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छत्तीसगढ़ के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में एक हजार करोड़ का वारा-न्यारा

छत्तीसगढ़ के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में एक हजार करोड़ का वारा-न्यारा

छत्तीसगढ़ के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में एक हजार करोड़ का वारा-न्यारा

ठेकेदारों द्वारा जमा की गई 228 करोड़ की सुरक्षा निधि का भी नहीं चल पा रहा पता

पूर्व मुख्य कार्यपालन अभियंता अरविन्द राही और मुख्य अभियंता रियाजुल बारी की भूमिका कटघरे में

रायपुर. छत्तीसगढ़ के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंर्तगत सड़क विकास अभिकरण में तैनात अफसर इन दिनों गुम हो चुकी कई महत्वपूर्ण फाइलों और दस्तावेजों की खोजबीन में लगे हुए हैं. दरअसल जिन फाइलों और दस्तावेजों को खोजा जा रहा है उनमें एक हजार करोड़ के व्यारे-न्यारे का खेल छिपा हुआ है. फिलहाल जो गड़बड़ी सामने आई है उसमें पूर्व मुख्य कार्यपालन अभियंता अरविन्द राही ( वर्तमान में मंत्रालय में अटैच ) और सेवानिवृत हो चुके मुख्य अभियंता रियाजुल  बारी की भूमिका बताई जा रही है.विभागीय सूत्र कहते हैं कि कुछ ऐसे सबूत मिले हैं जिससे पता चलता है कि राही और बारी ने ही एक बड़े अफसर के मौखिक आदेश पर पैसों के आवंटन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थीं. जानकार कहते हैं कि दोनों अफसरों पर विभाग की तरफ से एफआईआर दर्ज करने की तैयारी भी चल रही है.

दिसम्बर में नई सरकार के गठन के बाद जब पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में फेरबदल हुआ तब चार्ज लेने वाले अफसरों को पता चला कि लगभग छह सौ करोड़ का टेंडर तो बिना बजट के ही जारी कर दिया गया था. यह एक बड़ी गड़बडी थीं.इसके अलावा जिन ठेकेदारों ने काम लेने के एवज में सुरक्षा निधि जमा की थीं उसका भी पता नहीं चल पा रहा है. बताते है कि अभी चंद रोज पहले प्रदेश के लगभग 85 ठेकेदारों ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के दफ्तर पहुंचकर अफसरों से सुरक्षा निधि वापस करने की गुहार लगाई है. अफसरों ने जब सुरक्षा निधि से संबंधित दस्तावेज और बैंक खातों को खंगाला तो ज्ञात हुआ कि लगभग 228 करोड़  की सुरक्षा निधि ( जिसका उपयोग नहीं हो सकता था ) इधर-उधर के अन्य कामों में व्यय कर दी गई है.

अब अफसर इस बात को लेकर पशोपेश में हैं कि सुरक्षा निधि कैसे लौटाई जाय ? खबर है कि ठेकेदारों ने सुरक्षा निधि की वापसी के लिए मुख्यमंत्री एवं पंचायत मंत्री से भी मिलने का मन बनाया है. इधर नाम ना छापने की शर्त पर विभाग के एक वरिष्ठ अफसर ने यह स्वीकारा है कि ठेकेदार अपनी सुरक्षा निधि की वापसी के लिए हर रोज दफ्तर आ रहे हैं. ठेकेदारों का पैसा कैसे और किस ढंग से वापस होगा... अभी कुछ बताया नहीं जा सकता है.

 

 

 

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