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किसानों को बड़ी राहत दे सकती है एग्री एम्बुलेंस... विजय बुधिया ने दिया सुझाव

किसानों को बड़ी राहत दे सकती है एग्री एम्बुलेंस... विजय बुधिया ने दिया सुझाव

रायपुर. जिस प्रकार से मरीजों को लाने-ले जाने के लिए एम्बुलेंस होती है ठीक वैसी ही खेती-किसानी से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए भी एम्बुलेंस तैयार की जा सकती है. एक स्वयंसेवी संस्था के जरिए सामाजिक कार्यों में जुटे सामाजिक कार्यकर्ता विजय बुधिया ने इसे लेकर मुख्यमंत्री को लिखित में  सुझाव भेजा है.

उन्होंने कहा है कि छोटे एवं मध्यम श्रेणी के किसानो को फसलों को उत्पादन के दौरान कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यदि कभी फसलों पर कीट-प्रकोप लगने जैसी स्थिति पैदा होती है तब किसान अपने फसल के बचाव को लेकर चिंताग्रस्त हो जाते हैं. अगर किसानों को उचित समय पर फसलों के रख-रखाव करने वाले डाक्टर की सहायता मिल जाय तो इससे बड़ी राहत कोई और दूसरी नहीं हो सकती.

उनका कहना है कि सरकार आठ-दस गांवों को शामिल कर एक एग्री एम्बुलेंस तैयार कर सकती है. यह एम्बुलेंस सभी प्रकार की फसलों के कीटनाशक और अन्य औजारों से लैस रहेगी. जैसे ही किसी किसान से यह जानकारी मिलेगी कि उसके खेत को कीट-पतंगों से नुकसान पहुंच रहा है... एम्बुलेंस वहां पहुंचकर किसान को राहत दे सकती है. सरकार की यह सहायता छत्तीसगढ़ के अन्नदाताओं को बड़ी राहत दे सकती है. आज भी छत्तीसगढ़ के किसान कीटनाशक दवाईयों को खरीदने के लिए शहरों का रुख करते हैं और दुकानदार अपनी मर्जी के हिसाब से उन्हें दवाओं का डिब्बा थमा देते हैं. कई बार दवाईयां काम कर जाती है, लेकिन अक्सर किसान महंगे कीटनाशकों को खरीदकर खुद को लुटा बैठता है.

 

विजय बुधिया ने कहा कि एक ट्रैक्टर ट्राली के ऊपर पांच हजार लीटर की पानी टंकी, एक दवा सिंचाई करने वाले यंत्र, एक होस पाइप रोल, एक दवा पाइप रोल, दवा मिलाने का ड्रम और एक इन्वर्टर मोटर लगाकर बड़ी आसानी से एग्री एम्बुलेंस को तैयार किया जा सकता है. इस एम्बुलेंस के निर्माण से ग्रामीणों को रोजगार भी मुहैया होगा और इसे देश का पहला अनोखा प्रयास भी माना जाएगा. बुधिया ने बताया कि अगर किसी खेत को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है तो भी इस एग्री एम्बुलेंस का इस्तेमाल जल एकत्रित करने के लिए किया जा सकता है.

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