सियासत

छत्तीसगढ़ में भाजपा के घोषित प्रत्याशी बदले जाएंगे ?
क्या भाजपा के ईमानदार कार्यकर्ता मोटे-ताजे नेताओं को
समोसा खिलाने...दरी बिछाने और उठाने के लिए ही बने हैं ?
रायपुर. छत्तीसगढ़ में भाजपा ने कांग्रेस से हारी हुई 21 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा तो कर दी है, लेकिन कई सीटों पर प्रत्याशियों के खिलाफ जबरदस्त विरोध देखने को मिल रहा है वहीं कुछ सीटों पर भीतरघात की संभावना जताई जा रही है. राजनीति में कब क्या हो जाय कुछ कहा नहीं जा सकता सो यह माना जा रहा है कि प्रखर विरोध की स्थिति में भाजपा प्रत्याशियों की टिकट बदल भी सकती है.
प्रदेश की सबसे हाईप्रोफाइल सीट पाटन से भाजपा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ उनके सगे भतीजे विजय बघेल को चुनाव मैदान में उतारा है. विजय बघेल के चुनाव समर में शामिल होने की घोषणा के साथ यह कहा जा रहा है कि भाजपा संगठन से जुड़े कुछ बड़े नेताओं ने तेज-तर्रार नेत्री सरोज पांडे के लिए दुर्ग लोकसभा के चुनाव समर में उतरने का रास्ता साफ कर दिया है. विजय बघेल की तुलना अजीत जोगी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके नंदकुमार साय से भी की जा रही है. कहा जा रहा है कि भाजपा में एक लॉबी अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग से जुड़े नेताओं को कभी उभरने नहीं देती है. कहा जा रहा है कि चुनाव में पराजित होने के बाद विजय बघेल को लोकसभा चुनाव में दोबारा मौका नहीं मिलेगा और वे घर बिठा दिए जाएंगे.
भाजपा ने अभनपुर से वरिष्ठ नेता चंद्रशेखर साहू की टिकट काट दी है. हालांकि उनकी टिकट कटने से अभनपुर इलाके में हश्रमिश्रित प्रतिक्रिया भी देखने को मिल रही है. ज्यादातर लोगों का कहना है कि अभनपुर पिछले कई सालों से कांग्रेस के धनेंद्र साहू और भाजपा के चंद्रशेखर साहू के बीच ही मुकाबला देखते रहा है. इस बार भाजपा ने बेद्री गांव के दूसरी बार के सरपंच इंद्रकुमार साहू को टिकट दी है तो समीकरण बदलेगा. अभनपुर में असंतुष्टों का एक धड़ा चंद्रशेखर साहू की टिकट कटने से बेहद खुश भी है. प्रेक्षक मानते हैं कि इस इलाके में भाजपा के नए प्रत्याशी के खिलाफ जबरदस्त भीतरघात संभावित है.
सरायपाली विधानसभा क्षेत्र से एक डाक्टर की पत्नी श्रीमती सरला कोसरिया को टिकट दिए जाने का भी विरोध होने लगा है. गाड़ा समाज के अध्यक्ष जगदीश का कहना है कि इलाके में 40 हजार से ज्यादा मतदाता है. यदि समय रहते प्रत्याशी नहीं बदला गया तो भाजपा से जुड़े गाड़ा समाज के कार्यकर्ता सामूहिक इस्तीफा दे सकते हैं.
लूंड्रा से भाजपा ने आदिवासी उरांव समाज के प्रबोध मिंज को प्रत्याशी बनाया है.खबर है कि यहां आरएसएस इंदर भगत को प्रत्याशी बनाने के पक्ष में था. यहां से अब भी पूर्व विधायक विजयनाथ की दावेदारी बनी हुई है सो यह माना जा रहा है कि मिंज की टिकट खतरे में पड़ सकती है. भटगांव से जिला पंचायत की सदस्य लक्ष्मी राजवाड़े को टिकट दी गई है. यहां से पूर्व मंत्री शिवप्रताप सिंह के पुत्र सत्यनारायण भी दावेदार थे. इस सीट पर भी भीतरघात की संभावना जताई जा रही है. प्रतापपुर से पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा प्रबल दावेदार थे, लेकिन यहां शकुंतला पोर्ते को चुनाव मैदान में उतारा गया है. यहां भी भाजपा प्रत्याशी की राह आसान नहीं रहने वाली है. रामानुजगंज से भाजपा प्रत्याशी रामविचार नेताम वैसे तो राजनीति के मंजे हुए खिलाड़ी माने जाते हैं,लेकिन उन्हें भी तगड़े विरोध का सामना करना पड़ सकता है. प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि भाजपा ने इंदिरा बैंक के घोटाले में करोड़ों रुपए की घूस लेने वाले तथा गृहमंत्री रहते हुए नक्सलियों को चंदा देने वाले रामविचार नेताम को प्रत्याशी बना दिया है. रामविचार नेताम के परिजनों के ऊपर राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र संरक्षित जनजाति पहाड़ी कोरवा की जमीन को कूटरचित दस्तावेज और षड्यंत्र कर अपने नाम में करने का भी आरोप है.
राजनांदगांव की जिला पंचायत सदस्य गीता घासी साहू ने करीब तीन साल पहले ही अपने राजनीतिक कैरियर की शुरूआत की थी. अब कांग्रेस वर्तमान विधायक छ्न्नी साहू को दोबारा रिपीट करती है या नहीं यह तो भविष्य के गर्भ में हैं, लेकिन गीता घासी साहू की राह भी आसान नहीं रहने वाली है. भाजपा ने राजिम से उस रोहित साहू को टिकट दी है जो कभी अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस से जुड़े थे. उन्हें टिकट दिए जाने के बाद यह चर्चा भी चल पड़ी है कि क्या भाजपा के मेहनतकश और ईमानदार कार्यकर्ता केवल दरी बिछाने- दरी उठाने और भाजपा के मोटे-ताजे नेताओं को समोसा खिलाने के लिए ही बने हैं.