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धान खरीदी में लिमिट को कोरी अफवाह करार दिया खाद्य विभाग ने

धान खरीदी में लिमिट को कोरी अफवाह करार दिया खाद्य विभाग ने

रायपुर. खाद्य विभाग के सचिव ने धान खरीदी में लिमिट को कोरी अफवाह करार दिया है. एक पत्रवार्ता में उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में एक से छह दिसम्बर तक महज एक सप्ताह में एक लाख 73 हजार 491 किसानों से 7 लाख 11 हजार 306 मैट्रिक टन धान की खरीदी की गई है और धान विक्रय करने वाले एक लाख 26 हजार 897 किसानों को 700 करोड़ रूपए से अधिक का भुगतान भी किया जा चुका है.

गौरतलब है कि पहले कुछ समय से कतिपय राजनीतिक दलों द्वारा यह अफवाह फैलाई जा रही है कि सरकार लिमिट तय कर धान की खरीदी कर रही है. खाद्य सचिव  के मुताबिक प्रदेश के वास्तविक कृषकों से धान खरीदी सुनिश्चित करने के लिए अवैध धान खपाने की कोशिशों पर लगाम कसने की प्रभावी कार्रवाई की जा रही है. साथ ही दूसरे प्रदेशों से आने वाले धान पर तथा कोचियों, बिचैलियों पर प्रभावी कार्यवाही की जा रही है. उन्होंने बताया कि 7 दिसम्बर 2019 की स्थिति में कुल 2 हजार 270 प्रकरणों में 2 हजार 138 कोचियों और 132 अंतर्राज्यीय प्रकरणों में 29 हजार 170 टन अवैध धान की जप्ती की गई है, जिसमें 260 वाहनों के खिलाफ कार्यवाही की गई है. किसी भी किसान के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है. सभी प्रकरणों में धान खरीदी के ऐसे प्रकरण जिसमें बिना किसी मंडी लाइसेंस अथवा अन्य दस्तावेज जैसे खरीदी पत्रक नहीं होने पर कार्यवाही की गई है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में छोटे व्यापारियों द्वारा वैध तरीके से किसानों से धान खरीदने पर कोई प्रतिबंध भी नहीं लगाया गया है.

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा में की गई घोषणा के अनुरूप एक ही प्रकार के कृषि उपज के संबंध में मंडी अधिनियम के तहत 4 क्विंटल के स्थान पर 10 क्विंटल के संग्रहण की अनुमति छोटे व्यापारियों को दी गई है. प्रदेश में धान खरीदी की अपनी पूरी अवधि 15 फरवरी 2020 तक की जाएगी.  धान खरीदी केन्द्रों के क्षमता के अनुसार किसानों को असुविधा से बचाने के लिए टोकन जारी करने की व्यवस्था प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी गई है. उन्होंने बताया कि धान की खरीदी के लिए छोटे-बड़े सभी किसानों से उनके पंजीकृत रकबे के अनुसार प्रति एकड़ 15 क्विंटल की दर से धान खरीदी सुनिश्चित की जाएगी एवं धान खरीदी के लिए प्रत्येक किसान को अपनी उपज बेचने का अवसर प्रदान किया जाएगा. प्रदेश में धान खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है। 2500 प्रति क्विंटल की दर से शेष राशि के भुगतान के लिए अन्य राज्यों में प्रचलित योजना का अध्ययन कर पृथक योजना शीघ्र लागू की जाएगी. राज्य शासन द्वारा धान खरीदी के लिए आवश्यक धन राशि तथा बारदानों की व्यवस्था की गई है.

   

 

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