अंदरखाने की बात

भूपेश सरकार को बदनाम करने के लिए होटल में बैठक

भूपेश सरकार को बदनाम करने के लिए होटल में बैठक

किसी ने सच ही कहा है कि जिस किसी को भी हराम की कमाई खाने का शौक चढ़ जाता है फिर वह चाहे जैसे भी हो... लूट-खसोट के नए-नए तौर-तरीके ढूंढते रहता है. छत्तीसगढ़ में नई सरकार के गठन के साथ ही बहुत से अफसर खुश हैं और पूरी मेहनत-लगन और प्रतिबद्धता के साथ अपने काम को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन चंद अफसर ऐसे भी है जो इस बात के लिए खफा है कि भूपेश बघेल ने उनकी अवैध कमाई की पाइप लाइन को काट दिया है. ऐसे चंद अफसर पुरानी सरकार के साथ स्वामी भक्ति का परिचय देते हुए एयरपोर्ट मार्ग पर स्थित एक होटल में आए दिन बैठक कर रहे हैं. जाहिर सी बात है कि अफसर होटल में जाएंगे तो भजन-कीर्तन नहीं करेंगे. जब खाने के पहले छककर पीने का उपक्रम चलता है तो फिर बात पर बात निकलती है और दूर तलक जाती है........।

अंदरखाने की खबर यह है कि पिछले दिनों होटल में चंद अफसर केवल इस बात के लिए ही जुटे कि भूपेश सरकार को बदनाम कैसे किया जाय. इस बैठक में मंत्रालय के लोक निर्माण विभाग में लंबे समय से पदस्थ वन विभाग के एक अफसर के अलावा वह शख्स भी शामिल था जिसे लेकर हाल के दिनों में ईओडब्लू ने प्रकरण दर्ज करने की अनुमति मांगी है. खबर हैं कि इस बैठक का नेतृत्व सेवानिवृति के बाद संविदा में पदस्थ एक आईएएस अफसर ने की थी. बताते हैं कि इस बैठक के बाद ही चिप्स का सर्वर डाउन हो गया था. बैठक में सुकमा में पदस्थ रहे अफसर के भी शामिल होने की बात सामने आई है. हालांकि सर्वर डाउन होने के खेल में केवल यहीं एक अफसर नहीं है. इस खेल में लंबे समय से व्यापमं में जमी एक देवी और एक महाराज की भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. बैठक में अवैध कमाई पर विराम लग जाने से आहत एक अफसर ने कहा- पुरानी सरकार को हम लोग जैसा चाहे वैसा चलाते थे. कहीं कोई तकलीफ नहीं थीं. अब तो एसआईटी का डर बैठ गया है. पता नहीं कब तक चलेगा ऐसा. बैठक में एक नाम के पीछे राजिम शब्द को चस्पा करके चलने वाले एक अफसर को लेकर भी बात हुई. इस अफसर के बारे में अन्य अफसरों ने कहा कि देखिए... भले ही अफसर शाखा में जाता है, लेकिन क्या जबरदस्त समन्वय है. एक साथ कई विभाग संभाल रहा है. एक अफसर ने कहा- सरकारें तो आती-जाती रहती है. यदि राजनीतिक एप्रोच तगड़ी हो हर कोई ईओडब्लू का नेगी बन सकता है. जानकार बताते हैं कि ईओडब्लू में कोई नेगी नाम का अफसर है जो किसी  पूर्व मंत्री का करीबी है और एक ही जगह पर लंबे समय से पदस्थ है. वैसे प्रशासनिक हल्कों में यह चर्चा है कि पुलिस विभाग के चंद वरिष्ठ अफसर सरकार के साथ डबल गेम खेल रहे हैं. वे सरकार के साथ भी है और निलंबित आईपीएस को गोपनीय सूचनाएं देने के काम-धंधे में भी लगे हुए हैं. ( हालांकि निलंबित आईपीएस के पत्रकार बिरादरी के दो संपादक भी शामिल है. ) खबर है कि  दिल्ली में जा बसे सुपर सीएम अब भी अपनी धौंसपट्टी अफसरों पर झाड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं. वे बार-बार यहीं कहते हैं- भूलो मत कि मैंने तुमको ऊपर उठाया है. मैंने तुमको बनाया है. सुपर सीएम की गैंग में शामिल भारतीय प्रशासनिक सेवा वर्ष 2005 बैच के बहुत से अफसर अब भी छोटी सी छोटी जानकारी सुपर सीएम तक पहुंचा रहे हैं.

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