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दादागिरी का चरम... एक भी बार पीएचक्यू  दर्शन देने नहीं पहुंचे मुकेश गुप्ता

दादागिरी का चरम... एक भी बार पीएचक्यू दर्शन देने नहीं पहुंचे मुकेश गुप्ता

रायपुर. देश के सबसे ज्यादा विवादास्पद पुलिस अफसर मुकेश गुप्ता इसी साल 9 फरवरी को निलंबित कर दिए गए थे. सरकार ने निलंबन अवधि के दौरान जीवन निर्वाह भत्ता देने के साथ आदेश में साफ तौर पर कहा था कि उन्हें पुलिस मुख्यालय ( पीएचक्यू ) में आमद देनी होगी, लेकिन निलंबन के तीन महीने पूरे होने जा रहे हैं और उन्होंने एक भी बार पीएचक्यू में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करवाई है. जबकि उनके साथ ही निलंबित किए गए आईपीएस रजनेश सिंह केवल एक मर्तबा पीएचक्यू आए थे और फिर वे भी गायब है.वैसे जो कर्मचारी या अफसर निलंबित कर दिए जाते हैं उनका कर्तव्य स्थल पर उपस्थित रहना अनिवार्य नहीं होता, लेकिन पुलिस की नौकरी में ऐसा नहीं है. यहां एक प्रचलित और मान्य परम्परा यह रही है कि कर्मचारी या अफसर को सिविल ड्रेस में सरकार द्वारा निर्धारित किए गए स्थल पर आमद देनी होती है.

नहीं जा सकते मुख्यालय छोड़कर

नाम न छापने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि निलंबित कर्मचारी या अफसर अपने जीवन-यापन के लिए किसी भी तरह के  व्यवसाय या काम-धंधे को करने के लिए स्वतंत्र होते हैं, लेकिन आमद देने के लिए जो स्थान निर्धारित किया जाता है वहां हाजिरी देनी ही होती है. निलंबन अवधि के दौरान उन्हें मुख्यालय छोड़ने की अनुमति भी नहीं होती. यदि किसी विशेष परिस्थिति में मुख्यालय से बाहर जाने की आवश्यकता होती है तो विभाग प्रमुख से अनुमति अनिवार्य होती है. इधर निलंबन के बाद से  मुकेश गुप्ता का  ज्यादातर समय दिल्ली ही बीत रहा है. एक बार तो दिल्ली के खान मार्केट में उन्हें सुपर सीएम की उपाधि से विख्यात अमन सिंह के साथ भी देखा गया था. पुलिस अफसर का कहना है कि जब सरकार ने मुकेश गुप्ता को शासकीय आवास आवंटित किया है तो उन्हें अपनी सभी कानूनी कार्रवाई शासकीय आवास से ही संपादित करनी चाहिए, लेकिन कानूनी प्रक्रियाओं में उनका पता किसी दूसरी जगह का दिख रहा है. हाल के दिनों में जब वे ईओडब्लू में अपना बयान देने के लिए पहुंचे तो यह कहते हुए पाए गए थे कि वे दिल्ली से बयान देने के लिए रायपुर आए हैं. यहां तक उनके केस की पैरवी करने के लिए भी दिल्ली से महंगे वकील छत्तीसगढ़ पहुंचे थे. वैसे यह जांच का विषय है कि पुलिस का एक अफसर अपनी तयशुदा कमाई से कितने और किस तरह के महंगे वकीलों की सेवाएं ले सकता है. महंगे वकीलों की फीस कौन दे रहा है. गौरतलब है कि सरकार ने मुकेश गुप्ता को कई बिन्दुओं पर आरोप पत्र थमा दिया है. सूत्र कहते हैं कि उनकी गैर- मौजूदगी को लेकर भी उनसे जल्द ही जवाब मांगा जा सकता है.

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