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भाजपा सरकार ने कर्ज पर कर्ज लेकर बसाया अटल नगर

भाजपा सरकार ने कर्ज पर कर्ज लेकर बसाया अटल नगर

रायपुर. छत्तीसगढ़ में जब भाजपा की सरकार थीं तब हमर छत्तीसगढ़ नाम की एक योजना प्रारंभ की गई थी. इस योजना के तहत गांव के पंच-सरपंच और अन्य लोग नई राजधानी ( अब नया नाम अटल नगर )  को खास तौर पर देखने के लिए आया करते थे. तब सरकार के अफसर ग्रामीणों को जानकारी देते थे- देखिए... कांग्रेसी तो नई राजधानी बना नहीं पाए... मगर हमारे मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह के साहस और पराक्रम से एक भव्य राजधानी आपके सामने है. अगर हिम्मत हो तो इंसान क्या नहीं कर सकता. अफसरों की बात सुनकर ग्रामीण ताली पीटते और फिर हमर छत्तीसगढ़ नामक योजना की टोपी पहनकर फोटो खिंचवाकर घर चले जाते थे. ( हालांकि इस फोटो सेशन का ठेका भी एक निजी फर्म को दिया गया था जिसका भुगतान करोड़ों में किया गया.)

नई राजधानी की चकाचौंध को देखकर लौटने वाले ग्रामीणों को शायद यह नहीं मालूम होगा कि यहां के भव्य इमारतों के निर्माण के लिए भाजपा सरकार के न्यू रायपुर डेव्हलपमेंट अथारिटी ( अब अटल नगर विकास प्राधिकरण ) ने ताबड़तोड़ कर्ज लिए थे. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के लिखित सवाल के जवाब में वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने शुक्रवार को विधानसभा में यह जानकारी दी है कि प्राधिकरण ने किस-किस बैंक से कर्ज लिया था.

अटल नगर विकास प्राधिकरण ने भारतीय स्टेट बैंक से वर्ष 2015-16 में 69.06, वर्ष 16-17 में 35.05, वर्ष 17-18 में 33.01 एवं 2018-19 के लिए 17.85 करोड़ का कर्ज लिया था. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया वर्ष 2014-15 में 4.79, वर्ष 15-16 में 11.52, वर्ष 16-17 में 6.17, वर्ष 17-18 में 16.55 एवं 2018-19 के लिए 8.73 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था. प्राधिकरण ने यूनियन बैंक आफ इंडिया वर्ष 2016-17 में 116.07 एवं 2018-19 के लिए 26.13 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था. प्राधिकरण को कर्ज देने वालों बैंकों में यूनियन बैंक आफ इंडिया का नाम सबसे ऊपर है. इस बैंक ने कुल छह बार कर्ज दिया है जिसकी राशि करोड़ों में हैं. जबकि दूसरे क्रम में सेंट्रल बैंक आफ इंडिया है. इस बैंक ने प्राधिकरण को कुल पांच बार लोन दिया है. सेंट्रल बैंक ने 150 करोड़ रुपए की बड़ी रकम वर्ष 2013-14 में जारी की थी. लगभग पांच बार यूनियन बैंक आफ इंडिया ने भी कर्ज दिया है. इस बैंक ने वर्ष 2011-12 में 70 करोड़, वर्ष 12-13 के लिए 271.50 करोड़, वर्ष 2014-15 के लिए 235 करोड़ एवं वर्ष 2015-2016 के लिए 435 करोड़ रुपए की राशि जारी की थीं. प्राधिकरण को कर्ज देने वालों में पंजाब नेशनल बैंक, हुडको और इलाहाबाद बैंक का नाम भी शामिल है.

 

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