अंदरखाने की बात

कब मिलेगी संघी अफसरों से निजात ?

कब मिलेगी संघी अफसरों से निजात ?

प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद वैचारिक स्तर पर बहुत कुछ ठीक-ठाक हुआ है, लेकिन अभी भी संघी मानसिकता के अफसरों से निजात पाना बाकी है. संघ के कामधाम में जुटे रहने वाले जिन अफसरों को लूप लाइन में होना था वे प्रमुख पदों पर काबिज हैं और बकायदा अपनी कुर्सी पर बैठकर संघ की गतिविधियां संचालित कर रहे हैं. हम समय-समय पर आपको यह बताते रहेंगे कि किस विभाग का कौन सा अफसर हर-हर मोदी...घर-घर मोदी का नारा लगाते रहता है और कौन सा अफसर बड़े मनोयोग से नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे जैसी प्रार्थना सुबह- शाम गाया करता है. फिलहाल आज एक ऐसे महकमे की चर्चा कर लेते हैं जिसे ग्रामीण इलाकों में सड़कों के निर्माण के लिए जाना जाता है. इस महकमे के रायपुर स्थित कार्यालय में एक कार्यपालन अभियंता हैं जो जोड़-तोड़ में माहिर हैं.सच तो यह हैं कि वे जोड़-तोड़ में इस कदर माहिर हैं कि सहायक अभियंता रहने के बावजूद कार्यपालन अभियंता बन बैठे हैं. रायपुर में ही उनकी पदस्थापना को लगभग तीन साल हो गया है. इस अभियंता के चलते कई वरिष्ठ अभियंता किनारे कर दिए गए हैं. तो अभियंता साहब की खासियत यह है कि वे अपने दफ्तर में बैठकर ही राष्ट्रवाद पर गोष्ठी आयोजित करते रहते हैं. इनके दफ्तर में संघी पृष्ठभूमि से जुड़े अनेक लोगों की आवाजाही भी हमेशा देखी जा सकती हैं. ग्रामीणों की सेवा से जुड़े यांत्रिकी विभाग के प्रमुख पद पर विराजमान एक अफसर की संघी गतिविधियां भी लंबे समय से चर्चा में हैं.इस अफसर का काम भी संघ की विचारधारा का प्रचार-प्रसार करना रह गया है. बताया जाता है कि जब कभी भी संघ के किसी बड़े पदाधिकारी का रायपुर आगमन होता है तो अफसर को बकायदा मुलाकात के लिए अलग से समय दिया जाता है. सूत्रों का कहना है कि अफसर पहले राज्य सरकार की एक-एक गतिविधियों को रेखांकित करने के लिए डायरी मेंटेन करता था, लेकिन जबसे पुलिस अफसर जीपी सिंह की डायरी पकड़ाई हैं और जीपी सिंह का बुरा हश्र देखा है तब से उसने डायरी पर नोट्स लिखने का मोह छोड़ दिया है.

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