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शिवशंकर भट्ट ने नान घोटाले में कौशलेंद्र सिंह को बताया रमन गैंग का खास सदस्य

शिवशंकर भट्ट ने नान घोटाले में कौशलेंद्र सिंह को बताया रमन गैंग का खास सदस्य

रायपुर. नान घोटाले के एक आरोपी शिवशंकर भट्ट ने नीरज श्रीवास्तव की अदालत में शपथपूर्वक दिए गए एक बयान में पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह, पूर्व खाद्य मंत्री पून्नूलाल मोहिले, लीलाराम भोजवानी, राधाकृष्ण गुप्ता के साथ-साथ वन अफसर रहे कौशलेंद्र सिंह को नान घोटाले का प्रमुख आरोपी बताया है. अपने बयान में शिवशंकर भट्ट ने कई मर्तबा कौशलेंद्र सिंह का नाम लिया है.

कौशलेंद्र ने दिए थे रेणु सिंह को पैसे

भट्ट ने न्यायालय में बताया कि फरवरी 2014 में कौशलेंद्र सिंह मुझे एश्वर्या रेंसीडेंसी में रहने वाली रेणु सिंह के निवास पर ले गए थे. वहां उन्होंने मेरे सामने पांच लाख रुपए रेणु सिंह को दिए. यह पैसे किस मद से दिए गए मुझे इसकी जानकारी नहीं थी और मैं जानना भी नहीं चाहता था. भट्ट ने शपथपत्र में कहा कि 12 फरवरी 2015 को ईओडब्लू ने छापा मारकर एक करोड़ 62 लाख रुपए की फर्जी ढंग से जप्ती बनाई थी. मेरे हाथों से कोई रकम प्राप्त नहीं हुई थी. मेरे पास कोई ऐसी शक्ति नहीं थीं कि मैं इतनी बड़ी रकम कार्यालय में रखता. भट्ट ने कहा कि कौशलेंद्र सिंह और नागरिक आपूर्ति निगम में कार्यरत गिरीश शर्मा, चिंतामणि चंद्राकर आपस में मिलकर लेन-देन और बंदरबांट करते थे. उनके पैसों को मेरे नाम डालकर फर्जी जप्ती बनाई गई थीं. भट्ट ने न्यायालय के समक्ष बताया कि कौशलेंद्र सिंह पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह के काफी निकट थे. उनके पारिवारिक रिश्ते थे. नान का पूरा संचालन कौशलेंद्र सिंह, डाक्टर रमन सिंह, पून्नूलाल मोहिले, लीलाराम भोजवानी और राधाकृष्ण गुप्ता एक गैंग बनाकर करते थे.

गाली-गलौच करते थे कौशलेंद्र

भट्ट ने कहा कि नागरिक आपूर्ति निगम में किसी भी अधिकारी की इतनी हिम्मत नहीं थी कि वह विरोध अथवा आपत्ति दर्ज करें. अगर कोई कौशलेंद्र सिंह के काम पर आपत्ति दर्ज करता तो वे सीधे डाक्टर रमन सिंह और चारों व्यक्तियों का नाम लेकर गाली-गलौच करते थे. कौशलेंद्र सिंह, चिंतामणि और गिरीश शर्मा सभी सप्लायर्स और राइस मिलरों से लगातार लेन-देन करते थे. यह सब देखकर ऐसा प्रतीत ही नहीं होता था कि कोई शासकीय कार्यालय चल रहा है.कौशलेंद्र सिंह मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह के प्रियपात्र थे इसलिए वर्ष 2011 और 2014 के बीच उनका केवल दो बार ही तबादला हुआ. वे हर बार मुख्यमंत्री को बोलकर अपना तबादला रूकवा लेते थे. कृतिकांत बारिक के कम्प्यूटर से बरामद पन्ने कौशलेंद्र सिंह के निर्देश पर गिरीश शर्मा ने ही लिखवाए है.

हत्या पर उठाए सवाल

भट्ट ने नागरिक आपूर्ति निगम के एक कर्मचारी त्रिनाथ रेड्डी की वाइफ की हत्या पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि इस हत्या को आत्महत्या बताने का प्रयास किया गया था. इस हत्या के जरिए यह मैसेज देने की कोशिश की गई थी कि जो कोई भी मुंह खोलेगा उसके साथ अनहोनी हो सकती है. यह हत्या किसने करवाई  इसकी विस्तृत जांच होनी चाहिए.

शिवशंकर भट्ट ने कहा कि वर्ष 2013-2014 में छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ के धान उपार्जन के लिए लगभग 550 करोड़ और फिर 500 करोड़ की अग्रिम सब्सिडी जारी की गई थी. हैरत की बात यह है कि वर्ष 2003-04 से लेकर वर्ष 2014-15 तक लगभग दस हजार करोड़ रुपए की अग्रिम सब्सिडी स्वीकृत की गई. यह सब्सिडी बगैर किसी वैधानिक ऑडिट के केवल प्रस्तुत किए गए बिल के आधार पर की गई थीं. जो भी अधिकारी इसके खिलाफ मुंह खोलता उसे परिणाम भुगतना पड़ता. इस खेल में विपणन संघ के तत्कालीन अध्यक्ष राधाकृष्ण गुप्ता खास पर शामिल थे. डाक्टर रमन सिंह, पून्नूलाल मोहिले, लीलाराम भोजवानी, राधाकृष्ण गुप्ता ने आपस में सांठगांठ कर हाईप्रोफाइल रैकेट तैयार कर लिया था. इस रैकेट ने शासन को करोड़ों रुपए की क्षति पहुंचाई.

भट्ट ने कहा कि वर्ष 2014 के अगस्त माह में नागरिक आपूर्ति निगम के पास 9 लाख मैट्रिक टन चावल का स्टाक था. इसके बावजूद मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह जो वित्त मंत्री भी थे ने विभाग के अधिकारियों पर दबाव देकर 10 लाख टन मीट्रिक टन चावल का अतिरिक्त उपार्जन करने का आदेश दिया था. इतना ही नहीं अपने पद और प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए 236 करोड़ की क्षतिपूर्ति की गारंटी बिना कैबिनेट की अनुमोदन के पास कर दिया था. जबकि शासन के हित में ऐसा नहीं किया जाना था. इस मामले में विभाग के अधिकारियों ने आपत्ति जताई तो उन्होंने अधिकारियों से कहा कि आपत्ति की आवश्यकता नहीं है. इस संदर्भ में हमें और पार्टी को लंबी-चौड़ी रकम मिलनी है और अगर आप लोग चाहे तो यह रकम आपको भी प्रदान की जाएगी.

भट्ट ने कहा कि वर्ष 2013-2014 में 21 लाख फर्जी राशनकार्ड बनवाए गए थे. इस काम को खाद्य विभाग का कोई भी अधिकारी स्वेच्छा से करना नहीं चाहता था, लेकिन डाक्टर रमन सिंह, लीलाराम भोजवानी और पून्नूलाल मोहिले ने अधिकारियों को डराया-धमकाया और परिणाम भुगतने को तैयार रहने को कहा.

इधर शिवशंकर भट्ट के द्वारा लगाए गए आरोपों के जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का कहना है कि हाईकोर्ट से जमानत पर चल रहे शिवशंकर भट्ट से बयान दिलाकर भाजपा की छवि खराब करने की कोशिश की गई है. कांग्रेस नान घोटाले के आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है. अपराधियों के कंधे पर बंदूक रखकर चलाने की कोशिश की जा रही है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी सीएम हाउस में न तो पैसों को लेकर किसी के जाने जैसी कोई बात हुई है और न ही ऐसा करना संभव है. वहां आने-जाने वाले हर व्यक्ति के संबंध में इंट्री होती है. उन्होंने कहा कि वे इस मामले को लेकर कानूनी सलाह लेकर आगे की कार्रवाई करेंगे. 

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