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हमें घटिया औरत...नौकरानी... कामवाली बाई कहता है पंकज वर्मा...समाज कल्याण विभाग की कामकाजी महिलाओं ने खोला मोर्चा

हमें घटिया औरत...नौकरानी... कामवाली बाई कहता है पंकज वर्मा...समाज कल्याण विभाग की कामकाजी महिलाओं ने खोला मोर्चा

रायपुर. एक फर्जी संस्थान के जरिए करोड़ों रुपए का वारा-न्यारा करने के आरोपों से घिरे संयुक्त संचालक पंकज वर्मा पर समाज कल्याण विभाग की महिलाओं ने गंभीर आरोप लगाए हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राज्यपाल अनसुइयां उइके और महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री अनिला भेड़िया को भेजी गई एक शिकायत में श्रीमती ललिता लकड़ा, जी सीता, अभिलाषा पण्डा, वैशाली भरड़वार, संगीता सिंह, क्षमा सिंह, सिनीवाली पथिक ने कहा है कि पंकज वर्मा कई सालों से महिला कर्मचारी एवं अधिकारियों से अशोभनीय और अभद्र व्यवहार कर रहे हैं. महिलाओं का आरोप है कि पंकज वर्मा फर्जी वाउचर पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव डालते हैं. जो महिला कर्मचारी या अधिकारी ऐसा करने से इंकार करती है उनके साथ सार्वजनिक स्थलों पर गाली-गलौच की जाती है. उन्हें घटिया औरत... कामवाली बाई...  नौकरानी... कहकर लताड़ा जाता है.

अधिकारियों के घर चाकरी

महिला कर्मचारी और अधिकारियों का कहना है कि पंकज वर्मा पूरी तरह से स्त्री विरोधी है. विभाग में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी की महिला कर्मचारियों को काम करने के नाम पर डरा-धमकाकर अधिकारियों के घर भेजा जाता है. समाज कल्याण विभाग की माना स्थित संस्था बहु विकलांग गृह, अस्थि बाधितार्थ बालगृह, वृद्धाश्रम और मानसिक बच्चों की संस्था में कार्यरत बेसहारा विधवा महिलाओं से गलत काम करवाया जा रहा है. कुछ महिलाओं को अधिकारियों ने 15-15 सालों से अपने घर पर रखा हुआ है.

बस्तर भेज देने की धमकी

गलत कामों पर साथ नहीं दिए जाने पर पंकज वर्मा महिला कर्मचारियों को बस्तर भेजने की धमकी देते हैं. विभाग की महिला कर्मचारियों को सबसे ज्यादा प्रताड़ित किया गया है. बालोद में कार्यरत उपसंचालक बरखा कानू को पहले निलंबित किया गया तो एक शिकायतकर्ता श्रीमती ललिता लकड़ा को सबके सामने निपटाने की धमकी दी गई. विभाग में जब भी कोई अनियमतता होती है तो सबसे पहले महिला कर्मचारियों को ही आरोपी बनाकर उन्हें निलंबित कर दिया जाता है.

फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी

महिला कर्मचारियों ने पंकज वर्मा पर फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी हासिल करने का आरोप भी लगाया है. इस आरोप को प्रमाणित करने के लिए कुछ दस्तावेज भी संलग्न किए गए हैं. महिलाओं का आरोप है कि पंकज वर्मा महज दसवी कक्षा पास है. उन्होंने खुद को पढ़ा-लिखा साबित करने के लिए उत्तर प्रदेश से फर्जी प्रमाण पत्र पेश किया है. वे विभाग के अकेले ऐसे व्यक्ति है जिनका धड़ल्ले से प्रमोशन होता रहा है. उन्हें जिस ढंग से पदोन्नति मिलती रही है वह भी जांच का विषय है. उन्हें दिव्यांगों के विषय में न तो कोई ज्ञान है और न ही कोई संवेदनशीलता. सरकार की ओर से द्विव्यांगों के लिए जो धनराशि खर्च की जाती है उसे वे हड़प रहे हैं. महिलाओं ने पंकज वर्मा के कारनामों को लेकर कई पेज की दो शिकायतें भेजी है. दूसरी शिकायत में और भी गंभीर आरोप जड़े गए हैं. आरोपों के संबंध में जब पंकज वर्मा से दूरभाष पर चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि वे कुछ भी बोलना नहीं चाहते. 

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