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समाज कल्याण विभाग में कार्यरत महिलाओं ने कहा- एक नंबर का भ्रष्टाचारी है पंकज वर्मा

समाज कल्याण विभाग में कार्यरत महिलाओं ने कहा- एक नंबर का भ्रष्टाचारी है पंकज वर्मा

रायपुर. एक फर्जी संस्था बनाकर करोड़ों रुपए का वारा-न्यारा करने के खेल में फंसे समाज कल्याण विभाग के संयुक्त संचालक पंकज वर्मा पर उनके अपने ही विभाग में कार्यरत महिलाओं ने गंभीर आरोप लगाए हैं. महिलाओं ने उन्हें एक नंबर का भ्रष्टाचारी बताया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राज्यपाल अनसुइयां उइके और महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री अनिला भेड़िया को भेजी गई शिकायत में श्रीमती ललिता लकड़ा, जी सीता, अभिलाषा पण्डा, वैशाली भरड़वार, संगीता सिंह, क्षमा सिंह, सिनीवाली पथिक ने कहा है कि पंकज वर्मा शासकीय योजनाओं की राशि को गबन करने के खेल में माहिर है. महिलाओं का कहना है कि पंकज वर्मा की चल-अचल सभी तरह की संपत्तियों की जांच होनी चाहिए क्योंकि गत 20 सालों से वे भ्रष्टाचार में लिप्त है और उन्होंने अपार संपत्ति बना ली है.

गौरतलब है कि अभी हाल के दिनों में उच्चन्यायालय बिलासपुर ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान यह माना है कि प्रदेश के अफसरों ने राज्य स्त्रोत केंद्र ( एनजीओ ) खोलकर करोड़ों की राशि का गबन किया है. इस खेल में प्रदेश के कई बड़े अफसरों की भूमिका सामने आई है. उच्चन्यायालय ने इस मामले में सीबीआई को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश भी दिए हैं. समाज कल्याण विभाग में कार्यरत महिलाओं ने जो शिकायत की है उसमें भी इस बात का उल्लेख किया है कि राज्य स्त्रोत केंद्र में करोड़ों का भ्रष्टाचार किया गया है. महिलाओं का कहना है कि पंकज वर्मा राज्य स्त्रोत केंद्र के कार्यकारी निदेशक थे और उनके इस पद में रहने के दौरान ही करोड़ों का गबन हुआ है. महिलाओं का कहना है कि पंकज वर्मा ने संबल एवं स्वाभिमान योजना, आनलाइन सर्वेक्षण योजना, निराश्रित निधि योजना में भी जमकर अफरा-तफरी की है. विभाग में कार्यरत महिलाओं का कहना है कि वर्मा कई संस्थाओं के अकेले प्रभारी अधिकारी बने रहे हैं और व्यापक रुप से भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हैं. वे दिव्यांग बच्चों के नाम पर मिलने वाली बड़ी धनराशि भी हड़पते रहे हैं. उन्होंने जिस ढंग से वित्तीय अनियमितता की है उसकी कल्पना कोई नहीं कर सकता. वे हर महीने लाखों रुपए का फर्जी बिल-बाउचर बनाते हैं. विभाग के सभी बाबू उनके दबाव में काम करने को मजबूर है. 

शरदचंद्र तिवारी, भूपेंद्र पांडे और शिखा पर विशेष मेहरबानी

विभाग की महिलाओं ने पंकज वर्मा पर वर्कशॉप मैनेंजर के तौर पर कार्यरत शरद तिवारी, भूपेंद्र पांडे और शिखा पर खास ढंग से मेहरबान होने का आरोप भी लगाया है. महिला कर्मचारियों का कहना है कि जो महिलाएं ईमानदार है उन पर गलत आरोप लगाकर उनका तबादला कर दिया जाता है. वही शरद तिवारी, भूपेंद्र पांडे और शिखा को कई संस्थाओं का प्रभार देकर रखा गया है. ये सभी लोग  पंकज वर्मा की शह पाकर हर माह लाखों रुपए का गबन कर रहे हैं. महिलाओं का आरोप है कि शरद तिवारी खुद को फिजियोथैरिपिस्ट बताता है परन्तु जिस संस्थान में उसकी नियुक्ति की गई थी वहां फिजियोथैरिपिस्ट का कोई पद ही नहीं था. शरद तिवारी को भ्रष्टाचार करने के लिए ही ऑक्यूपेशनलथेरेपिस्ट पद के विरुद्ध नियुक्ति देकर प्रमोट किया गया है. शरद तिवारी की फर्जी नियुक्ति की भी हर हाल में जांच होनी चाहिए.

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