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स्वाधीनता सेनानी की 92 वर्षीय बूढ़ी पत्नी को बागबाहरा पुलिस ने घंटों बिठाया थाने में

स्वाधीनता सेनानी की 92 वर्षीय बूढ़ी पत्नी को बागबाहरा पुलिस ने घंटों बिठाया थाने में

रायपुर. छत्तीसगढ़ के बागबाहरा में एक शर्मनाक वाक्या घटित हुआ है. बागबाहरा नगरपालिका परिषद के कुछ अफसर एक इलाके में कब्जा हटाने गए थे. वहां कुछ विवाद की स्थिति बनी तो अफसरों ने अभद्र व्यवहार से आहत होकर एक शिकायत थाने में जमा कर दी. शिकायत मिलने के तुरन्त बाद पुलिस ऐसी सक्रिय हुई जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो गया हो. पुलिस ने वार्ड क्रमांक पांच गणेशपारा पहुंचकर सबसे पहले उस बुर्जुग महिला को उठाया जो 92 साल की है और स्वाधीनता संग्राम सेनानी सुखदेव प्रसाद गुप्ता की पत्नी है.वयोवृद्ध महिला के परिजन चिल्लाते रह गए कि महिला ठीक से चल-फिर नहीं सकती है. उन्हें समय-समय पर दवा लेनी पड़ती है, लेकिन पुलिस के जाबांज सिपाहियों ने किसी की नहीं सुनी. महिला को गाड़ी में लाकर थाने में बिठा दिया गया. इस मामले की जानकारी होने पर बागबाहरा के भोजपुरी समाज ने प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और जिले के कलक्टर को शिकायत भेजी है. भोजपुरी समाज ने कहा है कि नगरपालिका परिषद के अफसरों की सोच उनकी असंवेदनशीलता और घटिया मानसिकता को दर्शाती है. एक अत्यंत ही बुर्जुग महिला के साथ जो कुछ हुआ वह न केवल निदंनीय है बल्कि बेहद शर्मनाक है.

भोजपुरी समाज के अध्यक्ष अर्जुन प्रसाद ने अपनी शिकायत में लिखा है कि नगरपालिका परिषद के अफसरों ने 92 वर्षीय श्रीमती मंतो देवी गुप्ता के खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाई है. भला एक वयोवृद्ध महिला हट्टे-कट्टे जवान अफसरों के साथ हाथापाई करेगी ? जिस मंतो देवी के खिलाफ अफसरों ने मामला दर्ज करवाया है वह महिला पूरी तरह से कमजोर है. इस मामले की निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए और दोषी अफसरों और पुलिस वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए. भोजपुरी समाज ने थाने में खींचा गया वह चित्र भी जारी किया है जिसमें एक पुलिसकर्मी...बूढ़ी महिला से पूछताछ करता हुआ दिखाई दे रहा है. जो लोग भी इस खबर को पढ़ रहे हैं...वे अगर बूढ़ी महिला की जगह अपनी बूढ़ी मां को रखकर देखेंगे तो शायद उनका खून खौल उठेगा.छत्तीसगढ़ की पुलिस कब सुधरेगी...कहना मुश्किल हैं.

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