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ग्रीन अर्थ सिटी इन्फ्रावेन्चर्स प्राइवेट लिमिटेड पर रेरा ने लगाया पांच लाख का जुर्माना

ग्रीन अर्थ सिटी इन्फ्रावेन्चर्स प्राइवेट लिमिटेड पर रेरा ने लगाया पांच लाख का जुर्माना

जमीन बेचने और मकान निर्माण के गोरखधंधे में जुटे कई बिल्डर निशाने पर

रायपुर. छत्तीसगढ़ में भाजपा की नई सरकार बनने के बाद जमीन बेचने और मकान निर्माण का गोरखधंधा करने वाले कई बिल्डर निशाने पर आ गए हैं.अभी हाल के दिनों में छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण ( रेरा ) ने ग्रीन अर्थ सिटी फेस-2 के प्रमोटर ग्रीनअर्थ इन्फ्रावेन्चर्स प्राइवेट लिमिटेड पर अनियमितताओं और कालोनी के रहवासियों को समुचित सुविधा प्रदान नहीं किए जाने के मामले में संज्ञान लेते हुए पांच लाख का जुर्माना लगाया है. अमलेश्वर की कॉलोनाइजर कंपनी ग्रीन अर्थ इंफ्रावेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड को रेरा ने यह चेतावनी भी दी है कि यदि जुर्माने की राशि दो माह के भीतर जमा नहीं की गई तो कठोर कार्रवाई की जाएगी.

रेरा ने अपने आदेश में साफ-साफ कहा है कि अधिनियम 2016 के प्रावधानों के अनुसार प्रमोटर्स को रियल एस्टेट प्रोजेक्टस में आबंटितियों से प्राप्त राशि का उपयोग रेरा के विनिर्दिष्ट खाते के माध्यम से करना अनिवार्य था, लेकिन ऐसा नहीं कर वित्तीय अनियमितता जारी रखी गई. ग्रीन अर्थ सिटी अमलेश्वर में निवासरत लोगों द्वारा भी लगातार ग्रीन अर्थ इंफ्रावेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड को कॉलोनी में समुचित सुविधाओं के लिए अनुरोध किया जाता रहा है जिस पर भी बिल्डर की तरफ से ध्यान नही दिया गया.

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में जमीन बेचने और मकान निर्माण का कारोबार करने वाले बिल्डरों का गोरखधंधा पिछले कई सालों से बदस्तूर जारी है. बिल्डर पहले तो लोक-लुभावन ब्रोशर के जरिए ग्राहकों को लुभाते हैं और बाद में अपने वादे से मुकर जाते हैं. छत्तीसगढ़ में केवल दो-चार बिल्डरों को छोड़ दें तो ज्यादातर केवल अवैध ढंग से पैसा कमाने में ही जुटे हुए हैं. छत्तीसगढ़ में कई आवासीय कालोनियां ऐसी हैं जहां ढंग से सड़क, पानी, बिजली, बाग-बगीचे, कल्ब हाउस सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं मुहैय्या नहीं हैं.

इन इलाकों में मकान का निर्माण.... हो जाइए सावधान

छत्तीसगढ़ में हाल-फिलहाल कई बिल्डर विधानसभा और उसके आसपास सस्ती जमीन के चलते प्लाट बेचने और मकान निर्माण के काम में जबरदस्त ढंग से सक्रिय है. विधानसभा के आसपास का पूरा इलाका नरदहा गांव के पास स्थित ग्राम संकरी में कचरा डम्प करने की वजह से वैसे ही बरबाद और बदनाम हो चुका है उस पर बिल्डरों की मनमानी देखने को मिल रही है. यहां यह बताना भी आवश्यक है कि नरदहा के पास स्थित ग्राम सकरी में रायपुर शहर का सारा कचरा डंप होता है. कचरे की बदबू से सकरी, जोरा, पिरदा, लोहरा भाठा,आमासिवनी, बाराडेरा, तुलसी, पचेड़ा, कंचना और सड्डू के रहवासी बुरी तरह से परेशान है. इन इलाकों में पहुंचने वाली हवा में इतने विषैले कीटाणु मौजूद रहते हैं कि यहां रहने वाले लोग चर्म रोग और दमा के शिकार होते जा रहे हैं. कई बार तो हवा इतनी ज्यादा विषाक्त हो जाती है कि भोपाल गैस कांड की याद ताजा हो जाती है और दम घुटने लगता है. ( यदि इस खबर को पढ़ने वाला कोई एक पाठक भी इन इलाकों में सक्रिय बिल्डरों से प्लाट खरीदकर मकान बनवाने का इच्छुक है तो उसे सचेत हो जाना चाहिए. यहां जमीन खरीदकर मकान निर्माण करना खुद के साथ-साथ परिवार को भी मौत के कुएं में धकेलने जैसा है. )

अभी हाल के दिनों में एक बिल्डर ने ग्राम नरदहा-सकरी के पास स्थित एक सोसायटी की बिजली काटकर पानी की सप्लाई बंद कर दी है. रहवासी ठंड के दिनों में टैंकरों से पानी मंगवा रहे हैं. सोसायटी में अंधेरा होने की वजह से जहरीले सांप और बिच्छू भी निकल रहे हैं जिससे अप्रिय स्थिति कायम होने की संभावना बनी हुई है. बिल्डर की मनमानी से त्रस्त रहवासियों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात कर गुहार लगाने का विचार किया है.

 

 

 

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