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रामा बिल्डकॉन के करतूतों की आंच में झुलसेंगे छत्तीसगढ़ में धोखाधड़ी करने वाले नामचीन बिल्डर
रायपुर.अमलीडीह की सरकारी जमीन को अपने रसूख से हड़पने का कारनामा करने वाले रामा बिल्डकॉन की करतूतों की आंच में वे बिल्डर भी झुलस सकते हैं जो छत्तीसगढ़ में लंबे समय से नियम विरुद्ध काम को अंजाम दे रहे हैं. जनता के साथ धोखाधड़ी कर मुनाफा कमाने की होड़ में शामिल बिल्डरों की सैकड़ों कहानियां अब छनकर सामने आने लगी है.
छत्तीसगढ़ में कई जगह पर मॉल और केवल धनाढ्य लोगों के लिए मकान निर्माण वाले एक नामी बिल्डर का कचना के पास एक प्रोजेक्ट है. बताते हैं कि बिल्डर ने नाले की जमीन को दबाकर उसके किनारे प्लाट कटिंग कर दिया है. इतना ही नहीं बिल्डर ने आने-जाने के लिए नाले पर पुल भी बना दिया है. जबकि पुल बनाने के लिए बिल्डर को राजस्व विभाग से अनुमति लेनी चाहिए थीं,लेकिन ऐसा नहीं किया गया. बताते हैं कि बिल्डर ने नाले को चाक-चौबंद करने के लिए बकायदा हिम पाइप का इस्तेमाल भी किया है.आसपास के ग्रामीणों ने काफी पहले नाले की जमीन को दबाए जाने का विरोध किया था लेकिन इधर एक बार फिर यह मामला तूल पकड़ने जा रहा है. छत्तीसगढ़ के एक बिल्डर ने कुछ अरसा पहले पत्रकारों के आवास के लिए गठित की गई मीडिया सिटी के एक बड़े भू-भाग को दबाने की साजिश रची थीं,लेकिन मीडियाकर्मियों के आक्रोश और सजगता की वजह से बिल्डर को अपने कदम पीछे हटाने पड़े थे.
बहरहाल छत्तीसगढ़ में जहां कहीं भी बिल्डर चमकीले ब्रोशर के साथ अपनी दुकान खोलकर बैठे हैं उन सबके द्वारा कहीं न कहीं से छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) के अधिनियम और प्रावधानों का उल्लंघन ही किया जा रहा है.छत्तीसगढ़ सरकार के जनसंपर्क विभाग ने ही 24 अक्टूबर 2024 को अपनी वेबसाइट में यह जानकारी दी है कि प्रावधानों का उल्लंघन करने के आरोप में रेरा ने प्रदेश के 412 बिल्डरों को नोटिस जारी किया है. जिन बिल्डर्स को नोटिस जारी किया गया उनमें से अधिकांश ने त्रैमासिक और वार्षिक लेखा परीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं किया था. जिन बिल्डरों ने निर्धारित समयावधि के बाद भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं किया था उन्हें भी नोटिस थमाया गया था.
अपराधिक पृष्ठभूमि के बिल्डरों से सावधान
छत्तीसगढ़ में कुछेक अच्छे बिल्डरों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश बिल्डरों के हाथ में सोने का मोटा कंगन और गले में सोने की मोटी चेन नजर आएगी. ऐसे सभी बिल्डरों की पृष्ठभूमि अपराधिक ही पाई जाती है. इधर पिछले एक-डेढ़ साल में ही यह खबर कुछ ज्यादा ही पढ़ने को मिल रही है कि बिल्डर ने ग्रामीण आदिवासियों की जमीन हड़प ली है. सरकारी अफसरों से मिली-भगत कर जमीन पर कब्जा जमा लेने के तो सैकड़ों मामले देखने को मिल रहे हैं. ( जल्द ही हम यह खबर भी प्रकाशित करेंगे कि छत्तीसगढ़ के किन बिल्डरों पर एफआईआर दर्ज है. )
बहरहाल अगर आप किसी निजी कंस्ट्रक्शन कंपनी, बिल्डर से प्लाट अथवा भवन खरीदने की सोच रहे हैं तो कई तरह की पूछ-परख और जांच-पड़ताल के बाद ही अपनी सौदाबाजी को अंजाम देना चाहिए. कहीं ऐसा न हो कि जीवन भर की जमापूंजी खर्च करने के बाद आपको पछतावा हो. दरअसल भवनों का निर्माण करने वाले बिल्डर और उनकी कंस्ट्रक्शन कंपनियां अखबारों में बड़े-बड़े विज्ञापन और आकर्षक पोस्टरबाजी से ग्राहकों को लुभा तो लेती है, लेकिन फिर वह सुविधांए नहीं दे पाती जिस पर ग्राहकों का अधिकार है.
लगभग चार साल पहले छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण ( रेरा ) में अकेले रायपुर जिले में ही 109 बिल्डर और प्रमोटरों के खिलाफ 318 शिकायतें दर्ज की गई थीं जबकि बिलासपुर में 14 बिल्डरों के खिलाफ 30 शिकायतें सामने आई थीं. हालांकि यह दावा भी सामने आया था कि अधिकांश हितग्राहियों की शिकायतों का निराकरण कर लिया गया है, लेकिन हितग्राहियों का कहना था कि प्रमोटर और बिल्डरों ने एक तरह से उनके साथ धोखा ही किया है. किसी ने अनुबंध के अनुसार आधिपत्य नहीं सौंपा तो किसी ने ब्रोशर के मुताबिक सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई. कुछ बिल्डरों और प्रमोटरों का निर्माण कार्य ही गुणवत्ता विहीन था.
इन नामचीन कंस्ट्रक्शन कंपनियों की शिकायत मिली थीं रेरा को
कंस्ट्रक्शन कंपनी पार्थिवी के खिलाफ सुनीता बसाक, सुनीता मुदलियार, श्रीमती निधि साव, पीतेश जोशी, मोहम्मद अनवर खान, रचित अग्रवाल, मुबारक खान, श्रीमती ईला तिवारी, श्री योगी राज पाण्डेय, इंद्रानिल चट्टोपाध्याय, श्रीमती रुपाली श्रीवास्तव सहित कुल 11 लोगों ने शिकायत दर्ज करवाई थीं. वात्सल्य बिल्डर्स एंड डेव्हलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर पुरुषोत्तम राव गडगे के खिलाफ आजीम खान, श्रीमती शारदा पटेल, सुनीता पटेल, संदीप सिंह चौहान, श्रीमती सरस्वती वर्मा, एमआर सिद्दकी, ब्रम्हादेव चौधरी, विशाल सिंह, अभिषेक राजपूत, श्रीमती इंद्रावती द्विवेदी ने शिकायत की थीं. वालफोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर पंकज लाहोटी के खिलाफ अमितेश साहू, श्रीमती ब्लेस्सी मैथ्य, बैजनाथ पांडे, कुमुद अग्रवाल, वैशाली कुंभाकर, अनंत प्रकाश सिंह, प्रीति कुमारी, नीता पटले, श्रीमती नवदीप कौर ढिल्लन की शिकायत रेरा तक पहुंची थीं. मेसर्स गोल्डब्रिक्स इन्फास्ट्राक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड ( जेसीसी ग्रुप ) के डायरेक्टर के खिलाफ अतुल अग्रवाल, सुमीत अग्रवाल, अतीत कुमार अग्रवाल, सत्यनारायण अग्रवाल, आशीष कुमार अग्रवाल, श्रीमती शारदा देवी अग्रवाल, श्रीमत अनिता सिन्हा, सुजीत कुमार दास, अभिताभ सिन्हा, नहर सिंह यादव, अशोक कुमार सिंह, श्रीमती सरिता श्रीवास्तव, अनुपम पांडेय, सुरेश कुमार पटनायक, श्रीमती श्वेता श्रीवास्तव, योगेंद्र सिंह, अपर्णा पनवार, अमित शर्मा, श्रीमती डी लक्ष्मी, कमलेश कुमार जैन ने शिकायत की थीं. सांई कृष्णा बिल्डर्स एण्ड प्रमोटर्स के खिलाफ अमर कुलकर्णी, लिखेश्वर साहू, मनोज जैन की शिकायत थीं. मेसर्स अबीर बिल्डकान प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर अफताब सिद्दकी के खिलाफ संदीप राठौर, राहुल जैन, कमलेश दास, श्रीमती कविता श्रीमाली, आशीष कुमार भदराजा, गौरव टंडन, सचिन कुमार गुप्ता की शिकायत रेरा तक पहुंची थीं. रायपुर में गणपति हाइटस बनाने वाले गणपति डेव्हलपर्स के खिलाफ सुंदर दास खत्री, अनीता बाई, श्रीमती नीतू कुकरेजा ने शिकायत दर्ज करवाई थीं. इंद्रपस्थ प्रोजेक्ट के कर्ताधर्ता मेसर्स पंचामृत इंटरटेनमेट प्राइवेट लिमिटेड के गौतमचंद जैन की दो शिकायतें थीं.वहीं इम्प्रेशिया इलाइट का निर्माण करने वाले मेसर्स आरएस ड्रीम लैंड प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ गिरधारी लाल पंजवानी की शिकायत रेरा तक पहुंची थीं. इसी तरह केएससी इंटरप्राइजेस प्राइवेट लिमिटेड और डीएमबी इन्फ्राटेक के डायरेक्टर सुनील साहू के खिलाफ ग्यासुद्दीन, मनोज ठाकुर ने शिकायत की थीं. डालफीन प्रमोटर्स एण्ड बिल्डर्स और ब्रांड क्रियेशन के हरमीत सिंह होरा के खिलाफ मधु बलानी की शिकायत रेरा तक पहुंची थीं. रायपुर हाउसिंग एण्ड डेव्हलपर्स के किशोर नायक और कौस्तुभ मिश्रा के खिलाफ विपिन श्रीवास, त्रिलोकीनाथ शर्मा, पन्नालाल चौधरी, नरेश देवीदास, उत्तम कुमार सोनी, पीतेश चार्वे की शिकायत शामिल थीं. लोट्स टॉवर बनाने वाले ढेबर के खिलाफ श्रीमती सुप्रिया मजूमदार ने शिकायत की थीं. रेरा में अन्य जिन कंस्ट्रक्शन कंपनियों के खिलाफ शिकायत हो चुकी है उनमें मेसर्स एम आहूजा, ओम सांई डेव्हलपर्स, अनुराधा कंस्ट्रक्शन, मेसर्स अभिलाषा बिल्डर्स ( पार्टनर अमरजीत सिंह दत्ता, विरेंद्र सिंह दत्ता ), नवभारत डवेलिंग प्राइवेट लिमिटेड डायरेक्टर रोहित श्रीवास्तव, नेक्सस देवकॉन प्राइवेट लिमिटेड के तरुण मरवाहा, मेसर्स ग्रीनअर्थ इन्फ्रावेन्चर्स, महालक्ष्मी सिटी होम्स के डायरेक्टर श्याम सुंदर अग्रवाल, पुरन्दर प्रमोटर्स डेव्हलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर ऋषि सिंह वाधवा, आरए रियल स्टेट के डायरेक्टर राकेश अग्रवाल का नाम शामिल है. बिलासपुर में मेसर्स सुपरटेक प्रोजेक्ट एंड कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर आशीष जयवाल, प्रधुमन साहू, अनता इन्फ्रामार्ट, रविशंकर सोनी, श्रीमती सुधा गुप्ता, प्रमोद सिंह ठाकुर के खिलाफ शिकायत हो चुकी है.
राजकुमार सोनी
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