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पुलिस की होशियारी...पड़ गई भारी...रंगकर्मियों और पत्रकारों को थाने में नंगा खड़ा करने पर मानवाधिकार आयोग ने डीजीपी और आईजी से मांगा जवाब

पुलिस की होशियारी...पड़ गई भारी...रंगकर्मियों और पत्रकारों को थाने में नंगा खड़ा करने पर मानवाधिकार आयोग ने डीजीपी और आईजी से मांगा जवाब

भोपाल. मध्यप्रदेश के सीधी जिले की कोतवाली थाने में स्थानीय रंगकर्मियों और पत्रकारों को नंगा खड़ा करके उनकी तस्वीरों को वायरल करने का मामला पुलिस को भारी पड़ गया है. मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग के न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार जैन ने पुलिस महानिदेशक और रीवा के पुलिस महानिरीक्षक को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है. घटना के बाद एडिटर्स आफ गिल्ड ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को कड़ा पत्र लिखा है. खबर है कि इस मामले में देशभर के पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के सहयोग से पीड़ित पक्ष से जुड़े लोग सीधी के पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार, थाना प्रभारी मनोज सोनी और एसआई अभिषेक परिहार के खिलाफ न्यायालय में परिवाद दायर करने पर भी विचार कर रहे हैं.

 गौरतलब है कि सीधी में कुछ दिन पहले रंगकर्मी नीरज कुंदेर को पुलिस ने एक मामले में गिरफ्तार किया था. इस गिरफ्तारी के विरोध में इलाके के पत्रकार कनिष्क तिवारी ने खबर चलाई थी और स्थानीय रंगकर्मियों ने विरोध जताया था. इस विरोध के बाद कोतवाली थाने के प्रभारी मनोज सोनी ने रंगकर्मियों और पत्रकारों को गिरफ्तार कर बुरी तरह से पीटा और फिर उन्हें अंडरवियर में खड़ा कर उनकी तस्वीरों को सोशल मीडिया में वायरल किया. इस घटना के बाद शिवराज सरकार और पुलिस के खिलाफ देशव्यापी गुस्सा फूट पड़ा. देश के ज्यादातर लोग वायरल हुई इन तस्वीरों को मानवीय गरिमा के खिलाफ बताकर थू-थू करते रहे. सोशल मीडिया में सरकार की फजीहत को देखने के बाद कल थाना प्रभारी मनोज सोनी और एसआई अभिषेक परिहार को लाइन हाजिर कर दिया गया था. हालांकि इस कार्यवाही को लोग अब भी नाकाफी ही बता रहे हैं.

बताते हैं कि सीधी से भाजपा के स्थानीय विधायक केदारनाथ शुक्ला की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ एक यू ट्यूब चैनल को संचालित करने वाले कनिष्क तिवारी और उनके कैमरामैन ने खबर चलाई थीं. बताया जाता है कि रंगकर्मी नीरज कुंदेर को भी विधायक और उसके पुत्र के इशारे पर ही गिरफ्तार किया गया था. कुंदेर अभी भी जेल में हैं. जब सीधी में कुंदेर की गिरफ्तारी पर विरोध प्रदर्शन हुआ तो कनिष्क तिवारी ने एक पत्रकार की हैसियत से समाचार को कव्हरेज किया, लेकिन उन्हें और प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर थाने में नंगा बिठा दिया गया. खबर हैं थाने में सभी पत्रकारों और रंगकर्मियों को विधायक के पालित गुंडों और एक शराब कारोबारी के सामने ही बुरी तरह से मारा-पीटा गया. थाने में मौजूद थाना प्रभारी ने वहां मौजूद पुलिस कर्मी अभिषेक सिंह परिहार और अन्य लोगों को तस्वीरें खींचने के लिए कहा और फिर तस्वीर वायरल कर दी गई.

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