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जिन्हें होना चाहिए जेल में वे घूम रहे हैं निज सचिव बनने के लिए

जिन्हें होना चाहिए जेल में वे घूम रहे हैं निज सचिव बनने के लिए

रायपुर. भाजपा शासनकाल में लोग मंत्रियों का निज सचिव बनने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया करते थे. कमोबेश यही स्थिति अब भी बरकरार है. हालांकि नई सरकार के मंत्री देख-समझकर निज सचिवों की नियुक्ति कर रहे हैं बावजूद इसके उठापटक बंद नहीं हुई है. खबर है कि समाज कल्याण विभाग के कतिपय अफसर और सेवानिवृत कर्मचारी सबसे ज्यादा जोड़-तोड़ में लगे हुए हैं.

विभाग के एक सेवानिवृत अफसर मिश्रीलाल पर काफी समय पहले आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने छापामार कार्रवाई की थी और लंबी-चौड़ी संपत्ति का पता लगाया था. इस अफसर के खिलाफ अब तक चालान पेश नहीं किया है. यह अफसर इन दिनों एक मंत्री के निवास पर नियमित रुप से देखा जा रहा है. विभाग में अशोक तिवारी नाम का एक ऐसा कर्मचारी भी कार्यरत था जिस पर करोड़ों रुपए के गबन का आरोप लग चुका है. गौरतलब है कि इस शख्स ने दृष्टि- श्रवण एवं अस्थि बाधित शासकीय विद्यालय में अपनी पदस्थापना के दौरान कई तरह की गड़बड़ियों को अंजाम दिया था. एक गंभीर शिकायत के बाद विभाग के अवर सचिव पी श्रीवास्तव ने अशोक तिवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, लेकिन इस कर्मचारी की रिपोर्ट लिखवाना तो दूर उल्टे कर्मचारी को पद्दोन्नति देकर सेवानिवृत कर दिया गया.यह कर्मचारी भी एक मंत्री के आगे-पीछे घूम रहा है. विभाग में और भी कई ऐसे अफसर और कर्मचारी है जिन पर दिव्यांगों के पैसों को हड़पने का आरोप लगता रहा है. अफसरों की लूटमारी को संरक्षण देने के लिए विभाग में पदस्थ किए गए हर संचालक पर भी शक की सुई घूमती रही है. फिलहाल विभाग कई कर्मचारी और अफसर बरसों से एक ही जगह पर जमे हुए हैं और आर्थिक गड़बड़ियों को अंजाम देने में लगे हुए हैं.

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