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डिप्टी सीएम विजय शर्मा के इलाके में कांग्रेस का जोरदार प्रदर्शन

डिप्टी सीएम विजय शर्मा के इलाके में कांग्रेस का जोरदार प्रदर्शन

कवर्धा. कवर्धा नगरपालिका क्षेत्र में अधिकांश मकान,दुकान तथा अन्य संस्थान बगैर नक्शा स्वीकृति के बने हैं या स्वीकृत नक्शे के विपरीत बने हैं. प्रदेश में कांग्रेस शासन काल में इन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, लेकिन भाजपा का शासन आते ही नगरपालिका के तरफ से ऐसे मामलों में कार्यवाही की नोटिस जारी की जाने लगी है और कार्यवाही भी इस तरीके से हो रही है कि हाईकोर्ट के आदेश तक की परवाह नही की जा रही है. नगरपालिका के इसी रवैए के विरोध में कांग्रेसजनों ने बड़ी रैली निकालकर विरोध जताया. साथ ही चेतावनी भी दी कि जगदंबा पैलेस मामले में हाई कोर्ट से यथास्थिति का आदेश मिलने के बावजूद दी गई नोटिस को वापस नही लेने पर हाईकोर्ट की अवमानना का प्रकरण प्रस्तुत कर दिया जाएगा. प्रदर्शन में कांग्रेस पार्टी के सभी सत्रह पार्षद शामिल हुए.

इन दिनों कवर्धा नगरपालिका बिलकुल अलग रोल में हैं. छिटपुट निर्माण पर नोटिस जारी की जाने लगी है. पहले ऐसा कभी नहीं हुआ.इसे लेकर जन सामान्य में भारी गुस्सा है. गुस्से को प्रदर्शित करने आज कांग्रेसजन सड़क पर उतर आए. इस दौरान कांग्रेसजन तानाशाही नहीं चलेगी...नारा भी लगाते रहे.

जगदंबा पैलेस मामले में हाई कोर्ट के यथा स्थिति के आदेश के बावजूद पुनः नोटिस जारी करने को लेकर मुख्य नगरपालिका अधिकारी प्रमोद कुमार वर्मा को आड़े हाथों लिया गया. उनसे तत्काल नोटिस को वापस लेने की मांग की गई. ऐसा न करने पर उन्हें हाई कोर्ट की कार्यवाही के लिए तैयार रहने आगाह किया गया.इस पर सीएमओ ने हाई कोर्ट का सम्मान विधि सम्मत कार्यवाही करने की बात कही.

कौन डाल रहा है दबाव ?

सीएमओ से यह भी कहा गया कि कवर्धा में लोगों के मकान,दुकान और अन्य संस्थान पर नोटिस जारी करने की कार्यवाही तुरंत रोकी जाए क्योंकि अधिकांश मकान बगैर नक्शा स्वीकृति के बने हुए हैं या स्वीकृत नक्शे के अनुरूप नहीं बने हुए हैं. क्या नगरपालिका पूरे कवर्धा को तोड़ फोड़ कर बर्बाद करना चाहती है ?और नगरपालिका किसके दबाव पर ऐसा करना चाहता है ? सीएमओ ने दबाव की बात कही है इसलिए उन्हें उस आदमी का नाम भी बताना चाहिए.

कांग्रेसजनों ने रहवासियों,दुकानदारों को नोटिस जारी करना नहीं रोकने पर नगर में उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है. प्रदर्शन में प्रमुख रूप से नीलकंठ चंद्रवंशी,ममता चंद्राकर,महेश चंद्रवंशी ,ईश्वर शरण वैष्णव ,पीतांबर वर्मा ,नवीन जायसवाल ,मोहित महेश्वरी, रामचरण पटेल, मणिकांत त्रिपाठी, महेंद्र कुंभकार, अजय यादव, भीषण तिवारी ,अगम दास अनंत, गंगोत्री योगी ,रानू दुबे ,सीमा गम अनंत, कीर्ति केशरवानी,जोहन खानडे ,नीलकंठ साहू, चोवाराम साहू ,अशोक सिंह , दूलाखन गेंदे, भारत वनसे, शीतल साहू , शीतेश चंद्रवंशी, वाल्मीकि वर्मा, चंद्रभान कोसले अश्वनी वर्मा, अमन वर्मा ,सोनू कौशिक ,नरेंद्र देवांगन ,संतोष यादव ,हरेश चतुर्वेदी ,राजेश गुप्ता, कपिल जायसवाल ,भीकम कोसले ,सुशीला धुर्वे, नेतराम धुर्वे, बबलू चंद्रवंशी, उत्तम गोप ,चुनवा खान, राजेश गुप्ता,मुकेश कौशिक,संतोष नामदेव,नारद चंद्रवंशी सहित लगभग चार सौ कांग्रेस जन शमिल थे.

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