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कोरबा जिले से नफरत फैलाने वालों को करारा जवाब...अहिंसा के पुजारी को याद करते हुए बच्चों ने लिखा मुख्यमंत्री को खत

कोरबा जिले से नफरत फैलाने वालों को करारा जवाब...अहिंसा के पुजारी को याद करते हुए बच्चों ने लिखा मुख्यमंत्री को खत

रायपुर. ऐसे समय जबकि पूरे देश में धर्म- संप्रदाय और नफरत के जरिए लोगों को बांटने-छांटने और काटने की कवायद चल रही है तब छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले की कलक्टर किरण कौशल और वहां के जिला शिक्षाधिकारी सतीश पांडे ने अपने तरीके का एक अनोखा प्रयास किया है. उनका यह प्रयास बताता है कि अभी अंधेरे से युद्ध किया जा सकता है. नफरत का जवाब शांति और प्रेम से दिया जा सकता है. बताना लाजिमी होगा कि इसी महीने 20 सितंबर को जिले में बड़ी शिद्दत के साथ स्कूल के बच्चों ने अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी के कामकाज को याद करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम पाती लिखी है. बच्चे भी एक-दो नहीं... पूरे डेढ़ से दो लाख. भले ही यह काम सरकारी स्तर पर व्यवस्थित तौर-तरीकों से संभव हो सका, लेकिन देश में खौफनाक माहौल  पैदा करने वालों के खिलाफ यह एक जरूरी कदम था.

जाहिर है कि जब बच्चों ने पत्र लिखना तय किया होगा तब उन्हें महात्मा गांधी की जीवन यात्रा से भी गुजरना पड़ा होगा. बचपन में हम सबने भी महात्मा गांधी को एक निबंध के तौर पर याद किया है, लेकिन महात्मा गांधी के विचारों को आधार बनाकर पत्र लिखने का काम संभवतः देश का पहला प्रयास था. इस प्रयास की सार्थकता इसलिए भी है क्योंकि देश को बांटने वाली शक्तियां वाट्सअप विश्वविद्यालय और झूठे प्रचार के गंदे माध्यमों के जरिए सबसे पहले बच्चों के दिमाग पर ही हमला कर रही है. पूरी ताकत केवल इस बात के लिए ही झोंकी जा रही है कि बच्चे तो बच्चे... हर कोई गांधी जी और उनके कामकाज से किनारा कर लें. कलक्टर किरण कौशल और जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पांडेय यह कोशिश नफरत को प्रेम से जवाब देने वाली कोशिश के रुप में याद की जाएगी.

पत्र होंगे पुरस्कृत

अब से कुछ अरसा पहले अखबारों में संपादक के नाम पत्र का एक खास कॉलम हुआ करता था. लोग अपने रिश्तेदारों के अलावा अखबार के संपादकों को भी पत्र लिखकर अपनी भावनाओं से अवगत कराते थे. संचार के माध्यमों में विकास के साथ चिट्ठी लिखने की परम्परा बंद हो गई. मैसेज के नए तौर-तरीकों ने रिश्तों की खूबसूरती का भी कत्ल कर दिया. कोरबा जिले में अगर बच्चों और चिट्ठी-पाती के जरिए विचारों को प्रकट करने का सिलसिला प्रारंभ हुआ है तो किसी न किसी अन्य आजोयन में भी जारी रहना चाहिए. बताते हैं कि जिले के 25 सौ स्कूलों के बच्चों ने महात्मा गांधी के विचारों को पढ़कर मुख्यमंत्री के नाम जो खत लिखा है उसे 23 सितंबर को खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा करवाया जाएगा. फिर इन पत्रों की छंटनी होगी और प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर पर दस-दस श्रेष्ठ पत्रों का चयन कर बच्चों को पुरस्कृत भी किया जाएगा. वैसे यह एक ऐसा काम है जिसमें मुख्यमंत्री स्वयं पत्र लिखने वाले बच्चों के बीच मौजूद रहकर उन्हें पुरस्कृत कर सकते हैं. बहराल जिले में हुए इस अनोखे प्रयास की गूंज हर तरफ हो रही है. 

 

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