बड़ी खबर

कोरोना के साथ-साथ नफरत का वायरस फैलाने वालों का भी इलाज चल रहा है छत्तीसगढ़ में
नफरत का जहर उगलने वाले हर सांप के फन को कुचलने की चल रही है तैयारी
रायपुर. कोरोना से निपटने के मामले में छत्तीसगढ़ सरकार की सराहना पूरे देश में हो रही है. इस बीमारी के अधिकांश मरीज ठीक होकर अपने घर जा रहे हैं और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद ज्ञापित कर रहे हैं. इधर सरकार ने इस गंभीर बीमारी के साथ-साथ नफरत का वायरस फैलाने वालों का इलाज भी प्रारंभ कर दिया है.
पिछले दिनों पुलिस ने एक महिला पार्षद विश्वदिनी पांडेय के खिलाफ मामला दर्ज किया है. भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी इस महिला पार्षद पर आरोप है कि उसने एक समाज विशेष की भावनाओं को आहत करने की नीयत से अपने फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट की थी. पुलिस ने विश्वदिनी पांडेय के खिलाफ धारा 153 ए, 295- ए, 505 ( 2 ) और धारा 188 के तहत अपराध पंजीयबद्ध किया है. अभी महिला की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन समझा जाता है कि पुलिस जल्द ही उसे गिरफ्त में ले लेगी.
इधर निशा जिंदल के नाम से एक फर्जी फेसबुक एकाउंट संचालित करने के मामले में पुलिस ने रवि पुजार नाम के एक शख्स को भी गिरफ्तार कर लिया है. रवि पुजार अपने फेसबुक में पाकिस्तान की खूबसूरत अभिनेत्रियों की फोटो लगाकर लोगों को गुमराह करता था. निशा जिंदल उर्फ रवि पुजार के कई हजार लोग फॉलोवर थे और वह फेसबुक पेज पर सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाली पोस्ट व फोटो अपलोड़ करते रहता था. बताया जाता है कि रवि 11 साल से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था और अब तक पास नहीं हो पाया था. इधर खबर है कि पुलिस ऐसे बहुत से एकाउंट की छानबीन कर रही है जिसमें देश और प्रदेश के सौदार्द को खराब करने का मकसद छिपा है. तर्कों और सबूतों के साथ राजनीतिक टीका-टिप्पणी अपनी जगह है, लेकिन आपसी सौहार्द को खत्म करने वालों पर सख्ती तय मानी जा रही है.
चीखने वाले एंकरों का सुर बदला
देश में भाई-चारे को बढ़ावा देने वाले सामाजिक कार्यकर्ता और नागरिक भी अब एकजुट होने लगे हैं. वे सांप्रदायिकता का जहर बोने वाले चैनलों और संवाददाताओं की शिकायत कर रहे हैं. देश में लोकतांत्रिक मूल्यों के पक्षधर नागरिक सांप्रदायिक खबरों को बढ़ावा देने वाले टीवी चैनलों और एंकरों के वीडियो और अखबारों का संग्रहण भी कर रहे हैं ताकि निकट भविष्य में उन्हें अदालत में घसीटा जा सकें. पिछले दिनों बांद्रा से स्पेशल ट्रेन चलाने की अफवाह आधारित खबर दिखाने के मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने एक चैनल के संवाददाता राहुल कुलकर्णी को गिरफ्तार किया तो टीवी पर चीख-चीखकर सौहार्द को मटियामेट करने में जुटे एंकरों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई है. अभी हाल के दिनों में एक ऐसी महिला एंकर के खिलाफ भी पुलिस में शिकायत हुई है जो कोरोना फैलने के लिए एक समुदाय विशेष को ही जिम्मेदार ठहराती थी. पुलिस में शिकायत के बाद अब महिला एंकर का सुर बदल गया है. अब जो नया वीडियो जारी हुआ है उसमें वह अपने ही चैनल की खबरों का बेहद मासूमियत के साथ खंडन करते हुए नजर आ रही है. महिला बेहद अफसोसजनक तरीके से यह बता रही है कि जो खबर चलाई गई थी वह पूरी तरह से अफवाह पर आधारित थीं. एक रिपोर्टर की गिरफ्तारी के साथ ही तीन बड़े चैनलों की रिपोर्टिंग का अंदाज भी थोड़ा बदल गया है. ( पूरी तरह नहीं ) देश के बहुत से लेखकों की राय है कि नफरत के वायरस के निपटने के लिए जहर उगलने वाले हर सांप के फन को कुचलना बेहद आवश्यक है चाहे वह किसी भी समुदाय से जुड़ा हुआ ही क्यों न हो. कोरोना के भीषण संकटकाल में यह देखना बाकी है कि कितने सांपों का फन कुचला जाता है.