साहित्य

छत्तीसगढ़ के रायपुर में 12 व 13 मार्च को लोकतंत्र और साहित्य विषय पर समारोह

छत्तीसगढ़ के रायपुर में 12 व 13 मार्च को लोकतंत्र और साहित्य विषय पर समारोह

रायपुर. अब इस बात में कोई दो मत नहीं रहा कि लोकतंत्र खतरे में है.इस खतरे से मुठभेड़ करने में साहित्य अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर सकता है ? छत्तीसगढ़ में हाल के दिनों में गठित साहित्य अकादमी ने ऐसे ही कुछ जरूरी सवालों के साथ दो दिवसीय विमर्श का आयोजन रखा है. पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग के सहयोग से आयोजित इस समारोह में शनिवार 12 और रविवार 13 मार्च को लोकतंत्र का पक्ष और साहित्य विषय पर अपनी राय प्रकट करने के लिए देश के नामचीन साहित्यकार हिस्सेदारी दर्ज करेंगे. इस समारोह में 12 मार्च को शाम 5.30 बजे कहानी पाठ होगा. वहीं 13 मार्च को सुबह 11 बजे साहित्य, असहमति और लोकतंत्र का भविष्य विषय पर एक चर्चा सत्र और शाम को 5.30 पर कविता पाठ आयोजित किया जाएगा. साहित्य अकादमी के अध्यक्ष ईश्वर सिंह दोस्त ने जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम में राजेश जोशी, विजय गुप्त, अपूर्वानंद, नथमल शर्मा, लोकबाबू, सियाराम शर्मा, आलोक वर्मा, वंदना राग जैसे कई वरिष्ठ साहित्यकार हिस्सा लेंगे. कार्यक्रम रजबंधा मैदान स्थित मायाराम सुरजन स्मृति लोकायन के हाल में किया जाएगा. कार्यक्रम में विशेष रूप से राजकमल नायक के निर्देशन में श्रीकांत वर्मा की कविताओं का रंग पाठ भी प्रस्तुत किया जाएगा. इसमें हिस्सा लेने वाले युवा साहित्यकारों में हरिओम राजौरिया, कैलाश बनवासी, मनोज कुलकर्णी, वंदना राग, बसंत त्रिपाठी, निधीश त्यागी, रजत कृष्ण, श्रद्धा थवाईत और बस्तर से पूनम वासम भी शामिल हैं. भोपाल के प्रसिद्ध कवि राजेश जोशी एक लंबे समय बाद रायपुर में कविता पाठ करने आ रहे हैं, इसे लेकर साहित्यकारों में विशेष उत्साह है.

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