विशेष टिप्पणी

सरकार की आलोचना करने वाले को संघी कहना पूरी तरह से गलत

सरकार की आलोचना करने वाले को संघी कहना पूरी तरह से गलत

छत्तीसगढ़ में पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और सरकार के कामकाज की आलोचना करने वाले को संघी कहने पर बहस छिड़ गई है. पढ़िए सामाजिक कार्यकर्ता आलोक शुक्ला की यह टिप्पणी 

 

महान राष्ट्रीय गोदी पत्रकारों की भांति सत्ता भक्ति के लिए छत्तीसगढ़ में कई प्रतिलिपि तैयार हैं. यह सत्ता और पत्रकारिता किसी के लिए भी लाभकर नही होगा.

कुछ ऐसे लोग जो सत्ता भक्ति दिखाकर अपने आप को केंद्र में रखना चाहते हैं ( उम्मीद हैं सत्ता ने ऐसे लोगों को खड़ा नही किया हैं ) ऐसे गोदी पत्रकार गरीब वंचितों की आवाज उठाने वाले, सरकार की गलत नीतियों की आलोचना करने वाले पत्रकारों , मानवाधिकार व सामाजिक कार्यकर्ताओ को भाजपाई और संघी ठहराने कि लगातार कोशिश कर रहे हैं.

सरकार की गलत नीतियों की आलोचना न सिर्फ जवाबदेही तय करता हैं बल्कि व्यवस्था में सुधार के लिए भी यह आवश्यक हैं, और सवाल पूछना हमारा लोकतांत्रिक, संवैधानिक अधिकार भी हैं. यही विचार कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व का भी हैं और इसे बनाए रखने का संकल्प मुख्यमंत्री जी ने शपथ ग्रहण के तत्काल बाद जताया था, परन्तु आज प्रदेश में स्थितियां इसके बिलकुल विपरीत हैं.

आलोक शुक्ला के फेसबुक वॉल से

 

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