साहित्य

फ़ासीवाद के खिलाफ सांस्कृतिक मार्च से प्रारंभ होगा  जन संस्कृति मंच का राष्ट्रीय सम्मेलन

फ़ासीवाद के खिलाफ सांस्कृतिक मार्च से प्रारंभ होगा जन संस्कृति मंच का राष्ट्रीय सम्मेलन

देशभर के पांच सौ से ज्यादा लेखक, कलाकार और...

संस्कृतिकर्मी जुट रहे हैं छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में. 

रायपुर. लेखक-संस्कृतिकर्मियों के सबसे महत्वपूर्ण संगठन जन संस्कृति मंच का 16 वां राष्ट्रीय सम्मेलन 8--9 अक्टूबर को रायपुर में पंजाब केसरी भवन में आयोजित हो रहा है. दो दिवसीय सम्मेलन में देशभर से 500 से अधिक प्रतिनिधियों के अलावा जाने माने साहित्यकार, लेखक, संस्कृतिकर्मी भाग लेंगे. यह जानकारी जन संस्कृति मंच छत्तीसगढ के संयोजक सियाराम शर्मा ने एक विज्ञप्ति में दी.उन्होंने बताया कि जन संस्कृति मंच का यह सम्मेलन फ़ासीवाद के खिलाफ प्रतिराध, आजादी और लोकतंत्र की संस्कृति के लिए जैसे महत्वपूर्ण विषय पर केन्द्रित है.  सम्मेलन में लेखक-संस्कृतिकर्मी फ़ासीवाद के खिलाफ सांस्कृतिक शक्तियों को एकजुट करने और सांस्कृतिक प्रतिरोध के रूपों पर गहनता से विचार विमर्श कर योजना व रणनीति बनाएंगे.उन्होंने बताया कि 8 अक्टूबर को सुबह ठीक आठ बजे सांस्कृतिक मार्च के साथ सम्मेलन प्रारंभ हो जाएगा. देशभर के लेखक, संस्कृतिकर्मियों और कलाकारों का यह मार्च बैरनबाजार स्थित आशीर्वाद भवन से प्रारम्भ होकर आंबेडकर चौक और फिर वहां से शंकर नगर स्थित भगत सिंह चौक तक जाएगा.इसके बाद सभी प्रतिनिधि जोरा स्थित पंजाब केसरी भवन पहुंचेंगे.

सम्मेलन के पहले दिन तीन तीन सत्र होंगे. दोपहर 12 बजे पहला सांगठनिक सत्र होगा. अपरान्ह चार बजे सम्मेलन का उद्घाटन होगा. सम्मेलन में उद्घाटन वक्तव्य प्रसिद्ध मानवाधिकार कार्यकर्ता हिमांशु कुमार देंगे. मुख्य अतिथि के रूप में जाने माने कवि देवी प्रसाद मिश्र का वक्तव्य होगा. विशिष्ट अतिथि के बतौर जुझारू आदिवासी एक्टिविस्ट सोनी सोरी, प्रसिद्ध फिल्मकार मेघनाथ और ‘ मैं एक कारसेवक था ’ जैसी चर्चित पुस्तक के लेखक भंवर मेघवंशी और किसान आंदोलन में ट्राली टाइम्स अखबार निकालकर देश-विदेश में चर्चित हुईं युवा एक्टिविस्ट नवकिरन नट्ट सम्मेलन को सम्बोधित करेंगी. इसी दिन शाम साढ़े छह बजे से सांस्कृतिक सत्र शुरू होगा जिसमें वसु गंधर्व और अजुल्का द्वारा हिंदी कविताओं की सांगीतिक प्रस्तुति दी जाएगी. इस सत्र में शशिकला और उनके साथी छत्तीसगढ़ी प्रतिनिधि गीतों की और निवेदिता शंकर सितार वादन की प्रस्तुति देंगी. पटना के कोरस नाट्य दल द्वारा रजिया सज्जाद जहीर की कहानी और मात्सी शरण के निर्देशन में नमक नाटक का मंचन किया जाएगा. इसी सत्र में झारखंड की सांस्कृतिक मंडली द्वारा नृत्य-गीत का कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा. इसके अलावा विभिन्न राज्यों से आ रहे जन गायक-नीतिश राय, बाबुनी मजूमदार (पश्चिम बंगाल), अनिल अंशुमन, प्रमोद यादव, सिंहासन यादव, कृष्ण कुमार निर्माही, संतोष झा, राजू रंजन (बिहार) और बृजेश यादव (उत्तर प्रदेश) जनगीत और लोक गीत प्रस्तुत करेंगे.

सम्मेलन के दूसरे दिन दोपहर 12 बजे फासीवाद के खिलाफ प्रतिरोध के रूप विषय पर वैचारिक सत्र होगा. इस सत्र में वरिष्ठ कवि लाल्टू, चर्चित उपन्यासकार रणेन्द्र, गुजराती लेखक भरत मेहता, नई पीढ़ी की सशक्त कवि रूपम मिश्र, पश्चिम बंगाल के सांस्कृतिक कार्यकर्ता दीपक मित्रा, तेलंगाना से के लेखक एनआर श्याम, उड़ीसा के राधाकांत सेठी अपनी बात रखेंगे. इस सत्र की अध्यक्षता प्रसिद्ध मार्क्सवादी चिंतक रामजी राय करेंगे. सम्मेलन के दूसरे दिन प्रतिनिधि राष्ट्रीय परिषद, कार्यकारिणी व पदाधिकारियों का चुनाव करेंगे. शाम को बिहार के बेगुसराय का नाट्य दल रंगनायक द लेफ्ट थियेटर की नाट्य प्रस्तुति अमृतसर आ गया है  के अलावा कविता पाठ और रायपुर के युवा साथियो के इंडियन रोलर बैंड का कार्यक्रम रखा गया है.

सम्मेलन में चार प्रकाशकों-नवारूण, समकालीन जनमत, वैभव प्रकाशन, एकलव्य प्रकाशन व सेतु प्रकाशन द्वारा पुस्तक प्रदर्शनी लगायी जाएगी. कवि, लेखक एवं जन संस्कृति मंच के संस्थापक सदस्य अजय कुमार की चित्र प्रदर्शनी के संभावना कला मंच गाजीपुर व कोलकाता से आ रहे चर्चित युवा चित्रकार अनुपम राय अपनी कला चित्रों की प्रदर्शनी लगाएंगे. इस मौके पर कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकों और पत्रिकाओं का विमोचन भी होगा. सम्मेलन में भाग लेने के लिए लेखक-कलाकार छह अक्टूबर से आने लगेंगे. जसम के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र कुमार, रांची से वरिष्ठ लेखक रविभूषण, कथाकार शिवमूर्ति, आलोचक प्रणय कृष्ण, कवि बल्ली सिंह चीमा,  प्रख्यात रंगकर्मी जहूर आलम, उमा राग, शालिनी बाजपेयी, अनुपम सिंह, प्रीति प्रभा, बलभद्र, राजेश कमल, सुरेंद्र प्रसाद सुमन, दीपक सिन्हा, केके पांडेय मीना राय, समता राय, सोनी तिरिया सहित कई नामचीन लेखक-कवि-कलाकार शामिल हो रहे हैं.

आयोजन स्थल को लेखकों, कवियों, रंगकर्मियों की स्मृति में कलात्मक ढंग से सजाया जाएगा. मुक्तिबोध और प्रख्यात मजदूर नेता शंकर गुहा नियोगी की स्मृति में स्वागत द्वार बनाए जाएंगे. प्रख्यात रंगकर्मी हवीब तनवीर की स्मृति में सम्मेलन स्थल को हबीब तनवीर स्मृति परिसर, प्रसिद्ध कवि मंगलेश डबराल की स्मृति में सभागर का नाम मंगलेश डबराल सभागार, जन संस्कृति मंच के महासचिव रहे बृजबिहारी पांडेय व प्रसिद्ध रामनिहाल गुंजन की स्मृति में सभा मंच का नाम बृजबिहारी पांडेय-रामनिहाल गुंजन स्मृति मंच रखा गया है. पुस्तक प्रदर्शनी को प्रसिद्ध नारीवादी कार्यकर्ता व लेखिका कमला भसीन और चित्र-कला प्रदर्शनी को युवा चित्रकार राकेश दिवाकर की स्मृति में समर्पित किया गया है.

 

 

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