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पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में गड़बड़झाला: पैसा नहीं दिया तो रोक दिया गया ट्रांसफर में संशोधन !

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में गड़बड़झाला: पैसा नहीं दिया तो रोक दिया गया ट्रांसफर में संशोधन !

पैसा नहीं दिया तो रोक दिया गया ट्रांसफर में संशोधन

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सब इंजीनियर का गंभीर आरोप

पंचायत विभाग प्रमुख सचिव के निज सहायक धनजंय वर्मा सहित कई लोगों ने मांगे पैसे

रायपुर. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग दुर्ग में पदस्थ धीरेंद्र सोनी नाम के एक सब इंजीनियर ने अपने ही विभाग के कार्यपालन अभियंता राहुल कश्यप और उप अभियंता प्रवीण तिवारी पर गंभीर आरोप लगाया है. धीरेंद्र सोनी का कहना है कि कार्यपालन अभियंता राहुल कश्यप और उप अभियंता प्रवीण तिवारी उनसे विद्वेष रखते हैं. अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर दोनों ने पहले उनका तबादला बीजापुर करवाया और फिर जब उनके द्वारा तबादले में संशोधन के लिए प्रयास किया तब भी राहत नहीं मिली. मुख्यमंत्री और राज्यपाल को भेजी गई एक शिकायत में सोनी ने कहा कि उनकी पत्नी  स्वयं एक शासकीय शिक्षक है और दुर्ग में पदस्थ है. नियम तो यही कहता है कि तबादले के दौरान पति और पत्नी को साथ रखा जाय, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

सोनी का कहना है कि अपनी व्यथा और परेशानी को लेकर उन्होंने उपमुख्यमंत्री और पंचायत मंत्री विजय शर्मा से व्यक्तिगत तौर पर कई बार मुलाकात की थी. मंत्री जी ने  संवेदनशीलता का परिचय देते हुए 14 मार्च 2024 को बकायदा तबादले में संशोधन के लिए पंचायत विभाग की प्रमुख सचिव को निर्देशित भी किया था, लेकिन मंत्रालय में पदस्थ  छोटे-बड़े स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों ने उनसे पैसों की मांग की. यहां तक की पंचायत विभाग की प्रमुख सचिव के निज सहायक धनजंय वर्मा ने भी वाट्सअप काल करके पैसे मांगे. धीरेंद्र सोनी की शिकायत में मंत्री के बंगले में भी पैसों की डिमांड का उल्लेख है, लेकिन वह मंत्री कौन है इसका उल्लेख नहीं है.

कार्यालय में चलता है जुआ-सट्टा

सब इंजीनियर ने पंचायत विभाग के अधीन ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण में पदस्थ अफसरों द्वारा विद्वेष रखने की वजह भी बताई है. सब इंजीनियर का कहना है कि कुछ समय पहले दफ्तर से कुछ आवश्यक दस्तावेज गायब हो गए थे. अभिकरण में पदस्थ कुछ लोगों ने गायब हुए दस्तावेजों के लिए उसे फंसाने की कोशिश की थी, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए. ऐसा इसलिए हो पाया कि क्योंकि उसने दफ्तर में जुआ और सट्टा खेलते हुए अधिकारी और कर्मचारियों की फोटो खींच ली थीं. धीरेंद्र सोनी ने बताया कि दफ्तर में रात के 11-12 बजे तक बाहरी लोगों का आना-जाना लगा रहता था. जब उन्होंने सबूत के तौर पर फोटोग्राफ्स प्रस्तुत किए तबसे जुआ-सट्टा खेलने वाले अधिकारी और कर्मचारी उनके खिलाफ हो गए. इसके अतिरिक्त धीरेंद्र सोनी ने बताया कि दुर्ग में उनके पास गौरव पथ का चार्ज था. वरिष्ठ अफसर चाहते थे कि सड़क में चार-साढ़े चार लाख रुपया मैं उन्हें कमाकर दूं... लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. सड़क 70 लाख में बननी थीं लेकिन 65 लाख में ही बन गई तो मैंने शेष पैसा अभिकरण को लौटा दिया.

इधर ग्रामीण विकास संभाग छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण में पदस्थ कार्यपालन  अभियंता राहुल कश्यप ने जामुल के थाना प्रभारी को एक शिकायत देकर धीरेंद्र सोनी पर कार्यवाही की मांग की है. ( शिकायत की प्रति अपना मोर्चा के पास उपलब्ध है. )  कार्यपालन अभियंता का कहना है कि  धीरेंद्र सोनी का तबादला प्रशासनिक स्तर पर किया गया है जिसके लिए वे उन्हें और प्रवीण तिवारी को जिम्मेदार मानते हैं. दिनांक 30 अगस्त 2024 को धीरेंद्र सोनी ने RDD UNION V 2.0 वाट्सअप ग्रुप में परिवार सहित आत्महत्या करने की धमकी दी है. कार्यपालन अभियंता ने अपनी  शिकायत में  यह भी  लिखा है कि स्थानांतरण करना  शासन की एक नियमित प्रक्रिया है. यह किसी एक व्यक्ति विशेष का कार्य नहीं है. अगर धीरेंद्र सोनी किसी भी तरह का अनैतिक कदम उठाता है तो इसके लिए  वे जिम्मेदार नहीं रहेंगे.

मुझे कोई प्रतिक्रिया नहीं देनी है

धीरेंद्र सोनी के प्रकरण से पूरा विभाग अवगत है. उनके द्वारा कई स्तरों पर मेरे और प्रवीण तिवारी के खिलाफ शिकायत की गई है. मैं उचित फोरम पर ही जवाब देना आवश्यक समझता हूं. मुझे फिलहाल कोई सफाई नहीं देनी है.

राहुल कश्यप ( कार्यपालन अभियंता )

मुझे कुछ नहीं कहना है

धीरेंद्र सोनी के कृत्य से परेशान होकर हमने जामुल थाने में एक शिकायत दी है. इसके अलावा मुझे और कुछ नहीं कहना है.

प्रवीण तिवारी ( उप अभियंता ) 

राखी थाने में शिकायत

धीरेंद्र सोनी एक परिचित के माध्यम से मेरे पास आए थे. उन्होंने अपनी पारिवारिक और निजी दुविधाओं का जिक्र भी किया था. विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों ने पूरी संवेदनशीलता के साथ उनके प्रकरण को सुना था. उनके द्वारा यह कहना कि मैंने तबादले के लिए पैसों की मांग की है पूरी तरह से गलत है. उनके आरोप सही नहीं है. उल्टा धीरेंद्र सोनी ने परिवार सहित आत्महत्या करने की धमकी थीं. मामले की शिकायत राखी थाने में कर दी गई है जिस पर जांच चल रही है.

धनजंय वर्मा ( निज सहायक प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग )

 

 

 

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