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मोदी जी... क्या रमन का प्यारा दामाद पुनीत गुप्ता भी नीरव मोदी बनकर  हो जाएगा फरार

मोदी जी... क्या रमन का प्यारा दामाद पुनीत गुप्ता भी नीरव मोदी बनकर हो जाएगा फरार

रायपुर. जो काम छत्तीसगढ़ की पुलिस को करना चाहिए वह काम नागरिक कर रहे हैं. कई गंभीर मामलों में अपराध दर्ज होने के बावजूद भी पुलिस अब तक पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता पर हाथ नहीं डाल पाई है. सार्वजनिक स्थलों और गाड़ियों पर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के दामाद का मोस्ट वांटेड पोस्टर चस्पा करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पंजाब नेशनल बैंक के जोनल हेड ( भोपाल ) को खत लिखा है. अपने खत में कुणाल ने कहा है कि मोदी जी... आप खाऊंगा न खाने दूंगा की बात करते हैं तो खुशी होती है, लेकिन क्या आपको पता है कि आपकी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता डाक्टर रमन सिंह के दामाद ने करोड़ों रुपए का फ्राड किया है…क्या आप उसे भी नीरव मोदी तरह विदेश भागने का मौका देना चाहते हैं.

रमन को सब पता था

गौरतलब है कि डाक्टर पुनीत गुप्ता ने राजधानी रायपुर के सरकारी अस्पताल  भीमराव अंबेडकर मेमोरियल हॉस्पिटल  को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में तब्दील करने के लिए 99 करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार किया था। वर्ष 2016-17 में जब यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया तब राज्य सरकार के पास बजट नहीं था. लिहाज़ा, अस्पताल के लिए मशीनों और उपकरण की ख़रीदी के लिए पंजाब नेशनल बैंक से लोन लेने का फ़ैसला लिया गया. लोन के लिए पूरी प्रक्रिया डॉ. पुनीत गुप्ता के निर्देश पर हुई थी. सूत्र बताते हैं कि पुनीत गुप्ता की इस तमाम तरह की कार्रवाई की जानकारी पूर्व मुख्यमंत्री को थी. इस मामले में सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के अवर सचिव सुनील विजयवर्गीय को गारंटर बनाकर पीएनबी से 64 करोड़ रुपए का टर्म लोन और 5 करोड़ रुपये के कैश क्रेडिट की मंजूरी करवाई गई थीं.

फर्जी हस्ताक्षर से लिया लोन

बैंक से रकम जारी होने के बाद डॉ. पुनीत गुप्ता ने मनमाने तरीके़ से अस्पताल की मशीनें और उपकरण ख़रीदे। इसकी ख़रीद में उन्हीं कंपनियों को टेंडर में प्राथमिकता दी गई, जिनका चयन पुनीत गुप्ता ने किया था. नियमानुसार किसी भी प्रोजेक्ट के लिये लोन जारी करने से पहले बैंक, आवेदन पत्र के साथ उस संस्थान की ऑडिट रिपोर्ट अनिवार्य रूप से जमा करवाता है. एक शिकायत के बाद पुलिस को पता चला कि जो ऑडिट रिपोर्ट जमा की गई है उसमें चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) प्रकाश के हस्ताक्षर फर्जी है. सीए प्रकाश देशमुख ने पुलिस को दिए अपने बयान में भी मान लिया है कि पंजाब नेशलन बैंक को भेजी गई ऑडिट रिपोर्ट में उसने किसी तरह का कोई हस्ताक्षर नहीं किया है. सामाजिक कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला का कहना है कि क्या जब पुनीत गुप्ता विदेश फरार हो जाएगा तब कार्रवाई होगी. यहां यह बताना लाजिमी है कि करोड़ों रुपए की चपत लगाने वाले नीरव मोदी को भी पंजाब नेशनल बैंक ने कर्ज दिया था. कुणाल ने बैंक के जोनल हेड को भेजी शिकायत में पूछा है कि अब तक बैंक की तरफ से पुनीत गुप्ता के खिलाफ एफआईआर क्यों दर्ज नहीं करवाई गई. क्या पंजाब नेशनल बैंक भी पुनीत गुप्ता के फरार होने का इंतजार कर रहा है. क्या बैंक एक और नीरव मोदी की फरारी के बाद ही एफआईआर दर्ज करवाएगा.

 

 

 

 

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