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दागी अफसर को बना दिया प्रमुख अभियंता

दागी अफसर को बना दिया प्रमुख अभियंता

रायपुर. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री टीएस सिंहदेव की छवि बेहद साफ-सुथरी है,लेकिन उनके विभाग के अफसर ही उनकी छवि को बट्टा लगाने के खेल में लगे हुए हैं.अब इस बात की जानकारी मंत्री टीएस सिंहदेव को है या नहीं यह तो नहीं मालूम, लेकिन हाल के दिनों में एक दागी अफसर को विकास आयुक्त कार्यालय का प्रमुख अभियंता बना दिया गया है.

इस दागी अफसर का नाम है एसएन श्रीवास्तव. जब एसएन श्रीवास्तव प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना चीफ इंजीनियर के प्रभार में थे जब एंटी करप्शन ब्यूरो ने उनके कई ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थीं. इस छापे में 2.72 करोड़ रुपए की संपत्ति का खुलासा हुआ था. ब्यूरो को अम्लीडीह के लेविस्टा कालोनी में एक बेशकीमती मकान होने की जानकारी मिली थीं. इसके अलावा बिलासपुर के रामग्रीन सिटी, जबलपुर और छतरपुर में मकान और 20 एकड़ जमीन के दस्तावेज मिले थे. इधर पूरे चार साल बीत जाने के बाद भी एंटी करप्शन ब्यूरो एसएन श्रीवास्तव के खिलाफ चालान पेश नहीं कर पाया है. बताते हैं कि ब्यूरो की तरफ से कई मर्तबा विभाग से अनुमति मांगी गई है, लेकिन कोई न कोई पेंच निकालकर अंतिम कार्रवाई को टाला जाता रहा है.

यहां बताना लाजिमी है कि एंटी करप्शन ब्यूरो ने जब वर्ष 2016 में छापे की कार्रवाई की थीं तब पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर ने श्रीवास्तव को चीफ इंजीनियर के प्रभार से हटाते हुए मंत्रालय में अटैच कर दिया था. सामान्य प्रशासन विभाग ने यह हिदायत भी दे रखी है कि जो अफसर दागी है उसे किसी भी तरह से महत्वपूर्ण ओहदा न दिया जाय. यहां तक फील्ड में काम भी न लिया जाय. विभाग के इस निर्देश के बाद यह उम्मीद की जा रही थीं कि श्रीवास्तव जैसे दागी अफसरों को महत्वपूर्ण काम नहीं मिलेगा, लेकिन उल्टा हो गया. श्रीवास्तव को कई महत्वपूर्ण जवाबदारी देते हुए इन दिनों पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के विकास आयुक्त कार्यालय का प्रमुख अभियंता बना दिया गया है. उनकी यह नियुक्ति विकास आयुक्त कार्यालय के अफसर एसके गुप्ता के स्थान पर की गई है जो इसी महीने सेवानिवृत हुए हैं.

सूत्र बताते हैं कि एसएन श्रीवास्तव ने अंबिकापुर के किसी अजय नाम के शख्स के जरिए राजधानी रायपुर में अपनी जड़े जमा ली है. बहरहाल एक दागी अफसर को नई और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपे जाने से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में हलचल मची हुई है. विभाग के छोटे-बड़े सभी तरह के अफसर यह कहने को मजबूर हुए है कि...दागी सच्चे हैं... और दाग अच्छे हैं.

 

 

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