पदस्थ कर दिया गया है. माना जा रहा है कि वे एक योग्य प्रबंध संचालक हो सकते हैं.दूसरे क्रम में एनटीपीसी में पदस्थ रहे प्रकाश तिवारी का नाम भी चल रहा है. सेवानिवृत हो चुके आरके श्रीवास, राजेश वर्मा और श्रीधर के अलावा कोरबा वेस्ट के हसदेव थर्मल पावर में पदस्थ रहे संजय शर्मा को भी दौड़ में शामिल बताया जा रहा है.

सप्लायरों की पंसद क्यों है कटियार

अब से कुछ अरसा पहले तक बिजली उत्पादन कंपनी में प्रबंध संचालक बनने के लिए बकायदा विज्ञापन निकाला जाता था. योग्यता और क्षमता का निरीक्षण करने के उपरांत सलेक्शन होता था, लेकिन इधर कुछ सालों से यह लगने लगा कि इस पद को राजनीतिक रसूख और गुणवत्ता विहीन बिजली सामानों की सप्लाई करने सप्लायरों के कहने पर ही भरा जाता है. सूत्र कहते हैं कि विवादों और फर्जीवाड़े में घिरी टेक्नीकल टूल्स, हेम्स कार्पोरेशन, सुमित ट्रेडिंग, यूनिक सप्लाई, अमार इंटरप्राइजेस, राहुल इंटरप्राइजेस, एसडी इंस्ट्रडी, तनु ट्रेडिंग सहित कई कंपनियों के कर्ताधर्ता सप्लायर संजीव कटियार की दोबारा ताजपोशी के लिए जबरदस्त ढंग से सक्रिय है. इनमें से एक कंपनी सुमीत ट्रेडिंग और मां संतोषी इंडस्ट्रियल कार्पोरेशन कलकता की कंपनी है. ऐसे में यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या छत्तीसगढ़ में बिजली सामानों की सप्लाई करने वाली कंपनियों की कमी हो गई है ?

बहुत कठिन है डगर पनघट की

संजीव कटियार के लिए भले ही राजनीतिज्ञ और सप्लायर जोड़-तोड़ लगा रहे हैं, लेकिन उनकी दोबारा ताजपोशी आसान भी नहीं दिखाई देती है. दरअसल साय सरकार ने इसी साल जुलाई महीने में एक आदेश जारी कर यह साफ कर दिया था कि रिटायरमेंट के बाद किसी भी अधिकारी और कर्मचारी को किसी भी विभाग या आयोग में संविदा नियुक्ति नहीं दी जाएगी. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि संजीव कटियार किस रास्ते से दोबारा प्रबंध संचालक बन पाते हैं ?

 

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