विशेष टिप्पणी

भारत-पाक के बीच करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण को अमेरिका ने किया स्वागत

भारत-पाक के बीच करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण को अमेरिका ने किया स्वागत

वाशिंगटन: अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने की कोशिशों का स्वागत किया है. अमेरिका का ये बयान हाल ही में दोनों पड़ोसी देशों के बीच करतारपुर गलियारे की आधाशिला रखे जाने के संदर्भ में आया है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता रॉबर्ट पैलाडिनो ने संवाददाताओं को बताया, "हम करतारपुर गलियारे की खबरों से वाकिफ हैं. इससे भारतीयों को पाकिस्तान स्थित सिख धार्मिक स्थल पर बिना वीजा के जाने की अनुमति मिलेगी. हम इसका स्वागत करते हैं." 

करतारपुर गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित दरबार साहिब (कहा जाता है कि गुरु नानक ने यहीं अंतिम सांसें ली थीं) को भारत के पंजाब में गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक तीर्थस्थल से जोड़ेगा.  करतारपुर साहिब पाकिस्तान में रावी नदी के पार स्थित है और डेरा बाबा नानक से करीब चार किलोमीटर दूर है. सिख गुरु ने 1522 में इस गुरुद्वारे की स्थापना की थी.

करतारपुर गलियारे से भारतीय सिख श्रद्धालु करतारपुर में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब तक वीजा रहित यात्रा कर सकेंगे. भारत ने पाकिस्तान के सामने 20 साल पहले करतारपुर कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसका निर्माण कार्य छह महीने के भीतर पूरा होने की उम्मीद है. भारत से हजारों सिख श्रद्धालु हर साल गुरू नानक की जयंती मनाने के लिए पाकिस्तान जाते हैं.

बता दें, करतारपुर कॉरिडोर की आधारशीला अभी ही रखी गई है. पाकिस्तान की तरफ हुए समारोह में भारत सरकार ने कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और हरदीप सिंह पुरी को भेजा था. वहीं नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान के न्योते पर पहले से ही वहां गए हुए थे. न्योता विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को भी दिया गया था, लेकिन उन्होंने पाकिस्तान का न्योता नहीं स्वीकार किया. सुषमा स्वराज ने उसके बाद कहा था कि कॉरिडोर का मतलब यह नहीं कि भारत-पाकिस्तान दि्वपक्षीय बातचीत शुरू हो जाएगी. बातचीत और करतारपुर कॉरिडोर दोनों अलग-अलग हैं. साथ ही उन्होंने कहा था कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद खत्म नहीं करेगा, तब तक भारत उससे बात नहीं करेगा.

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