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निलंबित आईपीएस जीपी सिंह को पुलिस ने दिल्ली में दबोचा... मुकेश गुप्ता का नंबर भी लगेगा

निलंबित आईपीएस जीपी सिंह को पुलिस ने दिल्ली में दबोचा... मुकेश गुप्ता का नंबर भी लगेगा

रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बधाई.आज उनकी सरकार की पुलिस ने एक बार फिर असंभव को संभव कर दिखाया है. जिस पुलिस अफसर की कभी पूरे छत्तीसगढ़ में तूती बोलती थीं. लोग-बाग उस अफसर के बारे में कुछ भी बोलने और कहने से डरते थे...उस अफसर को छत्तीसगढ़ की पुलिस ने दिल्ली ( गुरुग्राम ) में दबोच लिया है. जी हां...यह सच है. आय से अधिक संपत्ति रखने, सरकार के खिलाफ साजिश रचने, हेट स्पीच और उगाही के मामले में निलंबित पुलिस अफसर जीपी सिंह को ईओडब्ल्यू की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है. निलंबित आईपीएस की गिरफ्तारी के साथ ही प्रशासनिक गलियारों में यह चर्चा भी तेज हैं कि जल्द ही एक और निलंबित अफसर मुकेश गुप्ता का नंबर भी अब-तब में लग सकता है.

वैसे छत्तीसगढ़ का यह पहला मामला है जब भारतीय पुलिस सेवा का कोई अफसर पुलिस के हत्थे चढ़ा है. अलबत्ता आर्थिक गड़बडिय़ों के एक मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसर बाबूलाल अग्रवाल काफी पहले गिरफ्तार हो चुके हैं. बता दें कि कल से सोशल प्लेटफार्म व अन्य माध्यमों में यह खबर बड़ी तेजी से फैली थीं कि निलंबित आईपीएस अफसर जीपी सिंह को गिरफ्तार करने के लिए जो टीम दिल्ली गई है उन सबको कोरोना ने जकड़ लिया है. लेकिन यह शायद पुलिस की रणनीति का ही हिस्सा था. इधर देर शाम यह खबर आई कि कथित तौर पर कोरोना से ग्रसित टीम ने ही जीपी सिंह को तब दबोचा जब वे एक बाज़ार के पास घूम रहे थे.

बताना लाजिमी होगा कि गिरफ्तारी से बचने के लिए जीपी सिंह ने पहले हाईकोर्ट और फिर बाद में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थीं.कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थीं. गौरतलब है कि जीपी सिंह पहली बार तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने बस्तर में अपनी पदस्थापना के दौरान कुछ आदिवासियों को नक्सली बताकर समर्पण का खेल खेला था. दूसरी बार वे तब विवादों में घिरे जब एक पुलिस अफसर राहुल शर्मा ने आत्महत्या कर ली थीं. लगातार चिर-परिचित हथकंडों की आजमाइश के बाद भी छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने उन्हें सुधरने का मौका दिया था. उन्हें ईओडब्ल्यू की जवाबदारी दी गई थीं. लेकिन यहां भी प्रमुख रहने के दौरान उन्होंने अपना खेल जारी रखा. उन पर यह आरोप भी लगा कि वे केस को कमजोर करने के लिए अपने गुर्गों के जरिए उगाही करते हैं. पिछले साल जब आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने उनके ठिकानों पर छापा मारा तब पता चला कि वे संवैधानिक रूप से गठित सरकार के खिलाफ घृणा और असंतोष को बढ़ावा देने के खेल में लगे हुए थे.

बहरहाल जीपी सिंह की गिरफ्तारी के साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की दमदारी को लेकर भी जबरदस्त चर्चा हो रही है. वैसे भूपेश बघेल ने जब विवादास्पद आईपीएस मुकेश गुप्ता के खिलाफ भी कठोर एक्शन लिया था तब भी एक बड़ी आबादी के बीच हर्ष की लहर देखी गई थी. मुकेश गुप्ता पर एफआईआर दर्ज होने के बाद भाजपा के कई नेताओं ने भी यह माना था कि जिस अफसर को पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रश्रय देकर सिर पर बिठा दिया था... उस अफसर पर कार्रवाई करके बघेल ने एक बड़ा काम किया है. बहरहाल कई गंभीर धाराओं में गिरफ्तार जीपी सिंह को संभवतः बुधवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा. पुलिस पूछताछ के लिए उन्हें रिमांड पर भी ले सकती हैं.

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