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स्मिता चोपड़ा के फरमान से मूल्यांकनकर्ता पशोपेश में
अभी सरकार ने आदेश जारी नहीं किया और प्राचार्य मूल्यांकनकर्ताओं की वेतन वृद्धि रोकने के फिराक में
बिलासपुर.प्रदेश के शिक्षा विभाग में जो ना हो जाय वह कम है. हाल-फिलहाल बिलासपुर जिले के स्कूलों के प्राचार्यों ने जो कारनामा किया है उसकी चर्चा मंत्रालय और संचालनालय तक में बनी हुई है.
पूरा मामला यह है कि वर्ष 2023 में माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10 वीं और 12 वीं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य में लापरवाही बरतने पर परीक्षकों को तीन से पांच साल तक डीबार करने और एक साल की वेतन वृध्दि रोकने की सिफारिश शासन से की थी. प्रदेश स्तर पर इस मामले में वस्तुत: चूक कहां से हुई इसका निरीक्षण करने के बाद ही शासन को इस पर कोई निर्णय लेना था. इससे पहले कि शासन स्तर पर कोई निर्णय हो पाता बिलासपुर जिले के एक स्कूल की प्राचार्य स्मिता चोपड़ा ने व्याख्याताओं पर एक वर्ष की वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने की कार्रवाई करते हुए इसकी प्रतिलिपि डीईओ को भेज दी है. खबर है कि ऐसा आदेश बहुत से स्कूलों के प्राचार्यों ने जारी कर दिया है.
बताना आवश्यक है कि वर्ष 2023 में माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10 वीं और 12 वीं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्याकंन बहुत से स्कूलों के शिक्षकों को आमंत्रित करके करवाया था. इसके बाद जिन विद्यार्थियों के पुनर्मूल्यांकन में नंबर बढ़ना पाया गया, मंडल ने इसे परीक्षकों की लापरवाही माना और ऐसे सभी लापरवाह शिक्षकों को तीन से पांच साल तक मूल्यांकन कार्य से पृथक रखने और एक वर्ष की वार्षिक वेतन वृद्धि को रोकने की सिफारिश शासन से की थी.
जबकि होना यह चाहिए था...
माध्यमिक शिक्षा मंडल की सिफारिश पर शासन यह परीक्षण कराता कि गड़बड़ी वास्तव में परीक्षकों की ओर से की गई है अथवा मंडल के द्वारा अंकों के टेबुलेशन हुई है या फिर पुर्नमूल्यांकन कर्ताओं द्वारा की गई है. इसके बाद संचालक लोक शिक्षण की ओर से यह आदेश जारी होता कि जिन शिक्षकों ने भी लापरवाही की है उन्हें मूल्याकंन से पृथक रखा जाय और उनकी वेतन वृद्धि रोकी जाय. संचालक लोक शिक्षण की तरफ से आदेश जारी होने के बाद जिले के शिक्षा अधिकारी सभी प्राचार्यों को वेतन वृद्धि रोकने के लिए निर्देशित करते. इसके बाद लापरवाही बरतने वाले मूल्याकंनकर्ताओं को पत्र थमाना उचित होता लेकिन यहां तो प्राचार्य ने अपनी मनमानी चला दी है.
डीईओ ने कहा-शासन से नहीं मिला निर्देश
बिलासपुर जिला शिक्षा अधिकारी टीआर साहू ने इस मामले में कहा कि राज्य शासन से अब तक इसके लिए किसी भी तरह के दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं, ना ही किसी भी प्राचार्य से मूल्याकंन करने वाले लोगों के खिलाफ कार्यवाही को लेकर अनुशंसा मांगी गई है. शासन से दिशा निर्देश आने पर निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी.