विशेष टिप्पणी

10 मार्च को उतर जाएगा फर्जी राष्ट्रवाद का चोला

10 मार्च को उतर जाएगा फर्जी राष्ट्रवाद का चोला

यूपी में कांग्रेस के कोर वोटर ब्राह्मण, मुसलमान और दलित हुआ करते थे। सपा-बसपा के आने से दलित-मुस्लिम वोट कांग्रेस से दूर चला गया, नरसिम्हा राव के गठबंधन के फ़ैसले ने कांग्रेस को और दूर भेज दिया। मन्दिर आंदोलन के बाद भाजपा ने ब्राह्मण वोटों पर कब्ज़ा कर लिया। 2017 में सपा-कांग्रेस साथ आई, लेकिन एक दूसरे को वोट ट्रांसफर नहीं करवा पाई, यादवों ने कांग्रेसी उम्मीदवार को वोट नहीं दिया, ब्राह्मणों ने सपा उम्मीदवार को वोट नहीं दिया। 2019 में सपा-बसपा साथ आई, गैर-जाटव दलितों ने भाजपा को वोट दे दिया। यह गठबंधन भी असफल रह गया, साथ में गैर-यादव ओबीसी भी भाजपा के साथ गोलबन्द हो गए। अब तय है कि चुनाव से पहले ये तीनों कभी साथ नहीं आयेंगे. साथ आयेंगे तो नुकसान झेलेंगे, भाजपा को फायदा पहुंचाएंगे। मोदी लहर के अलावा भाजपा जातीय समीकरण के वजह से भी जीतती रही। इसकी एक वजह संजय निषाद, राजभर, अनुप्रिया, केशव और स्वामी प्रसाद मौर्य थे। इस चुनाव में कांग्रेस नई पहचान पर लड़ रही है, शून्य जनाधार के बावजूद मजबूत दिख रही है। योगी के ठाकुरवाद के कारण ब्राह्मणों के वोट में भारी फूट, कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम कर रही है। 12 फीसदी ब्राह्मणों में 60:40 के अनुपात में वोटों का बिखराव हुआ है। यहां अखिलेश नहीं पहुंच पाते, सपा-कांग्रेस गठबंधन भी इस किले को नहीं भेद पाई थी। अखिलेश के लिए यह चुनाव शुरू से मुश्किल था। लेकिन किसान आंदोलन ने आसान कर दिया। जयंत की अगुआई में जाट-किसानों का बड़ा जत्था अखिलेश के पाले में आया, मुस्लिम वोट में बिखराव नहीं हो पाया। शिवपाल साथ आएं, सपा गठबंधन ने पहले पश्चिम फतेह किया, छोटे दलों के साथ गठबन्धन ने अवध, बुंदेल में बढ़त दिलवाई... अब राजभर, स्वामी के नेतृत्व में पूर्वांचल का किला भेदा जा रहा है। अखिलेश की सोसल इंजीनियरिंग ने भाजपा के बड़े बड़े चाणक्यों को पछाड़ दिया है। यह चुनाव अब सपा की पिच पर हो रहा है। सपा लार्जेस्ट पार्टी बनने जा रही है, भाजपा दो नंबर पर रहेगी। पश्चिम में रालोद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। रालोद और कांग्रेस नई पहचान के साथ प्रदेश में उभरने जा रही है। भाजपा को करारा तमाचा लगा है, इसकी गूंज उसे 24 तक सुनाई देगी। कई जिले ऐसे है जहां भाजपा खाता नहीं खोल पाएगी। फर्जी राष्ट्रवाद का चोला उतरने वाला है, कई बड़े मंत्री चुनाव हार रहें है। आप चाहें तो स्क्रीनशॉट ले लीजिए..! सपा गठबंधन की सीटें 200 से ज्यादा रहेंगी, एनडीए की सीटें 200 से कम रहेंगी। योगी आदित्यनाथ का राजनैतिक करियर खत्म हो चुका है, 10 मार्च को अखिलेश आ रहे हैं। प्रियांशु की फेसबुक वॉल से

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