विशेष टिप्पणी
क्या मोदी सरकार माफी मांगेगी ?
न्यूयॉर्क टाइम्स कह रहा है कि मोदी सरकार ने पांच साल पहले 2017 मे 15 हजार करोड़ रुपये का जो रक्षा सौदा इस्राइल से किया था, उसमें पेगासस स्पाईवेयर की खरीद भी शामिल थी.अखबार ने अपनी सालभर लंबी चली जांच के बाद यह खुलासा किया है.
ऐसे खुलासे के बाद एक देश के रूप में हमारा सिर शर्म से झुक जाता है. दूसरी तरफ बेशर्म मोदी सरकार को अपनी घटिया हरकतों पर गर्व होता दिखाई देता हैं.
पेगासस एक ऐसा स्पायवेयर है, जो इसे संचालित करने वालों को दूर से ही किसी स्मार्टफोन को हैक करने के साथ ही उसके माइक्रोफोन और कैमरा सहित, इसके कंटेंट और इस्तेमाल तक पहुंच देता है.
इस तरह के सॉफ्टवेयर आतंकवाद का मुकाबला करने के एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं लेकिन भारत में मोदी सरकार ने इससे विपक्ष के नेताओ, पत्रकारो, मानव अधिकार कार्यकर्ताओ, आएएस अफसरों, जजों, और भाजपा में मोदी के सहयोगियों की जासूसी करवा रही थीं.
1972 में अमेरिका में अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के कार्यालयों पर जासूसी कराने की कोशिश की थी, जिसे वॉटरगेट स्कैंडल के नाम से जाना जाता है. इसके कारण बाद में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था.
आज तो हम इस बात की कल्पना भी नहीं कर सकते कि मोदी सरकार इस इस्तीफा देना तो दूर रहा इस कृत्य पर माफी भी मांगेंगी.
Girish Malviya की पोस्ट