साहित्य

योगिनी राउल की कविता- जमूरे

योगिनी राउल की कविता- जमूरे

जमूरे..

जमूरे खाना खायेगा?

खायेगा

कब खायेगा?

दो दिन के बाद कोई खिलायेगा तो खायेगा !

जमूरे दवा पियेगा?

पियेगा

कब पियेगा?

लाइन में नंबर आयेगा, तब पियेगा !

 

जमूरे आज पानी पिया?

पियेगा

कब पियेगा?

रात को टंकर आयेगा, 

भर के पानी लायेगा,

टंकी में डालेगा,

घर का बाल्टी भरेगा,

बूढ़े को पिलायेगा

बच्चे को पिलायेगा...

तब मैं पानी पियेगा !

बहोत खूब जमूरे !

 

जमूरे

तेरा पेट दिखा...

देख लो !

अरेरे... खाली है !

भरेगा, आज नहीं तो कल !

बहोत खूब जमुरे !

 

अब सीना दिखा....

देख लो

फूला के दिखा...

देख लो

और फूलाओ

ये लो

लंबी सांस ले कर फूला...

प्राणायाम कर के फूला...

अब देखो, जमूरे का सीना !

छप्पन इंच से थोडा कम.

जमूरे पेट भूल जा,

सीना तान के चल !

बहोत खूब जमूरे !

 

जमूरे नया खेल खेलेगा?

खेलेगा !

पुलिस को फंसायेगा?

फंसायेगा !

हकीम को मारेगा?

मारेगा !

दुश्मन को गाली देगा?

जोर से देगा !

सीना तान के गाली देगा?

सीना तान के देगा !

 

चल जमूरे

बजा ताली, दे दे गाली

बजा ढोलक, बजा थाली....

बजाव घंटा, दिखाव ठेंगा !

सब बजायेगा, ढोल पिटेगा!

बहोत खूब !

 

जमूरे... दीया जलायेगा?

जलायेगा !

कहां जलायेगा?

घर में जलायेगा !

अरे अकल के कच्चे...

घर में नहीं,

फिर???

घर को बंद कर के 

और कहां जलायेगा?

सब के मुंह पे जलायेगा

सब का मुंह लाल करेगा

जग में मुंह काला करेगा !

 

शाबाश जमूरे...

तू ही मेरा असली पंटर है....

मैं नचावू

तू नाचेगा?

 

नाचेगा... अभी नाचेगा !

इतवार को नाचेगा

सोमवार को नाचेगा !

नंगा नाचेगा, चंगा नाचेगा !

जमूरा तो रोज नाचेगा !

 

- योगिनी राउल

 

 

 

 

 

 

 

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