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एक पत्रकार को फंसाने के लिए फर्जी डायरी में 60-60 लाख दो इंट्री दर्ज की थीं चंद्राकर ने

एक पत्रकार को फंसाने के लिए फर्जी डायरी में 60-60 लाख दो इंट्री दर्ज की थीं चंद्राकर ने

रायपुर. स्कूल शिक्षा विभाग की कथित डायरी का सच सामने आने के बाद कुछ नए तथ्य भी सामने आ रहे हैं. बताया जाता है कि पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी जीआर चंद्राकर ने अपने दो गुर्गों के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ के एक पत्रकार संदीप तिवारी को फंसाने का उपक्रम भी रचा था. संदीप एक अखबार में कार्यरत है और पिछले कई सालों से शिक्षा विभाग से जुड़ी खबरों को ही देखते हैं. उन्होंने कुछ समय पहले अपनी एक खबर में इस बात का भंडाफोड़ किया था कि कैसे जीआर चंद्राकर ने अपनी सेवानिवृत्ति के आखिरी दिन राइट टू एजुकेशन का पैसा कुछ ऐसे स्कूलों को ट्रांसफर कर दिया था जो अस्तित्व में ही नहीं थे.

उनकी इस खबर पर जब बवाल कटा तब चंद्राकर ने फर्जी डायरी में 60-60 लाख की दो इंट्री पत्रकार के नाम के साथ जोड़ दी थीं. जो लोग भी संदीप तिवारी के आचार-व्यवहार और कामकाज से वाकिफ है वे जानते थे कि हकीकत क्या है ? संदीप तिवारी के नाम पर इतनी भारी रकम की इंट्री देखकर सबने इसे पहली नज़र में ही फेंक मान लिया था.संदीप पिछले कुछ समय से अपनी मां की बीमारी को लेकर परेशान चल रहे थे. कथित डायरी के सामने आने के कुछ दिन पहले ही उन्होंने जैसे-तैसे ( उधार लेकर ) मां की दवाईयों के 10 हजार रुपए का इंतज़ाम किया था. ऐसे में यह खबर उन्हें परेशान करने वाली तो थीं ही.अगर पुलिस इस मामले को जल्द ही उजागर नहीं करती तो बहुत संभव था पत्रकार को नौकरी से हाथ धोना पड़ता.

इधर कथित डायरी का सच सामने आने के बाद जीआर चंद्राकर की कारगुजारियों को लेकर कई और बातें भी सामने आ रही हैं. सूत्रों का कहना है कि चंद्राकर जब बलौदाबाजार में पदस्थ थे तब उन्होंने प्रधान पाठकों को प्रमोशन देने के नाम पर अच्छी-खासी धनराशि बटोर ली थीं. वे ही प्रधान पाठक प्रमोशन हासिल कर पाए जिन्होंने चढ़ावा दिया था. फिलहाल जीआर चंद्राकर जेल में हैं. उनके साथ-साथ होम्योपैथी कॉलेज के सचिव संजय सिंह ठाकुर और एक टाइपिस्ट कपिल कुमार देवदास को भी जेल भेज दिया गया है.सूत्रों का कहना है कि इस मामले एक शहरी स्त्रोत समन्वयक, एक प्रधान पाठक और लोक शिक्षण संचालानालय के दो तीन लिपिकों की भूमिका भी संदेह के दायरे में है. फिलहाल पुलिस पुख्ता सबूत जुटाने में लगी है. यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो कुछ और लोग भी हिरासत में लिए जा सकते हैं. वैसे इस घटनाक्रम का दीएंड करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी बधाई देनी होगी. शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह ने जैसे ही उन्हें अवगत कराया कि एक कथित डायरी के कुछ पन्नों को सर्कुलेट कर यह बताया जा रहा है कि पदस्थापना और तबादले के नाम पर छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग में करोड़ों रुपए की उगाही हुई है... वैसे ही मुख्यमंत्री ने मामले में तेजी से जांच के आदेश दे दिए. मुख्यमंत्री बार-बार यहीं कहते हैं कि कानून से बड़ा कोई नहीं है. यह बात वे सच कहते हैं....क्योंकि कथित डायरी कांड में गिरफ्तार एक आरोपी संजय सिंह ठाकुर कांग्रेस से जुड़े हुए हैं.

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