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गोड़से वाली राजनीति को छत्तीसगढ़ की धरा से उसूल का तमाचा जड़ेंगे राहुल गांधी

गोड़से वाली राजनीति को छत्तीसगढ़ की धरा से उसूल का तमाचा जड़ेंगे राहुल गांधी

राजकुमार सोनी / रायपुर 

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी तीन फरवरी को रायपुर आ रहे हैं. उनका यह दौरा कई मायनों में देश और राज्य की राजनीति में दूरगामी संदेश देने वाला साबित हो सकता है. राहुल गांधी कल नवा रायपुर के राज्योत्सव स्थल में वर्धा आश्रम की तर्ज पर सेवाग्राम का भूमिपूजन करेंगे. छत्तीसगढ़ में सेवाग्राम के शिलान्यास का मतलब ही गोड़से वाली राजनीति पर उसूल का तमाचा जड़ने जैसा है. यह वक्त की जरूरत भी है क्योंकि अब भी एक धड़े के लोग सांप्रदायिकता की राजनीति को सब कुछ मानकर चल रहे हैं. इस धड़े को लगता है कि जब तक कांट-छांट और बंटवारे का खेल जारी रहेगा तब तक उनकी राजनीति फलते-फूलती रहेगी. जिस जगह पर सेवाश्रम का भूमिपूजन होना है वहां अब तक हुए राज्योत्सव में भाजपा की सरकार केवल नाच और गाने का प्रोग्राम ही आयोजित करती रही है. यहां कभी करिश्मा कपूर आती रही है तो कभी देश की समरसता में नफरत का बीज बोने वाली अभिनेत्री कंगना रनौत को लेकर सेल्फीबाजी होती रही है.

राहुल गांधी साइंस कॉलेज मैदान में सरकार की महत्वाकांक्षी राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना की पहली किश्त भी जारी करेंगे. इस योजना के तहत भूमिहीन मजदूरों को हर साल सम्मानजनक राशि देने का प्रावधान है. यह राशि सीधे उनके खाते में जाएगी. वैसे तो छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार को किसानों की सरकार माना जाता है. प्रदेश के किसानों का एक बड़ा तबका उनकी कार्य प्रणाली से खुश भी दिखाई देता है. ऐसे में भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए यह योजना राहत का ही काम करेगी.

अमर जवान ज्योति की नींव रखेंगे

राहुल गांधी छत्तीसगढ़ की सशस्त्र बल की चौथी बटालियन के माना स्थित मुख्यालय में अमर जवान ज्योति की नींव भी रखने जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल की सरकार ने इस ज्योति को शहीद जवानों के स्मृति केंद्र के तौर पर बनाने का फैसला किया है. इस स्थल पर शहीद जवानों के नामों की पट्टिका भी लगी रहेगी. देर-सबेर जो लोग भी इस ज्योति के दर्शन को आएंगे तो वे इस बात की चर्चा तो अवश्य करेंगे कि जब केंद्र की मोदी सरकार ने इंडिया गेट से अमर जवान ज्योति का विलय करवाया तब छत्तीसगढ़ की सरकार ने उनकी पावन स्मृति को बचाए रखने का उपक्रम जारी रखा.

विदित हो कि नई दिल्ली के इंडिया गेट पर पिछले 50 साल से अमर जवान ज्योति जल रही थीं, लेकिन पिछले दिनों इस ज्योति का राष्ट्रीय समर स्मारक की ज्योति के साथ विलय कर दिया गया. हालांकि यह नहीं भी किया जाता तो कोई फर्क नहीं पड़ने वाला था,लेकिन इस ज्योति के विलय के साथ ही केंद्र की मोदी सरकार निशाने पर आ गई. ज्यादातर लोगों ने यह माना कि यह ज्योति इसलिए बुझाई गई या विलय की गई क्योंकि सरकार गौरवशाली इतिहास को मिटाने पर तुली हुई है. बता दें कि अमर जवान ज्योति का निर्माण 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में जान गंवाने वाले भारतीय सैनिकों के लिए एक स्मारक के रूप में किया गया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी, 1972 को इसका उद्घाटन किया था. 1971 में भारत-पाक युद्ध में भारत की विजय हुई थी और बांग्लादेश का गठन हुआ था. तब से लेकर अब तक यह ज्योति पिछले पांच दशकों से लगातार जल रही थीं. हर साल राष्‍ट्रीय उत्‍सवों पर शहीदों को नमन करने के लिए कृतज्ञ देशवासी वहां जमा होते थे.

बहरहाल आने वाले कुछ दिनों में पांच राज्यों में चुनाव है. चुनाव आयोग का डंडा केवल उन्हीं राज्यों में ही चल रहा है जहां विपक्ष रैली और सभाएं करता है. अब छत्तीसगढ़ में राहुल गांधी किसी कार्यक्रम में शिरकत कर लेंगे तो चुनाव आयोग क्या कर लेगा ? निश्चित रुप से राहुल गांधी मजदूर-किसानों के लिए बनाई गई योजनाओं, अमर जवान ज्योति और सेवाग्राम शिलान्यास के जरिए दूर तक निशाना साधने में सफल हो सकते हैं. बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी... बहरहाल इस सार्थक रणनीति के  लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को देश का निष्पक्ष मीडिया ( गोदी मीडिया नहीं ) अभी से बधाई भी दे रहा है. सांप्रदायिक ताकतों से लगातार लोहा लेने वाले देश के कई नामचीन लेखक और पत्रकार छत्तीसगढ़ की धरा पर गत दो दिनों से मौजूद है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक तीर से कई शिकार वाली कार्य योजना को अमली जामा पहना दिया है. यदि कोई इस योजना को नजर अंदाज करता है तो यह उसकी नासमझी ही समझी जाएगी.

 

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