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महिला वन अफसर कहती है- ज्यादा ची-चपड़ की तो छेड़खानी में अंदर करवा दूंगी

महिला वन अफसर कहती है- ज्यादा ची-चपड़ की तो छेड़खानी में अंदर करवा दूंगी

रायपुर. छत्तीसगढ़ में पदस्थ महिला अफसरों में अपने मातहतों से गाली-गलौच के साथ पेश आने की प्रवृति बढ़ती जा रही है. महिला पुलिस अफसरों के द्वारा गाली-गलौच किया जाना तो फैशन मान लिया गया है. इधर महिला कलक्टर और महिला वन अफसर भी इस फैशन परेड़ का हिस्सा बन चुकी है. प्रदेश की दो महिला कलक्टर ( कोरबा नहीं  ) को लेकर यह बात आम है कि उनके मुंह से जरा-जरा सी बात पर फूल झरते हैं. खैर...गाली पर केवल पुरुषों का अधिकार नहीं है, लेकिन अभी गाली-गलौच को कार्य संस्कृति का हिस्सा नहीं माना गया है इसलिए चाहे पुरुष हो या महिला...दोनों की अशिष्टता को लेकर शिकायतें होती रहती है. कुछ दिनों पहले जगदलपुर के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में पदस्थ सहायक वन संरक्षक दिव्या गौतम का ऑडियो वायरल हुआ था. इस ऑडियो में महिला अफसर अपने घरेलू नौकरों से गाली-गुफ्तार कर रही थीं. गालियां इतनी भद्दी थीं कि सुनने वाला शर्मसार हो जाय. अभी हाल के दिनों में एक बार फिर उसी सहायक वन संरक्षक को लेकर शिकायत हुई है. कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र भेजकर दिव्या गौतम को बस्तर से बाहर भेजने की गुहार लगाई है.

दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को कहना है कि मुख्य वन संरक्षक श्रीनिवास राव जब तक जगदलपुर में पदस्थ थे तब तक उन्होंने दिव्या गौतम को संरक्षण दे रखा था. उनके हटने के बाद दिव्या गौतम को डीएफओ का प्रभार दे दिया गया. हालांकि अब दिव्या गौतम सहायक वन संरक्षक है, लेकिन उनके व्यवहार में कोई सुधार नहीं आया है.

राधेश्याम बघेल, लक्ष्मी, देवेंद्र सिहं, दशमु, बुचा, कोयतू सहित अनेक कर्मचारियों ने हस्ताक्षरयुक्त शिकायत में कहा कि दिव्या गौतम ने अब तक कुल 17 लोगों को नौकरी से निकाल दिया है. महिला अफसर साफ तौर पर कहती है कि अगर किसी ने चीं-चपड़ की तो छेड़खानी का आरोप लगाकर अंदर करवा दूंगी. कर्मचारियों ने बताया कि पिछले दिनों इस महिला अफसर ने अपने पति के साथ मिलकर एक चौकीदार को बेरहमी से पीटा था जिसकी शिकायत बोधघाट थाने में दर्ज हुई थी, लेकिन पुलिसवालों ने पैसे खाकर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की. कर्मचारियों ने महिला के जाति प्रमाण पत्र को लेकर भी सवाल उठाए. कर्मचारियों ने कहा कि राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने उनका जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया है फिर वह पद पर जमी हुई है.

अशोक सोनवानी की साजिश

इधर अपने ऊपर लगे तमाम आरोपों को दिव्या गौतम ने निराधार बताया है. उनका कहना है कि जिले में अशोक सोनवानी नाम का एक रेंजर है जो उनके खिलाफ साजिश रचते रहता है. इसी रेंजर ने इधर-उधर से शिकायतें भिजवाई है. दिव्या गौतम ने कहा कि उसे अशोक सोनवानी उल्टे-सीधे गैर-कानूनी कार्य करने के लिए कहता रहा है. उनके द्वारा इंकार किए जाने की स्थिति में सोनवानी उसके पीछे लग गया है. दिव्या गौतम ने बताया कि जो शिकायतें अभी भेजी गई है उसकी जांच एक साल पहले ही हो चुकी है. सारी शिकायतें निराधार पाई गई थीं. यहां तक अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग में भी प्रमाण पत्र की जांच हो चुकी है. वहां से प्रकरण का निराकरण हो चुका है. अभी तबादलों का सीजन चल रहा है. सारी शिकायतें इसलिए करवाई जा रही है ताकि मेरा तबादला किसी और जगह किया जा सकें. रेंजर अशोक सोनवानी पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त है. मेरे नहीं रहने से उसकी मर्जी चलने लगेगी. वायरल ऑडियो के संबंध में दिव्या गौतम ने कहा कि यह ऑडियो भी मैन्युप्लेट करके तैयार किया गया था ताकि मेरी छवि को नुकसान पहुंचाया जा सकें.

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