विशेष टिप्पणी

हल के फालों को गलाकर तलवार बना लेने का समय

हल के फालों को गलाकर तलवार बना लेने का समय

भय और निराशा के खतरनाक दौर में जनसंपर्क विभाग के आयुक्त तारन प्रकाश सिन्हा की यह टिप्पणी कम संसाधनों से भी मुठभेड़ करने की प्रेरणा देती है. इस टिप्पणी को पढ़कर एक गीत बरबस याद आ जाता है- हम लोगों को समझ सको तो समझो दिलबर जॉनी... जितना हमको समझोगे उतनी होगी हैरानी... क्योंकि दिल है हिन्दुस्तानी.

जब युद्ध की परिस्थितियां हों तब हल के फालों को गलाकर तलवारें ढाल लेनी चाहिए.

देश इस समय यही कर रहा है. 

आटो मोबाइल सेक्टर की नामवर कंपनी महिंद्रा और महिंद्रा अब वैंटिलेटर्स के निर्माण के लिए आगे आ रही है. और खबरों के मुताबिक वह चार-पांच लाख रुपए के वैंटिलेटर्स साढ़े 7 हजार रुपए से भी कम कीमत पर उपलब्ध कराने की तैयारी में है.

भारत में कोरोना वायरस को बड़ा खतरा इसलिए भी माना जा रहा था क्योंकि यहां संक्रमितों की संभावित संख्या की तुलना में वेंटिलेटर्स की संख्या बहुत कम है. महिंद्रा की पेशकश ने इस खतरे को न केवल कम कर दिया, बल्कि इस युद्ध को भी आसान कर दिया है.

अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए पलंग से लेकर सैनेटाइजर जैसे सामान कम न पड़े, इसके लिए रेलवे ने भी कमर कस रखी है. रेलवे ने अपने कई प्रोडक्शन इकाइयों को मेडिकल संबंधी सामान बनाने का आदेश जारी कर रखा है. खबर यह भी है कि कई वातानुकूलित ट्रेनों को भी अस्पतालों में तब्दील करने के बारे में विचार किया जा रहा है, यह इनोवेटिव आइडिया रेलवे को आमलोगों से ही मिला था.

कोरोना से रक्षा के लिए जब सेनेटाइजर्स कम पड़ने लगे तब शराब का उत्पादन करने वाली डिस्टिलरियों ने सेनेटाइजर्स का उत्पादन शुरू कर दिया. मास्क की कमी को दूर करने के लिए गांव-गांव में स्व सहायता समूह की महिलाएं अपनी सिलाई मशीनें लेकर जुट गईं.

संक्रमितों की जांच के लिए जब महंगे विदेशी किटों की उपलब्धता रोड़ा बनी तब पुणे के माईलैब डिस्कवरी साल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड नाम की देसी संस्था ने सस्ता किट तैयार कर दिखाया. इससे मरीजों की जांच अब एक-डेढ़ हजार रुपए में भी हो सकेगी, जिस पर पहले चार-पांच हजार रुपए तक खर्च हो जाया करते थे. भारत की यह उपलब्धि भी किसी मंगल मिशन से कम नहीं है।

इस तरह के उदाहरणों का लंबा सिलसिला है. 

हम वो लोग हैं जो पुड़ियों के लिए गर्म हो रहे तेल से राकेट साइंस सीख लेने की योग्यता रखते हैं. 

- तारन प्रकाश सिन्हा

 

 

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