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छत्तीसगढ़ में जिस सब इंजीनियर की दो बच्चियों के साथ गलत हुआ...उसकी पहचान सार्वजनिक करने वाले दो अधिकारियों के खिलाफ जांच प्रारंभ

छत्तीसगढ़ में जिस सब इंजीनियर की दो बच्चियों के साथ गलत हुआ...उसकी पहचान सार्वजनिक करने वाले दो अधिकारियों के खिलाफ जांच प्रारंभ

छत्तीसगढ़ में जिस सब इंजीनियर की दो बच्चियों के साथ गलत हुआ...उसकी पहचान सार्वजनिक करने वाले दो अधिकारियों के खिलाफ जांच प्रारंभ

शिकायतकर्ता सब इंजीनियर ने बच्चियों के नाम का दुरुपयोग करने वालों के आवाज की सीडी पुलिस को सौंपी

कार्यपालन अभियंता और उप अभियंता पर गिर सकती है गाज

रायपुर. जो कोई भी कानून का जानकार है वह इस बात को भली-भांति जानता है कि यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण के लिए बनाए गए पास्को एक्ट में बच्चों के साथ-साथ उनके अभिवावक, परिवार, बच्चों के स्कूल, रिश्तेदार और पास-पड़ोस की सुरक्षा और गोपनीयता बेहद महत्वपूर्ण होती है. जो कोई भी इस सुरक्षा को तोड़ता है यानी बच्चों या उनके अभिभावक का नाम सार्वजनिक करता है तो ऐसा कृत्य अपराध की श्रेणी में आता है और इसके लिए बकायदा जेल की सजा का भी प्रावधान है, लेकिन छत्तीसगढ़ में ग्रामीण सड़कों को बनाने वाले विभाग में पदस्थ एक  कार्यपालन अभियंता और एक उप अभियंता ने सुरक्षा घेरे को तोड़ने का कृत्य कर डाला है. इस मामले में पीड़ित सब इंजीनियर ने राज्यपाल से शिकायत की थीं जिसके बाद पुलिस ने जांच प्रारंभ कर दी है.

ग्रामीण इलाकों में सड़कों का निर्माण करने वाले विभाग में पदस्थ एक सब इंजीनियर की दो बच्चियां जिस स्कूल में पढ़ती थीं वहां उन बच्चियों के साथ गलत हुआ था. मामले की जानकारी होने के बाद सब इंजीनियर ने कुछ पालकों के साथ मिलकर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोला और अपराधी को जेल की सलाखों के पीछे  पहुंचाया,लेकिन इस बीच एक दुखद घटना घट गई. हादसे की शिकार सब इंजीनियर की एक बच्ची ने दम तोड़ दिया जबकि दूसरी बच्ची बीमार होकर गुमसुम रहने लगी. सब इंजीनियर ने अपनी बच्चियों के इलाज के लिए इधर-उधर खूब दौड़-धूप की और लगभग 27 लाख रुपए का कर्ज लेकर इलाज भी करवाया. होना तो यही चाहिए था कि विभाग के लोग पीड़ित परिवार के साथ खड़े रहते...लेकिन ऐसा नहीं हुआ. विभाग में पदस्थ कार्यपालन अभियंता के कारनामों का खुलासा करने करने की वजह से सब इंजीनियर का तबादला बीजापुर कर दिया गया. सब इंजीनियर ने तबादले में संशोधन के लिए इधर-उधर खूब हाथ-पांव मारे लेकिन उसे सफलता नहीं मिली. विभागीय मंत्री ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए नोटशीट भी लिखी...लेकिन अफसरों ने सोची-समझी योजना के तहत सब इंजीनियर को राहत नहीं मिलनी दी. 

सब इंजीनियर विभागीय प्रताड़ना से त्रस्त था ही कि एक रोज कुरुद इलाके में पदस्थ एक उप अभियंता ने रात में फोन कर कहा कि वह ( सब इंजीनियर ) अपनी बेटियों के नाम का गलत इस्तेमाल करते हुए फायदा उठा रहा है. यहां तक जिस स्कूल में बच्चियों के साथ घटना घटी थीं उस स्कूल से भी पैसे लेकर मामले को सेट कर लिया गया है. निश्चित रुप से यह आपत्तिजनक टिप्पणी थीं. सब इंजीनियर ने उप अभियंता सहित अन्य कई लोगों की टिप्पणियों को टेप कर लिया था. बहरहाल टेप की गई आवाज की सीडी पुलिस को सौंप दी गई है. कानून के जानकार कहते हैं कि अगर यह प्रमाणित हो जाता है कि कार्यपालन अभियंता और उप अभियंता ने पीड़ित बच्चियों और उनके परिवार के नाम का दुष्प्रचार किया है तो उन पर गाज गिर सकती है. सूत्र कहते हैं कि पुलिस ने पीड़ित सब इंजीनियर और उनकी पत्नी के अलावा कार्यपालन अभियंता और उप अभियंता का बयान दर्ज कर लिया है.

 

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