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बैगा आदिवासी ने डीएम अवस्थी से कहा- कैसे उतार पाऊंगा आपका अहसान

बैगा आदिवासी ने डीएम अवस्थी से कहा- कैसे उतार पाऊंगा आपका अहसान

रायपुर. आम जनता के कठिन से कठिन काम को कैसे सरल बनाया जा सकता है इसे अगर सही ढंग से जानना है तो कभी आपको छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक दुर्गेश माधव अवस्थी की कार्यप्रणाली को नजदीक से देखने- समझने की चेष्टा अवश्य करनी चाहिए. सामान्य तौर पर यह धारणा कायम रही है कि जो कोई भी पुलिस की वर्दी पहन लेता है वह खुद को भीतर से पत्थर का बना लेता हैं, लेकिन पुलिस महानिदेशक अवस्थी इस धारणा को अक्सर तोड़ते रहते हैं. पुलिस परिवार को राहत देने के लिए वे हर सप्ताह अपने दफ्तर में समस्या निवारण शिविर लगाते हैं. इस शिविर में अब तक हजारों लोगों को राहत मिल चुकी है. इसके अलावा वे हर रोज आमजन से मुलाकात करते हैं और उनकी समस्याओं का तुरन्त निराकरण भी करते हैं. अगर कोई सही है तो उनसे मिलना बेहद आसान है, लेकिन अगर कोई गलत है तो फिर उनसे मिलने में मुसीबत खड़ी हो सकती है. वैसे उनके पुलिस महानिदेशक बनने से लिखने-पढ़ने वालों के अलावा समाज का एक बड़ा वर्ग बेहद खुश भी है. उनके पहले जितने भी पुलिस महानिदेशक हुए उन सबने खुद को जनता से काट लिया था. एक पुलिस महानिदेशक तो मिलने-जुलने वालों के सामने ही सिगरेट पर सिगरेट फूंकते रहते थे. आधी जनता तो कैंसर होने के भय से ही भाग जाती थीं. एक पुलिस महानिदेशक छोटा सा चवन्नी छाप मोबाइल लेकर घूमते थे और केवल रमन सिंह और उनके रिश्तेदारों का ही फोन अटैंड करते थे. फिर चाहे कोई भी फोन लगाए... घंटी बजती रहती है और सबको सुनना पड़ता था- ओम जय जगदीश हरे... स्वामी जय जगदीश हरे.

बहरहाल इस खबर में डीएम अवस्थी का जिक्र इसलिए हो रहा है क्योंकि अभी हाल के दिनों में उन्होंने बैंगलोर में पदस्थ एक पत्रकार मंजू साईनाथ की सूचना के बाद जो कार्रवाई की हैं उसकी चौतरफा प्रशंसा हो रही है. मंजू साईनाथ ने उन्हें फोन पर अवगत कराया कि मध्यप्रदेश के शहडोल के रहने वाले बैगा आदिवासी केशव प्रसाद की पत्नी का सेक्टर 9 भिलाई में देहांत हो गया है. केशव की पत्नी बर्न यूनिट में भर्ती थी और केशव अपनी प्रापर्टी बेचकर उसकी चिकित्सा करवा रहा था. मंजू साईनाथ ने जानकारी दी कि पैसों की तंगी की वजह से केशव जैसे-तैसे इलाज करवा रहा था, लेकिन अब 80 हजार रुपयों का भुगतान करने में उसे दिक्कत पेश आ रही है. पुलिस महानिदेशक ने इस सूचना के बाद तुरन्त आईजी दुर्ग रेंज हिमांशु गुप्ता से संपर्क किया और सेक्टर 9 अस्पताल प्रबंधन से मानवीय आधार पर बात करने का आग्रह किया. दुर्ग आईजी गुप्ता भी मानवीय कामों के लिए अग्रणी रहते हैं सो उन्होंने भी तत्काल प्रबंधन को बकाया राशि माफ करने का अनुरोध किया. अस्पताल प्रबंधन ने सारी औपचारिकताएं पूरी की और जल्द ही रिजनों को शव सौंप दिया गया. इस पूरी कार्रवाई में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दुर्ग रोहित झा और निरीक्षक प्रमिला मंडावी ने भी उल्लेखनीय भूमिका निभाई. इस मानवतापूर्ण कार्रवाई के लिए बैगा आदिवासी केशव प्रसाद और उसके परिवार ने पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी के प्रति आभार जताया है. 

हर आदमी में होते हैं दस-बीस आदमी

जिसको भी देखना कई बार देखना

हार और जीत तो मुकद्दर की बात है

टूटी है किसके हाथ में तलवार देखना

 

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