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रायपुर के प्रसिद्ध चिकित्सक सुनील खेमका और उनकी पत्नी मेघा खेमका पर फर्जीवाड़े का आरोप

रायपुर के प्रसिद्ध चिकित्सक सुनील खेमका और उनकी पत्नी मेघा खेमका पर फर्जीवाड़े का आरोप

श्री नारायण हास्पिटल के प्रबंध निदेशक और निदेशक की उच्च स्तरीय शिकायत

रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित नारायण हास्पिटल के प्रबंध निदेशक डाक्टर सुनील खेमका और उनकी पत्नी मेघा खेमका पर बेंगलुरू कर्नाटक के रहने वाले कुशल शेट्टी इंद्राली ने फर्जीवाड़े का गंभीर आरोप लगाया है. इंद्राली शेट्टी इन दिनों देश के सुप्रसिद्ध उद्योगपति और चिकित्सा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने वाले डाक्टर बीआर शेट्टी के ग्रुप से जुड़े हुए हैं. गौरतलब है कि बीआर शेट्टी के ग्रुप ने नारायण हास्पिटल में अच्छा-खासा निवेश कर रखा है.

प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनसुइया उइके, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित देश की तमाम जांच एजेंसियों को भेजी गई एक शिकायत में रामा शेट्टी इन्द्राली के पुत्र कुशल शेट्टी ने कहा है कि हेल्थ टेक छत्तीसगढ़ प्राइवेट लिमिटेड से संबंद्ध सुनील व मेघा खेमका ने डाक्टर बीआर शेट्टी के ग्रुप को पहले तो अपने हास्पिटल में निवेश के लिए प्रेरित किया.जब खेमका की कंपनी फायदे में चलने लगी तो एक सोची-समझी योजना के तहत शेट्टी ग्रुप से कपटपूर्वक व्यवहार करते हुए फर्जीवाड़ा किया.

कुशल शेट्टी ने शिकायत में बताया है कि दिनांक 19 जुलाई 2013 को हरिशांति डेव्लपर्स, ज्यूपिटर डेल्कोम और हेल्थ-टेक प्राइवेट लिमिटेड के बीच एक अनुबंध हुआ था. इस अनुबंध में यह साफ तौर पर उल्लेखित था कि निवेशकर्ता बीआर शेट्टी न केवल पूर्णकालिक निदेशक बनाए जाएंगे बल्कि सभी तरह का प्रबंधन बीआर शेट्टी को हस्तांतरित कर दिया जाएगा. सभी तरह का टैक्स अदा करने के बाद आय का 51 प्रतिशत बीआर शेट्टी को एवं 49 प्रतिशत सुनील व मेघा खेमका के बीच वितरित किया जाएगा.

शेट्टी के फर्जी हस्ताक्षर

कुशल शेट्टी का कहना है कि बीआर शेट्टी जब कभी भी बोर्ड आफ डायरेक्टर की बैठक का जिक्र करते तो सुनील खेमका व उनकी निदेशक पत्नी यह कहकर टाल जाते थे कि सब कुछ ठीक चल रहा है. बीआर शेट्टी एकाध बार ही कभी बैठक में शामिल हुए जबकि कई मर्तबा बोर्ड की मीटिंग हुई और हर बार उनके फर्जी हस्ताक्षर के साथ फर्जी उपस्थिति दर्शायी गई. शिकायतकर्ता का कहना है कि दिनांक एक जुलाई 2015, तीन मार्च 2017, पंद्रह सितम्बर 2017 और इक्कीस जून वर्ष 2018 को कथित बोर्ड की बैठक दर्शायी गई है जबकि इन तिथियो में बीआर शेट्टी किसी अन्य स्थानों पर थे. ( बैठक के दिन बीआर शेट्टी कहां और किस जगह की यात्रा पर थे इसका विस्तृत विवरण दस्तावेज के साथ शिकायत में संलग्न किया गया है.)

बोर्ड के प्रस्ताव के बिना ली धनराशि

शिकायतकर्ता का कहना है कि सुनील खेमका ने बोर्ड को विश्वास में लिए बगैर खातों में जबरदस्त ढंग से हेराफेरी की है. यहां तक बगैर किसी ब्याज के 85 लाख रुपए की धनराशि भी व्यक्तिगत तौर हासिल की है. जब बीआर शेट्टी को गड़बड़ियों की भनक लगी तो उन्होंने गौरव गुलेचा नाम के एक अंकेक्षक को भेजकर अंकेक्षण करवाया. तमाम खातों की जांच-पड़ताल के बाद करोड़ों रुपए की हेरा-फेरी विधि विरुद्ध कार्य की जानकारी हासिल हुई. अस्पताल के खातों को सही ढंग का दिखाने के लिए कई तरह कूटरचित दस्तावेज संलग्न किए गए हैं.

अधिक अंश दर्शाकर जालसाजी

शिकायतकर्ता का कहना है कि जब 19 जुलाई 2017 को निष्पादन हुआ था तब ज्यूपिटर डेल्कोम के 6,11,000 अंशों को बीआर शेट्टी को हस्तांतरित करने की बात कहीं गई थीं जबकि हकीकत यह थीं कि ज्यूपिटर डेल्कोम के अंशधारक रजिस्टर को अवलोकन करने के बाद यह बात सामने आई कि उसके पास उक्त तिथि में ज्यूपिटर के पास मात्र 4,06,000 equity शेयर ही थे. इसका स्पष्ट अर्थ है कि सुनील खेमका और उसकी पत्नी मेघा खेमका ने फर्जी आंकड़ों और दस्तावेजों के जरिए बीआर शेट्टी को गुमराह कर जालसाजी की. इतना ही नहीं बीआर शेट्टी के निवेश को लूटने के लिए खेमका और उसकी पत्नी ने हेल्थ टेक छत्तीसगढ़ प्राइवेट लिमिटेड के 10 रुपए वाले अंश को उसके वास्तविक मूल्य से कई गुना बढ़ाकर पेश किया. शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में और भी कई तरह के गंभीर और सनसनीखेज आरोप लगाए हैं. एक आरोप वामपंथी अतिवादियों के इलाज और उनके धन के वित्तपोषण और समायोजन का भी है.

न्यायालय क्यों नहीं जाते शेट्टी

इधर डाक्टर सुनील खेमका ने यह माना है कि शेट्टी उनके पार्टनर है. खेमका का कहना है कि अनुबंध की शर्तों के हिसाब से शेट्टी को जो पेमेंट करना था वह उनके द्वारा नहीं किया गया. खेमका का कहना है कि शेट्टी के आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद और निराधार है. अगर उन्हें बहुत ज्यादा दिक्कत हैं तो उन्हें इधर-उधर जाने के बजाय न्यायालय की शरण ले लेनी चाहिए.

 

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