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बिल्डर सुभाष कुशवाहा पर 62 लाख का जुर्माना...इधर यूनिहोम्स रेंसीडेंसियल सोसासटी का मामला रेरा पहुंचा

बिल्डर सुभाष कुशवाहा पर 62 लाख का जुर्माना...इधर यूनिहोम्स रेंसीडेंसियल सोसासटी का मामला रेरा पहुंचा

रायपुर. छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण ( रेरा ) के पास गत दो सालों में प्रदेश के कई नामचीन बिल्डरों और कंस्ट्रक्शन कंपनियों के खिलाफ सैकड़ों शिकायतें पहुंची है, लेकिन ज्यादातर मामलों में नोटिस देकर जवाब मांगने का खेल चलता रहा है. रेरा में पदस्थ अफसरों की कार्य पद्धति को लेकर भी कई तरह की बातें सामने आ रही है. बिल्डरों और कंस्ट्रक्शन कंपनियों की धोखाधड़ी से परेशान नागरिकों का कहना है कि रेरा ने एकाध को छोड़कर कभी भी किसी बिल्डर पर ऐसी ठोस कार्रवाई नहीं की है जिससे गैर कानूनी ढंग से निर्माण करने वालों को सबक मिल सकें. रेरा से नोटिस मिलने के बाद ज्यादातर बिल्डर हाईकोर्ट की शरण ले-लेते हैं और वहां से स्टे ले आते हैं. इस तरह से पीड़ित उपभोक्ता का मामला हाईकोर्ट और रेरा के बीच झूलते रहता है. इधर एक मामले में ( रेरा नहीं )  उपभोक्ता फोरम ने मेसर्स लैंडमार्क एसोसिएट से जुड़े बिल्डर सुभाष कुशवाहा पर 62 लाख 31 हजार का जुर्माना ठोंका है. आनंद विहार अपार्टमेंट के फ्लैट में रहने वाले 31 लोगों ने बिल्डर के खिलाफ गुणवत्ताविहीन फ्लैट बनाकर देने की शिकायत की थी जिसके बाद उपभोक्ता फोरम ने यह आदेश पारित किया है.  

आनंद विहार अपार्टमेंट में रहने वाले प्रिंस देवांगन, स्वाति पांडे, रेखा चंद्रा, ज्योति संजय द्विवेदी, दिलीप देवांगन, देवी प्रसाद मिश्रा, नवनीत कुमार शुक्ला, अखिलेश कुमार वैष्णव, ज्योति साहू, सुनीता प्रकाशचंद जैन सहित कुल 31 परिवादियों ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत देकर यह कहा था कि उनके फ्लैट का निर्माण कार्य बेहद घटिया है. फ्लैट में वेक्ट्रीफाइड टाइल्स की जगह सिरेमिक टाइल्स लगाई गई है. मॉड्यूलर स्ट्रक्चर नहीं बनाया गया है. सेरेमिक टाइल्स 4 फीट की जगह कम ऊंचाई की लगाई गई है. सेनेटरी सामान की क्वालिटी खराब है. प्रवेश द्वार में मार्टिस लॉक नहीं है. इलेक्ट्रिक वायरिंग सही नहीं की गई है.मीटर रूम खुला हुआ है तो बिजली के वायर खुली हालत में है.सीसीटीवी और अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था नहीं की गई है. पार्किंग और सिक्योरिटी प्रबंध नहीं है. सम्पवेल का निर्माण अधूरा है. टंकियों में प्लास्टर नहीं किया गया है. लिफ्ट बंद है, बाउंड्री वॉल में प्लास्टर नहीं है. सीढ़ियां अधूरी एवं जर्जर है तथा कार्य पूर्ण कर नगर निगम को कालोनी का हस्तांतरण नहीं किया गया है.नागरिकों की शिकायत के बाद जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर ने बिल्डर संस्थान के पार्टनर भिलाई के सुभाष कुशवाहा के खिलाफ आदेश पारित करते हुए 62 लाख 31 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. इसके अलावा बिल्डर को अपार्टमेंट और फ्लैट में हुए दोषपूर्ण कार्य को ठीककरने के लिए 6 माह का समय भी दिया है.

यूनिहोम्स रेसीडेंसियल कॉपरेटिव सोसायटी के खिलाफ शिकायत

इधर भाठागांव स्थित यूनिहोम्स रेसीडेंसियल कॉपरेटिव्ह सोसायटी का मामला रेरा जा पहुंचा है. ( अब पता नहीं इस सोसायटी में रहने वाले लोगों को भी रेरा से न्याय मिल पाएगा या नहीं ? ) सोसायटी के रहवासियों का आरोप है कि बिल्डर ने मकान बेचने के दौरान चमकदार ब्रोशर-पंपलेट में जिस ढंग का वादा किया था उसमें एक भी पूरा नहीं किया गया. इतना ही नहीं परिसर के अंदर एक और कालोनी विकसित करने की कवायद चल रही है और काम्पलेक्स के लिए आरक्षित की गई जमीन पर भी प्लाट काटकर बेचा जा रहा है. अगर इस कालोनी के भीतर ही एक दूसरी कालोनी विकसित हो जाती है यूनिहोम्स सोसायटी का मुख्य मार्ग बाधित हो जाएगा.

 

 

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