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विधानसभा इलाके में फिर बढ़ गया चोरों का आंतकः दहशत में जीने को मजबूर है स्पर्श लाइफ सिटी के नागरिक
रायपुर.छत्तीसगढ़ की विधानसभा से थोड़ा आगे जहां प्रचार-प्रसार की दौड़ में आगे रहने वाले ज्ञान गंगा और ब्राइटन स्कूल की मौजूदगी दिखाई देती हैं...उसी से सटे हुए एक इलाके सकरी में स्पर्श लाइफ सिटी नाम की एक कॉलोनी है. इस कॉलोनी की आधारशिला मां बम्लेश्वरी रियलिटिज प्राइवेट लिमिटेड ने रखी है. लोक-लुभावन ढंग से तैयार किए गए आकर्षक ब्रोशर और जमीन की खरीद-फरोख्त में लगे हुए ब्रोकरों की वजह से लगभग 70-80 परिवारों ने भले ही यहां जमीन खरीदकर अपना आवास बना लिया है, लेकिन अब यहां के रहवासी बुरी तरह से पछता रहे हैं. यह कॉलोनी कई तरह की समस्याओं से घिरी हुई है. बिजली, पानी, सड़क, साफ-सफाई, आवारा कुत्तों, जहरीले सांपों के अलावा यहां के बाशिंदों को चोरों से भी जूझना पड़ रहा है. जब लोगों ने यहां मकान बनाया था तब उन्हें लगा था कि विधानसभा में होने वाले व्हीआईपी मूव्हमेंट के चलते उन्हें भी सही ढंग से सुरक्षा मिलती रहेगी, लेकिन इलाके में चोरों का आंतक इतना बढ़ गया है कि नागरिक खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं.
अब तक दस घरों का ताला तोड़ चुके हैं चोर
स्पर्श लाइफ सिटी में पहली चोरी मकान नंबर 164 के रहवासी अनुराग द्विवेदी के घर हुई थीं. द्विवेदी अपने परिवार के साथ रीवा गए हुए थे. जब लौटे तो पता चला कि चोरों ने लगभग 70 हजार रुपए नगद और ढाई लाख रुपए के गहनों पर से हाथ साफ कर दिया है. पिछले साल नौ जून की दरम्यानी रात चोरों ने मकान नंबर 81 के रहवासी मनीष पांडे एवं मकान क्रमांक 134 के रहवासी प्रदीप श्रीवास्तव के घर पर धावा बोला था. मनीष पांडे के निवास से चोर सोने-चांदी के गहनों सहित लगभग 80 हजार रुपए ले उड़े थे जबकि प्रदीप श्रीवास्तव के आवास से नगदी और गहनों सहित 30 लाख की चोरी हुई थीं. पिछले साल जुलाई महीने में चोरों ने कॉलोनी के रहवासी हुक्मचंद यादव, सतनारायण नेताम और बृजेंद्र राजपूत के घर को भी निशाना बनाया था. इन घरों से भी चोरों ने लाखों रुपए के गहनों और नगद से हाथ साफ कर दिया था. इसी कॉलोनी के संतोष कुमार गबेल के घर पर चोरों ने दो मर्तबा ताला तोड़ा.
पुलिस वाले को भी नहीं बख्शा चोरों ने
सामान्य तौर पर पुलिस की गाड़ी या वर्दी देखकर चोर भाग खड़े होते हैं, लेकिन इस कॉलोनी में चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले चोरों के हौसले इतने अधिक बुलंद है कि वे पुलिस की सेवा में जुटे लोगों को भी नहीं छोड़ रहे हैं. कॉलोनी के मकान नंबर 380 में छत्तीसगढ़ सशस्र बल तीसरी वाहिनी के प्रधान आरक्षक पुरुषोत्तम साहू निवास करते हैं. इसी महीने के 30 मार्च को जब वे अपने परिवार को लेने के लिए जांजगीर-चांपा के पास स्थित ग्राम खरौद गए थे तब चोरों ने उनके सूने मकान को निशाना बनाया और डेढ़ लाख के गहनों सहित अच्छी-खासी नगदी पर से हाथ साफ कर दिया. चोरी की यह घटना दो से तीन बजे की दरम्यानी रात घटित हुई है. हैरत की बात यह है कि जब चोर सूने मकान में चोरी कर रहे थे तब घर के ठीक सामने पुरुषोत्तम साहू की वह कार भी खड़ी थीं जिसमें पोलिस लिखा हुआ है. घर में मौजूद हैंगर पर प्रेस की हुई पुलिस की दो वर्दी भी टंगी हुई थीं, बावजूद इसके चोरी करते हुए चोरों के हाथ-पांव नहीं कांपे. जिस रात पुलिसकर्मी के घर चोरी हुई उसी रात चोरों ने कॉलोनी के रहवासी श्याम चंद्रा के घर को भी अपना निशाना बनाया,लेकिन इस घर में उन्हें कोई खास सफलता हासिल नहीं हुई. बीते कुछ समय पहले चोरों ने इस सोसायटी के आसपास रहने वाले मजदूरों के घरों से उनके बर्तन और मोबाइल को भी चुराया है.
रहवासी दहशत में जीने को मजबूर
चोरी की बढ़ती हुई वारदात के चलते यहां के रहवासी दहशत में जीने को मजबूर हैं. रहवासियों का कहना है कि कॉलोनी में मां बम्लेश्वरी रियलिटिज प्राइवेट लिमिटेड का कामकाज देख रहे जिम्मेदार कर्मचारियों को कई मर्तबा लिखित और मौखित तौर पर समस्याओं से अवगत कराया गया है, लेकिन समस्याओं का कोई समाधान निकल ही नहीं पाया है. रहवासियों का कहना है कि सुरक्षा के लिहाज से बाउंड्री वॉल की दीवाल को ऊंची कर उसे कंटीले बारबेड़ वायर से घेरने के लिए कहा गया है, लेकिन यह काम अब तक प्रारंभ नहीं हुआ. बाउंड्री वॉल की दीवार जगह-जगह से टूट चुकी है जिसके चलते जानवरों और चोरों का प्रवेश आसान हो गया है. चूंकि कॉलोनी में अभी तक विधिवत चुनाव नहीं हुआ है इसलिए कॉलोनी की देखरेख का जिम्मा मां बम्लेश्वरी रियलिटिज प्राइवेट लिमिटेड के जिम्मेदार कर्ताधर्ताओं के पास ही है. कॉलोनी के रहवासियों का कहना है कि कॉलोनी के दोनों गेटों पर जो गार्ड मुहैय्या करवाए गए हैं वे इतने कमजोर और अशक्त है कि किसी चोर को दौड़ाकर पकड़ भी नहीं सकते. यहां तैनात गार्ड सिर्फ गेट को खोलने और बंद करने का काम करते हैं. कई मर्तबा यहां के रहवासियों ने गार्डों को गहरी निद्रा में विश्राम करते हुए भी देखा है.
कैमरा तो लगा...लेकिन किसी काम नहीं
सोसायटी में नागरिकों की तरफ से लगातार की गई गुजारिश के चलते कुछ स्थानों पर कैमरा तो लगाया है, लेकिन सारे के सारे कैमरे बेकार साबित हो रहे हैं. चंद रोज पहले लगाए गए कैमरों में से अधिकांश बंद हो गए हैं. जिस पुलिसकर्मी के घर हाल के दिनों में चोरी हुई है उसने कॉलोनी के कैमरों को खंगालकर देखने की कवायद की...लेकिन कोई ऐसा रिकार्ड नहीं मिला जिससे चोरों का पुख्ता सुराग मिल सकें. अलबत्ता एक रहवासी के कैमरे में चोर खुद को छिपाते हुए अवश्य दिखे हैं.
पीने का पानी खराब
रहवासियों का कहना है कि भविष्य में जो लोग भी इस कॉलोनी में जमीन खरीदकर अपना आशियाना बनाना चाहते हैं उन्हें पूरे कॉलोनी का कई मर्तबा मुआयना करना चाहिए. इसके अलावा यहां निवास करने वाले लोगों से यह पूछताछ भी करनी चाहिए कि कॉलोनी रहने लायक है अथवा नहीं ? इस कॉलोनी में पानी की भंयकर समस्या विद्यमान है. रहवासियों को कई मर्तबा अपनी उपयोगिता के लिए टैंकर मंगवाना पड़ता है. कॉलोनी की टंकी से भी जो पानी सप्लाई किया जा रहा है वह पीने और नहाने योग्य नहीं है. पिछले दिनों कॉलोनी के कतिपय जागरूक नागरिकों ने लैब में परीक्षण करवाया तो पाया कि पानी में अत्यधिक चिकनाई है और वह पीने योग्य नहीं है.सोसायटी में जगह-जगह फेवर टूट चुका है. सफाई कर्मी यदा-कदा दिखाई भी देते हैं तो सूखे बगीचे में रील देखते हुए. गीला और सूखा कचरा फेंकने की कोई व्यवस्था नहीं है इसलिए गंदगी का साम्राज्य कायम है. कॉलोनी में कई जगहों पर जमीन बिक तो गई है,लेकिन वहां पानी सप्लाई के लिए पाइप लाइन ही नहीं बिछाई गई है. जहां यह कॉलोनी विद्यमान है उससे थोड़ी दूरी पर कचरे का एक बड़ा डंप है. शहरभर का कचरा इसी डंप में जमा होता है. जब उस कचरे को जलाया जाता है तो उससे जानलेवा जहरीली गैस निकलती है. यह गैस हवा में घुलकर स्पर्श लाइफ सिटी में भी पहुंचती है जिसके चलते बच्चे सर्वाधिक बीमार हो रहे हैं. कॉलोनी में शाम होते ही रामसे बद्रर्स की फिल्म जैसा डरावना माहौल कायम हो जाता है. पर्याप्त स्ट्रीट लाइट नहीं होने की वजह से कॉलोनी अंधेरे में डूबी रहती है.इधर मां बम्बलेश्वरी रियलिटिज प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से कॉलोनी के अस्थायी किंतु प्रमुख पदों से इस्तीफा दे चुके पदाधिकारियों को एक पत्र भेजा गया है. पत्र में कहा गया है कि बिल्डर 31 मार्च से कॉलोनी की जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लेंगे. रहवासियों का कहना है कि कॉलोनी में बहुत से काम अधूरे हैं. कोई भी काम ढंग से पूरा नहीं हुआ है. इधर मां बम्लेश्वरी रियलिटिज प्राइवेट लिमिटेड ने एक और नए प्रोजेक्ट की तैयारियां प्रारंभ कर दी है. दूसरी तरफ रहवासी भी आंदोलन की रुपरेखा तैयार करने में जुट गए हैं.
पूरे मामले में मां बम्लेश्वरी रियलिटिज प्राइवेट लिमिटेड के जिम्मेदार लोगों से उनका पक्ष जानने के लिए दूरभाष के जरिए संपर्क किया गया, लेकिन किसी ने कोई पक्ष रखना आवश्यक नहीं समझा. यदि मां बम्लेश्वरी रियलिटिज प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से जिम्मेदार संचालक अथवा पदाधिकारी का अधिकृत बयान आता है तो उसे भी प्रकाशित किया जाएगा.