अंदरखाने की बात
कहीं जनसंपर्क अधिकारी अमर सांवत को हटाने की वजह यह विज्ञापन तो नहीं ?
कहीं जनसंपर्क अधिकारी अमर सांवत को हटाने की वजह यह विज्ञापन तो नहीं ?
छत्तीसगढ़ के पर्यावरण एवं संरक्षण मंडल में पदस्थ जनसंपर्क अधिकारी अमर सांवत को निलंबित कर दिया गया है. वैसे ब्यूरोक्रेसी को जानने-समझने वालों ने अब तक प्रशासनिक कारणों से स्वयं के व्यय से तबादला होते ही देखा था. यह पहली बार है जब किसी का निलंबन प्रशासनिक कारणों से किया गया है. अब यह प्रशासनिक कारण क्या है... इसका खुलासा तो निलंबन आदेश में नहीं किया गया है. लेकिन देश के कई बड़े मामलों को उजागर करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला की एक्स हैंडल पर की गई पोस्ट पर यकीन करें तो मामला कुछ और ही लगता है.
बताया जाता है कि एक्स हैंडल पर कुणाल शुक्ला ने दो दिन पहले भी पर्यावरण संरक्षण मंडल की ओर से जारी किए गए विज्ञापन को लेकर एक पोस्ट लिखी थीं. इस पोस्ट के बाद दिल्ली दरबार से फोन घनघनाया तो मामला गर्म हो गया. इस बात की छानबीन की गई कि विज्ञापन को डिजाइन किसने किया है? वैसे कोई भी विज्ञापन बगैर वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति के जारी नहीं होता है...लेकिन बलि का बकरा अमर सांवत को बनना था सो उन्हें बलि का बकरा बना दिया गया. वैसे जो लोग भी अमर सांवत के कामकाज से वाकिफ हैं वे इस बात को भली-भांति जानते हैं कि उन्हें लेकर पत्रकार बिरादरी में कभी कोई शिकायत नहीं रही. हंसमुख और मिलनसार सांवत के निलंबन से सबको आश्चर्य हो रहा है. जानकार बताते हैं कि संरक्षण मंडल के अधिकारी भी सांवत को निलंबित करना नहीं चाहते थे...लेकिन उनकी भी नहीं सुनी गई. बहरहाल आरटीआई कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला की पोस्ट खंगालिए... बहुत कुछ साफ हो जाएगा कि असली मामला क्या है. कांग्रेस नेता संजय सिंह ठाकुर ने भी फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी है. इस पोस्ट से भी असली कहानी समझ में आ जाती है.