सियासत

जोकर है कुरुद का लबरा अजय चंद्राकर

जोकर है कुरुद का लबरा अजय चंद्राकर

रायपुर. छत्तीसगढ़ की विधानसभा में सोमवार को अजीब नजारा देखने को मिला. सदन के भीतर विपक्ष के मुट्ठी भर सदस्य इस बात को लेकर हंगामा मचा रहे थे कि धारा 144 लागू होने के बाद भी विधानसभा गेट के सामने प्रदर्शन हो रहा है, लेकिन विपक्षी यह बताने को तैयार नहीं थे कि प्रदर्शन क्यों और किस बात के लिए हो रहा था और प्रदर्शनकारी कौन थे. जैसा कि आप इस खबर के साथ चित्र को देख सकते थे. चित्र में साफ दिख रहा है कि लोगों के हाथों में तख्तियां है और तख्तियों में लिखा है- जो वादा किया है वह निभाना पड़ेगा. कुरुद का लबरा अजय चंद्राकर जोकर है... आदि-आदि. सामान्य तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ही डाक्टर रमन सिंह को लबरा और मिठलबरा कहते रहे हैं, लेकिन पहली बार तख्तियों में यह तंज पूर्व पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर के लिए भी देखा गया.

इसलिए हुआ प्रदर्शन

दरअसल जब कांग्रेस के भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थीं तब पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर ने सोशल मीडिया में यह पोस्ट डाली थी कि अगर कांग्रेस दस दिनों के भीतर किसानों का कर्ज माफ कर देगी तो वे विधायक पद से इस्तीफा दे देगें. कांग्रेस ने दस दिनों में यह काम कर दिखाया तो चंद्राकर से इस्तीफा मांगने वालों की संख्या में इजाफा हो गया. चंद्राकर के इस्तीफे के सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना था- अब यह उनके विवेक पर निर्भर करता है कि वे इस्तीफा देते हैं या  नहीं. इधर चंद्राकर से इस्तीफा मांगने के लिए दबाव बढ़ता ही जा रहा है. प्रदर्शनकारियों ने तय किया है कि अब अजय चंद्राकर जिस किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सेदारी दर्ज करेंगे उनके खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा और इस्तीफा मांगा जाएगा.

क्यों है इतनी बौखलाहट

विपक्ष के सदस्यों ने जब धारा 144 के उल्लंघन को लेकर हंगामा मचाया तो संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि हमने अच्छे ढंग से  देखा है कि पन्द्रह सालों में कितनी बार संसदीय परम्पराओं का पालन किया गया है. विपक्षी सदस्य बार-बार खड़े होकर आपत्ति जताने लगे तो मुख्यमंत्री ने यह कहकर टोका कि बोलने के पहले आसंदी से अनुमति ले लेनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के भीतर बौखलाहट देखने को मिल रही है. सदन के बाहर भी  जब पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह ने पुलिस अफसर कल्लूरी की नियुक्ति को लेकर नसीहत दी तो बघेल ने कहा- पन्द्रह सालों में नौकरशाहों ने जो कुछ किया है वह किसी से छिपा नहीं है. सवाल घुड़सवारी का है. पिछली सरकार नौकरशाहों के भरोसे चलती थी उनकी सरकार नौकरशाहों से कैसे काम लेना है यह अच्छी तरह से जानती है.

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