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छत्तीसगढ़ी सिनेमा को लेकर गंभीर मंथन 16 जुलाई को रायपुर में

छत्तीसगढ़ी सिनेमा को लेकर गंभीर मंथन 16 जुलाई को रायपुर में

रायपुर. क्या छत्तीसगढ़ी फिल्मों में संस्कृति के नाम पर मुंबई का कचरा ही परोसा जाता रहेगा ? क्या छत्तीसगढ़ के फिल्मकार कभी शंकरगुहा नियोगी, तीजनबाई, हबीब तनवीर, लाल श्याम सिंह, रितु वर्मा, सूरुज बाई खांडेकर, झाडूराम देवांगन, बिलासपुर के लाल खदान मस्तूरी के श्रमिक नेता दरसराम साहू जैसे मूर्धन्यों के जीवन संघर्ष को लेकर फिल्म निर्माण करने के बारे में विचार करेंगे ? क्या चुनौतियों के नाम पर फिल्मकार... थियेटर कम है ? संसाधन कम है ? अच्छे कलाकार नहीं मिलते ? तकनीक के लिए मुंबई जाना पड़ता है ?  सरकार मदद नहीं करती ? इसी बात का रोना रोते रहेंगे ? 16 जुलाई मंगलवार को राजधानी रायपुर के वृदांवन हाल में शाम चार बजे से इसी बात को लेकर मंथन होगा कि आखिरकार छत्तीसगढ़ का सिनेमा किस तरह की चुनौतियों से गुजर रहा है?  कोई चुनौती है भी या नहीं ? और अगर कोई चुनौती या दिक्कत है तो उसका समाधान क्या हो सकता है?

 गुरूघासीदास सेवादार संघ और लोक समता शिक्षण समिति के बैनर तले आयोजित किए जाने वाले इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत. कार्यक्रम की अध्यक्षता लखनलाल कुर्रे करेंगे. कार्यक्रम में विशेष रुप से छत्तीसगढ़ी सिनेमा के जनक मनु नायक मौजूद रहेंगे. इस मौके पर छत्तीसगढ़ी सिने एंड  टीवी प्रोग्राम प्रोडयूशर एसोसियेशन के अध्यक्ष संतोष जैन, लेखिका और फिल्मकार रिनचिन, फिल्मकार योग मिश्रा, छत्तीसगढ़ी राज्य निर्माण आंदोलन के प्रतिष्ठित हस्ताक्षर अशोक ताम्रकार, पीयूसीएल के पूर्व अध्यक्ष लाखन सिंह एवं पत्रकार राजकुमार सोनी अपना वक्तव्य देंगे. छत्तीसगढ़ी सिनेमा की चुनौतियां और निदान विषय पर आयोजित इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का संचालन एमडी सतनाम एवं तामेश्वर अनंत करेंगे. गुरूघासीदास सेवादार संघ के केंद्रीय संयोजक लखनलाल कुर्रे ने छत्तीसगढ़ के सभी सिने प्रेमियों और संस्कृतिकर्मियों से उपस्थिति का अनुरोध किया है.

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