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शराबबंदी के लिए गठित होने वाले अध्ययनदल में  ममता शर्मा को शामिल करने की मांग

शराबबंदी के लिए गठित होने वाले अध्ययनदल में ममता शर्मा को शामिल करने की मांग

रायपुर.छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार शराब बंदी के पक्ष में हैं, लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि यह एक बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला होगा सो समाज के सभी वर्गों से सलाह-मश्विरा बेहद अनिवार्य है.अभी हाल के दिनों में नशामुक्ति अभियान के सदस्यों ने जब मुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री से मुलाकात की तो उन्होंने आश्वस्त किया कि  शराबबंदी अवश्य होगी, लेकिन यह भी देखना होगा कि बंद के बाद घर पहुंच सेवा प्रारंभ न हो जाए. प्रतिनिधि मंडल में शामिल अभिषेक सिंह, ब्यास मुनि, कन्हैया अग्रवाल, रफीक सिद्दकी, मोहम्मद आरिफ, पकंज दास सहित अन्य सदस्यों ने मुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री से यह आग्रह भी किया कि अभियान की प्रदेश संयोजक ममता शर्मा ने शराब बंदी के मसले पर काफी काम किया है सो उन्हें अध्ययनदल में अवश्य शामिल करें.मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि उनकी सरकार सभी पक्षों से बातचीत के आधार पर आगे बढ़ना चाहती है सो योग्य और क्षमतावान लोगों को सुझाव के लिए अवसर प्रदान किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने इस बारे में अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए.सदस्यों ने शराब बंदी करने वाले राज्यों के अध्ययन, नशामुक्ति के क्षेत्र में काम करने वाले सामाजिक संस्थाओं को शामिल करने के अलावा अस्पतालों में हेल्प डेस्क स्थापित करने की मांग भी की. सदस्यों का कहना था कि बिहार में शराब को लेकर सख्त कानून है. अगर कानून कठोर होगा तो अन्य नशीले पदार्थों की रोकथाम भी हो सकेगी.

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