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छत्तीसगढ़ के कोविड के मामले में बदहाली से परेशान नर्सों ने कहा-हम भी इंसान है...हमारे जीवन का भी ख्याल रखिए

छत्तीसगढ़ के कोविड के मामले में बदहाली से परेशान नर्सों ने कहा-हम भी इंसान है...हमारे जीवन का भी ख्याल रखिए

रायपुर. बिलासपुर जिले के सिम्स चिकित्सालय के कोविड-19 ओपीडी में कार्यरत स्टाफ और नर्सों ने खुद के जीवन को बचाने के लिए सिम्स चिकित्सालय के संयुक्त संचालक और चिकित्सा अधीक्षक से गुहार लगाई है.

ओपीड़ी में कार्यरत स्टाफ और नर्सों ने संयुक्त संचालक और चिकित्सा अधीक्षक को एक पत्र भेजकर कहा है कि कोविड़-19 के ओपीडी, आईपीडी और आइसोलेशन वार्ड में कार्यरत कर्मचारियों का संपर्क संदेही मरीजों से होता है. जो भी मरीज संदेही होता है उसका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जाता है. जब तक मरीज का पॉजिटिव नहीं पाया जाता तब तक वह कोविड-19 के नाम से बनाए गए अस्पताल में कार्यरत स्टाफ व नर्सों के संपर्क में रहता है. फिलहाल हमें सिम्स में 14 दिनों तक कार्य लिया जाता है. जब 14 दिन की डयूडी पूरी हो जाती है तो बिना आरटीपीसी आर टेस्ट के घर जाने को कह दिया जाता है. नियमानुसार संक्रमित मरीजों के संपर्क में रहने वाले अस्पताल के प्रत्येक स्टाफ व नर्स का चेकअप होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है. नर्सों और स्टाफ ने कहा है कि अगर कोई कर्मचारी संक्रमित होता है और संक्रमण उसके परिवार में फैलता है तो उसकी जिम्मेदारी सिम्स प्रबंधन की मानी जाएगी. ( पत्र देखें )  

 

 

 

 

 

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