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अर्नब गोस्वामी के खिलाफ थाने में शिकायत... गिरफ्तारी के लिए टीम जल्द रवाना होगी दिल्ली

अर्नब गोस्वामी के खिलाफ थाने में शिकायत... गिरफ्तारी के लिए टीम जल्द रवाना होगी दिल्ली

रायपुर. अफवाह आधारित खबरों से सांप्रदायिकता फैलाने और लोगों को गुमराह करने वाले अखबार तथा टीवी चैनलों के मालिक- संवाददाताओं के बुरे दिन आ गए हैं. देश की एक बड़ी आबादी का भी मानना है कि देश की गोदी मीडिया गंगा-जमुनी तहजीब से खिलवाड़ करने में जुटी है, इसलिए नफरत का जहर उगलने वाले हर उस शख्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई बेहद जरूरी है जो भाई-चारे का खात्मा करने में लगी हुई है. महाराष्ट्र में एक चैनल के संवाददाता की गिरफ्तारी के बाद हाल के दिनों में छत्तीसगढ़ पुलिस ने भी भाजपा से जुड़ी विश्वनंदिनी पांडेय और फेसबुक पर निशा जिंदल बनकर सांप्रदायिक पोस्ट करने के आरोप में रवि पुजार पर मामला दर्ज किया है. इधर मंगलवार को छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने रिपल्बिक भारत टीवी के प्रमुख एंकर अर्नब गोस्वामी के खिलाफ सिविल लाइन थाने में एक शिकायत दी है. हालांकि यह शिकायत इस बात पर आधारित है कि अर्नब गोस्वामी ने राहुल गांधी की पत्रकार वार्ता को गलत ढंग से प्रस्तुत किया. कांग्रेस का आरोप है कि अर्नब गोस्वामी ने करोना महामारी के दौरान देश के लोगों को गुमराह किया है फलस्वरूप उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 बी 188 290 500 504 और 505 के साथ-साथ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाय. पुलिस सूत्रों का कहना है कि शिकायत की पड़ताल के बाद गोस्वामी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की जा सकती है. सूत्र बताते कि रिपोर्ट दर्ज होने के बाद ही पुलिस टीम अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली रवाना होगी.

उल्लेखनीय है कि 16 अप्रैल को राहुल गांधी ने कोरोना बीमारी पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देने के लिए एक वीडिया वार्ता आयोजित की थी.इस पत्रकार वार्ता की पूरी रिकॉर्डिंग यूट्यूब पर उपलब्ध है. उन्होंने इस पत्रकार वार्ता में कहा था कि टेस्टिंग को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन का अनुसरण किया जाना चाहिए और सरकार को टेस्टिंग बढ़ाना चाहिए ताकि कोरोना के फैलाव का सही आकलन कर उसे रोका जा सके. उन्होंने यह भी कहा था कि टेस्टिंग बढ़ाए बिना किसी के लिए भी यह संभव नहीं होगा कि फैलाव किस तरह से हो रहा है कहां हो रहा है और लॉक डाउन हटने के बाद यह महामारी फिर से फैलना शुरु कर देगी. उन्होंने दक्षिण कोरिया और जर्मनी जैसे देशों के मुकाबले भारत में टेस्टिंग सुविधा और टेस्टिंग करने वाले लोग बढ़ाए जाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया था.

राहुल गांधी के द्वारा कोरोना से लड़ने को लेकर जो तथ्य बताए गए थे उनकी पुष्टि प्रोफेसर स्टीव हैंग जॉन हापकिंस यूनिवर्सिटी जैसे अन्य विशेषज्ञों के द्वारा भी पूरे विश्व में की गई जो कि करोना महामारी को फैलने से रोकने के काम में लगे हुए हैं. उनकी यह राय भी थी कि बिना समुचित टेस्टिंग सुविधाओं के केवल देश को लॉक डाउन करना करोना  महामारी से उत्पन्न समस्या का समाधान नहीं हो सकता. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गरीबों के खाते में सीधे धन जमा किए जाने की जरूरत पर भी बल दिया था ताकि महामारी के कारण आ रही आर्थिक कठिनाइयों से गरीब वर्ग निपट सकें.

कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी की इस खबर को सही ढंग से प्रस्तुत करने के बजाए अर्णव गोस्वामी ने जानबूझकर पूरी पत्रकार वार्ता को गलत प्रस्तुत किया और कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में देश के लोगों को गुमराह किया. अर्णव गोस्वामी ने अपने एक कार्यक्रम में यह बताया कि राहुल गांधी का टेस्ट बढ़ाने का सुझाव पूरी तरीके से गलत है. कांग्रेसजनों ने यह माना कि यदि लोग अर्नब गोस्वामी और उनके टीवी चैनलों पर भरोसा करके  टेस्टिंग को अनावश्यक समझ लेंगे तो इससे देश के करोड़ों लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ेगा.

कांग्रेस का यह भी मानना है कि पूरे देश में अपनी जान जोखिम में डालकर करोना की टेस्टिंग में लगे चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मचारियों पर लगातार हमले की घटनाएं घटित हो रही है. यह अर्नब गोस्वामी और उनके टीवी चैनल के गलत प्रचार की वजह से भी हो सकता है.

कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी का कहना है कि अपने राजनैतिक स्वामियों के हित साधन और निर्देशों के पालन में अर्नब गोस्वामी ने जानबूझकर महामारी की टेस्टिंग के मामले में गलत रिपोर्टिंग की जिसके कारण भारत की करोना महामारी के खिलाफ लड़ाई पर दुष्प्रभाव पड़ा है. त्रिवेदी का कहना है कि गोस्वामी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया कि राहुल गांधी लॉकडाउन के खिलाफ हैं जो पूरी तरीके से आधारहीन और असत्य है. बहराल कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री चंद्रशेखर शुक्ला, शहर जिला अध्यक्ष गिरीश दुबे और वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री अधिवक्ता किरणमयी नायक ने सिविल लाइन थाने में शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की है.

 

 

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