सियासत
भूपेश, रमन और जोगी 7 फरवरी को एक मंच पर
रायपुर. राजनीति के तीन धुर विरोधी सात फरवरी को एक मंच पर नजर आने वाले हैं. ऐसे समय जब भाजपा सत्ता से बाहर है और कांग्रेस की सरकार है तब आईएनएच चैनल ने टाटा स्काई पर के लांचिग अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बतौर मुख्य अतिथि, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को मुख्य वक्ता और पन्द्रह सालों तक प्रदेश में काबिज रहने वाले रमन सिंह को कार्यक्रम की अध्यक्षता के लिए आमंत्रित किया है. जाहिर सी बात है कि जब तीनों नेताओं से अनुमति मिल गई होगी तभी कार्ड में नाम भी छापा गया है. मीडिया से जुड़े लोग और राजनीति के पंड़ित इस कार्यक्रम का अलग-अलग अर्थ ढूंढ रहे हैं, लेकिन जानकारों का कहना है कि तीन महारथियों का एक साथ मंच पर मौजूद रहना कार्यक्रम को दिलचस्प बना सकता है.
वैसे राजनीति के धुंरधरों को एक मंच पर लाना आसान नहीं होता, लेकिन यह कमाल कर दिखाया है हरिभूमि के प्रधान संपादक हिमांशु द्विवेदी ने.यहां यह बताना भी जरूरी है कि श्री द्विवेदी पिछले कुछ समय से अपने नाम के आगे डाक्टर लिखते हैं, लेकिन वे वैसे वाले डाक्टर नहीं है जैसे रमन सिंह है. वे नाड़ी देखकर पर्ची में छोटी-छोटी सफेद गोली लिखने वाले आयुर्वेदिक चिकित्सक नहीं है, उन्हें जनता और विशेषकर राजनीति की नब्ज को तपासने में मास्टरी हासिल है. फिलहाल उनके मुकाबले में कोई दूसरा खड़ा हो भी नहीं पाया. ( हालांकि कोशिश कई मूर्धन्यों ने की मगर वे थक-हारकर बैठ गए ) उनका हर काम ( कार्यक्रम ) चर्चा के केंद्र में रहता है. प्रदेश के तमाम स्वनामधन्य अखबार के मालिक और उनके वरिष्ठ संवाददाता नई सरकार के बनते ही जब यह सोच रहे थे कि अब- तब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का इंटरव्यूह कर लेंगे तब हिमांशु द्विवेदी आईएनएच पर बघेल का इंटरव्यूह कर रहे थे. उधर आईएनएच में इंटरव्यूह प्रसारित हो रहा था और इधर राजधानी के कई इलाकों में मौजूद अखबार और चैनलों के दफ्तरों के आसपास की झाड़ियों में भीषण आग लगी हुई थी. राजनीति, प्रशासन और मीड़िया के बहुत से मूर्धन्यअब भी यह जानने के लिए माथा-पच्ची कर रहे हैं कि आखिरकार यह कमाल हुआ तो हुआ कैसे. बहरहाल अंतागढ़ टेपकांड, झीरम घाटी सहित अन्य कई मामलों में जांच प्रारंभ होने और बदलापुर-बदलापुर जैसी चीख-पुकार के बीच सात फरवरी को नेताओं के चेहरों के हाव-भाव को देखना-पढ़ना और उन्हें सुनना एक अलग तरह का अनुभव हो सकता है.