सियासत

इधर अमित शाह जारी कर रहे थे आरोप पत्र उधर...टिव्हटर पर ट्रेंड कर रहा था अडानी का घोटाला

इधर अमित शाह जारी कर रहे थे आरोप पत्र उधर...टिव्हटर पर ट्रेंड कर रहा था अडानी का घोटाला

रायपुर. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शुक्रवार को जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ आरोप पत्र जारी कर रहे थे तब टिव्हटर पर गौतम अडानी का घोटाला ट्रेंड कर रहा था. सोशल मीडिया के ज्यादातर प्लेटफार्म पर यह सवाल भी पूछा जा रहा था कि सेल कंपनियों में लगे हुए 20 हजार करोड़ रुपए किसके हैं ? जिस अजित पवार पर 25 हजार करोड़ से अधिक रकम के घोटाले का आरोप है वह महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे की सरकार में उपमुख्यमंत्री कैसे बन बैठा ? क्या भाजपा ज्वाइन करते ही सारे भ्रष्टाचारी निरमा वाशिंग पाउडर से धुलकर साफ हो जाते हैं.

केंद्रीय गृहमंत्री की तरफ से जारी किए गए आरोप पत्र में उन बातों को ही जगह दी गई है जो प्रदेश के भाजपा नेताओं के बयान के रुप में स्थानीय अखबारों में पहले छप चुके हैं. मतलब आरोपों में नया कुछ भी नहीं है जो चौकाता हो. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भाजपा स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव, अमानक सड़कों, दिव्यागों की नियुक्ति में लापरवाही, गौठानों में घोटाले, शराब-कोयला घोटाले और भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में युवाओं को छलने सहित अन्य कई विषयों पर आरोप मढ़ती रही है. आरोप पत्र में सभी छपे-छपाए आरोपों को एकजाई कर दिया गया है.

वामपंथी पत्रकार के चित्र का इस्तेमाल

भाजपा के समर्थकों की तरफ से टिव्हटर ( अब एक्स ) पर चार्ज शीटेड- कांग्रेस शीर्षक से कुछ पोस्ट शेयर की गई है. हालांकि ज्यादातर पोस्ट एक जैसी है, लेकिन एक पोस्ट में यह लिखा गया है- छत्तीसगढ़ में पत्रकारों को डरा-धमका और मारपीट कर उनका अधिकार छीना जा रहा है. इस पोस्ट में धुंधले स्वरुप में वाम विचारों से प्रभावित एक पत्रकार के चित्र का इस्तेमाल किया गया है. अब चित्र के इस्तेमाल के लिए पत्रकार की अनुमति ली गई है इसका खुलासा तो नहीं हो पाया है, लेकिन इसे लेकर कई तरह की बातें कहीं जा रही है. सवाल उठ रहा है कि चित्र के इस्तेमाल को लेकर क्या वामपंथी पत्रकार की तरफ से कोई आपत्ति दर्ज की जाएगी या फिर खामोशी अख्तियार कर ली जाएगी. वामपंथी खेमों में भी जबरदस्त हलचल देखी जा रही है. कुछ वामपंथी नेताओं का कहना है कि पत्रकार को भाजपा नेताओं पर अदालती कार्यवाही करनी चाहिए ?  

इधर कांग्रेस ने केंद्रीय गृहमंत्री की तरफ से जारी किए गए आरोप पत्र को झूठ का पुलिंदा बताया है. कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि भूपेश बघेल की सरकार ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति, तीज-त्योहार और कला को महत्व दिया है. इधर 15 सालों तक भाजपा ने जिस छत्तीसगढ़ी बोली-बानी और संस्कृति को दबाकर रखा था अब आरोप पत्र बनाने के दौरान उसी छत्तीसगढ़ी भाषा का इस्तेमाल किया गया है. शुक्ला का कहना है कि जो अमित शाह खुद ही आरोपों से घिरे हुए हैं उन्हें आरोप पत्र जारी करना शोभा नहीं देता. संचार प्रमुख ने कहा कि आरोप पत्र में जिस कार्टून का इस्तेमाल किया गया है उससे साबित होता है कि भाजपा छत्तीसगढ़ में ईडी और आईटी को गली-मोहल्ले में घुमवा रही है. ईडी और आईटी ने 200 से ज्यादा मामलों में झूठी कार्यवाईयां की, लेकिन किसी भी एक मामले को साबित करने की स्थिति में नहीं है. ईडी के माध्यम से पटकथा जरूर तैयार की गई है, लेकिन वह काल्पनिक और सतही साबित हुई है.

शुक्ला ने एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रमन सरकार के दौरान हुए 36000 करोड़  के नान घोटाले, 6000 करोड़ के चिटफंड घोटाले, पनामा पेपर मामले की जांच के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था जिसकी जांच अब तक नहीं की गई है. सब जानते है कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में रमन सिंह के खिलाफ प्रधानमंत्री कार्यालय को दस्तावेजी सबूत के साथ शिकायत भेजी गई थी लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है. भाजपा का आरोप पत्र यहां किसान-मजदूर और मेहनतकश लोगों का अपमान है.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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